अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज़ का आगाज़ उम्मीद से कहीं ज़्यादा शानदार रहा। पहले दिन ही भारतीय टीम ने अपने गेंदबाज़ों के कमाल और केएल राहुल की संयमित बल्लेबाज़ी के दम पर वेस्टइंडीज को घुटनों पर ला दिया। यह सिर्फ एक मैच की शुरुआत नहीं, बल्कि सीरीज़ में अपनी धमक जमाने का एक स्पष्ट संदेश था।
वेस्टइंडीज की बल्लेबाज़ी: एक सपना, जो टूट गया
जब टॉस जीतकर वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया, तो शायद उन्होंने एक मजबूत शुरुआत की उम्मीद की होगी। लेकिन भारतीय तेज़ गेंदबाज़, विशेषकर मोहम्मद सिराज, कुछ और ही इरादों से मैदान पर उतरे थे। जिस पिच पर हल्की नमी और हरियाली दिख रही थी, सिराज ने उसका पूरा फायदा उठाया। वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज़, टैगेनारिन चंद्रपॉल और जॉन कैंपबेल, क्रीज़ पर टिक ही नहीं पाए। पहले आधे घंटे के भीतर ही सिराज और बुमराह ने उन्हें पवेलियन भेज दिया। चंद्रपॉल ने जहां सिराज को अपना विकेट तोहफे में दिया, वहीं बुमराह ने अपनी स्विंग और सीम से कैंपबेल को जाल में फँसाया।
इसके बाद भी वेस्टइंडीज की मुसीबतें कम नहीं हुईं। एलिक अथानेज़ और ब्रैंडन किंग से कुछ जुझारूपन की उम्मीद थी, लेकिन सिराज ने महज़ 10 गेंदों के भीतर इन दोनों को भी चलता कर दिया। सिराज की गेंदबाज़ी में वो पैनापन था, जो बल्लेबाज़ों को लगातार गलतियाँ करने पर मजबूर कर रहा था। किंग को तो उन्होंने अपनी इन-स्विंग पर क्लीन बोल्ड किया, जब उन्होंने गेंद को बाहर जाता समझकर छोड़ दिया था। यह किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए एक सपने जैसा विकेट होता है!
लंच से पहले और बाद का संग्राम
वेस्टइंडीज को उम्मीद थी कि रोस्टन चेज़ और शाई होप की अनुभवी जोड़ी कुछ कमाल दिखाएगी। उन्होंने कुछ देर तक संघर्ष भी किया और लंच तक बिना किसी और नुकसान के जाने की कोशिश की। लेकिन, भारतीय टीम में सिर्फ तेज़ गेंदबाज़ ही नहीं, स्पिन का जादू भी है। कुलदीप यादव ने एक शानदार गेंद पर शाई होप को चकमा दिया। गेंद ने हवा में ड्रिफ्ट किया, टर्न लिया और होप को ड्राइव करने पर मजबूर किया, और अंततः स्टंप्स से जा टकराई। इस विकेट ने लंच की घोषणा की, जिससे वेस्टइंडीज ने थोड़ी राहत की सांस ली होगी, लेकिन स्कोरबोर्ड पर 90 रन पर 5 विकेट की स्थिति उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
लंच के बाद भी कहानी नहीं बदली। सिराज ने चेज़ को एक बेहतरीन गेंद पर आउट किया, और फिर डेब्यू करने वाले खैरी पियरे को वॉशिंगटन सुंदर ने LBW आउट कर दिया। 144 रन पर 7 विकेट से वेस्टइंडीज 153 रन पर 9 विकेट तक पहुँच गई, जब जसप्रीत बुमराह ने अपनी दो अचूक यॉर्कर से बल्लेबाज़ों के स्टंप्स बिखेर दिए। सिराज अपने पांच विकेट पूरे करने से चूक गए, लेकिन कुलदीप यादव ने अंतिम विकेट लेकर वेस्टइंडीज की पारी को 162 रन पर समेट दिया। यह भारतीय गेंदबाज़ों के लिए एक सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण था, जहाँ सिराज ने 4, बुमराह ने 3 और कुलदीप ने 2 विकेट लिए।
केएल राहुल का संयम और भारत की मजबूत पकड़
वेस्टइंडीज को 162 रन पर ऑल आउट करने के बाद, भारतीय बल्लेबाज़ों पर से थोड़ा दबाव हट गया था। केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने संभलकर बल्लेबाज़ी की शुरुआत की। अंतिम सत्र में, जब बारिश ने खेल को थोड़ी देर के लिए रोका, तो शायद यह भारत के लिए एक “ताज़ा हवा का झोंका” था। वापसी पर जायसवाल ने अपनी आक्रामक शैली दिखाई और तेज़ी से रन बनाए, लेकिन 68 रनों की साझेदारी के बाद वह जयडेन सील्स का शिकार बन गए।
साई सुदर्शन भी ज़्यादा देर नहीं टिक पाए, लेकिन एक छोर पर केएल राहुल चट्टान की तरह खड़े रहे। उन्होंने धैर्य और संयम का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपना 19वाँ टेस्ट अर्द्धशतक पूरा किया। शुभमन गिल के साथ मिलकर उन्होंने दिन का खेल समाप्त किया। दिन के अंत तक, भारत का स्कोर 2 विकेट पर 121 रन था, और वे वेस्टइंडीज के स्कोर से सिर्फ 41 रन पीछे थे।
निष्कर्ष: भारत का शानदार आगाज़
पहले दिन का खेल पूरी तरह से भारत के नाम रहा। गेंदबाज़ों ने पिच का शानदार उपयोग किया और वेस्टइंडीज को सस्ते में समेट दिया। इसके बाद, केएल राहुल की कप्तानी वाली पारी ने सुनिश्चित किया कि भारत दिन का अंत एक मजबूत स्थिति में करे। यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी पर्व से कम नहीं था। अगर भारतीय टीम इसी लय को बरकरार रखती है, तो यह सीरीज़ उनके लिए एकतरफा साबित हो सकती है। वेस्टइंडीज को दूसरे दिन एक चमत्कार की उम्मीद होगी, लेकिन फिलहाल पलड़ा पूरी तरह से भारत के पक्ष में झुका हुआ है।
संक्षिप्त स्कोर: भारत 121/2 (केएल राहुल 53*, यशस्वी जायसवाल 36; जयडेन सील्स 1-21) वेस्टइंडीज 162 (जस्टिन ग्रीव्स 32; मोहम्मद सिराज 4-40, जसप्रीत बुमराह 3-42, कुलदीप यादव 2-25) से 41 रनों से पीछे।