अहमदाबाद में भारतीय तिकड़ी का जलवा: राहुल, जुरेल और जडेजा ने वेस्टइंडीज को घुटनों पर झुकाया

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अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में चल रहे भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मैच का तीसरा दिन भारतीय क्रिकेट के लिए एक यादगार अध्याय बन गया। यह सिर्फ खेल नहीं था, बल्कि दृढ़ संकल्प, रणनीतिक कौशल और व्यक्तिगत प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन था, जिसने वेस्टइंडीज को बैकफुट पर धकेल कर भारत को मैच में पूर्ण नियंत्रण दिला दिया। यह दिन भारतीय बल्लेबाजी की गहराई और उसके जुझारू तेवर का प्रमाण था।

मैच का सार (तीसरे दिन के अंत तक):

भारत: 448/5 (ध्रुव जुरेल 125, केएल राहुल 100, रविंद्र जडेजा 104*)

वेस्टइंडीज: 162 (पहली पारी)

भारत की बढ़त: 286 रन

केएल राहुल: घरेलू मैदान पर वापसी का शानदार शतक

कल के नाबाद शतकवीर केएल राहुल ने आज की शुरुआत बड़े ही भाग्यशाली अंदाज में की। दिन के पहले ही ओवर में, जब वह 57 रन पर थे, उन्होंने एक बाहरी किनारा लगाया। मगर वेस्टइंडीज के कप्तान चेस ने स्लिप कॉर्डन को `विकेट लेने` के बजाय `रन बचाने` के इरादे से फैला रखा था, जिसकी बदौलत गेंद खाली स्थान से बाउंड्री के पार चली गई। यह शायद वेस्टइंडीज की सबसे बड़ी रणनीतिक चूक थी, जिसका खामियाजा उन्हें पूरे दिन भुगतना पड़ा। राहुल ने इस जीवनदान को भुनाते हुए 2016 के बाद अपना पहला घरेलू टेस्ट शतक पूरा किया। इस खास उपलब्धि को उन्होंने अपनी नवजात बेटी को समर्पित किया, जो मैदान पर मौजूद हर क्रिकेट प्रेमी के लिए एक भावुक पल था।

ध्रुव जुरेल: भविष्य का सितारा और उनका पहला टेस्ट शतक

इस मैच ने भारतीय क्रिकेट को एक नया सितारा दिया – ध्रुव जुरेल। अपने पहले टेस्ट शतक से उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह सिर्फ एक अच्छे खिलाड़ी नहीं, बल्कि भविष्य के मजबूत स्तंभ हैं। उनकी बल्लेबाजी में परिपक्वता, अच्छे-बुरे गेंदों का बेहतरीन चुनाव और आक्रमण व रक्षा के बीच का संतुलन साफ झलकता है। तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनके बैक-फुट शॉट्स तो मानो किसी `शिल्पकार` की कृति थे। यह दर्शाता है कि वह विदेशी, तेज पिचों पर भी खुद को बखूबी ढाल सकते हैं। जहां ऋषभ पंत अपनी `उच्च सीमा` (यानी विध्वंसक क्षमता) के लिए जाने जाते हैं, वहीं जुरेल `उच्च आधार` (अर्थात निरंतरता और ठोस खेल) के साथ मैदान पर उतरते हैं। इस शतक का जश्न उन्होंने भारतीय सेना में रहे अपने पिता को समर्पित कर अपनी देशभक्ति और पारिवारिक मूल्यों का भी परिचय दिया।

रविंद्र जडेजा: आक्रामक पलटवार और तीसरा शतक

दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ा, पिच भी अपना रंग दिखाने लगी और वेस्टइंडीज के स्पिनरों को भी गेंद को टर्न कराने में मदद मिल रही थी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों ने सामूहिक रूप से आक्रमण का फैसला किया, ताकि स्पिनरों को उनकी सही लेंथ और लाइन से भटकाया जा सके। रविंद्र जडेजा ने इस योजना को बखूबी अंजाम दिया। उन्होंने गेंदबाजों पर चार्ज किया और हर बार बाउंड्री बटोरने की कोशिश की। उनके 11 चौकों में से सात इसी `निर्दयी` और आक्रामक दृष्टिकोण का परिणाम थे। 90 के दशक में पहुंचने के लिए उन्होंने एक शानदार छक्का जड़ा, जो उनकी निडर मानसिकता का प्रतीक था। वेस्टइंडीज के स्पिनर जोमेल वारिकन, रोस्टन चेस और खारी पियरे मिलकर 82 ओवर में 283 रन लुटा चुके थे और सिर्फ 4 विकेट ही ले पाए। जडेजा का शतक इस पारी का तीसरा शतक था, जो भारत के लिए 2018 के वेस्टइंडीज दौरे और इस साल इंग्लैंड दौरे के बाद देखने को मिला है। यह भारतीय बल्लेबाजी की अप्रतिम गहराई का परिचायक है।

वेस्टइंडीज की रणनीतिक भूलें और कुछ मानवीय क्षण

वेस्टइंडीज की टीम ने दिन की शुरुआत ही क्षतिपूर्ति (damage control) के इरादे से की थी, लेकिन उनकी रक्षात्मक रणनीति उनके लिए ही आत्मघाती साबित हुई। कप्तान चेस का शुरुआती दौर में स्लिप कॉर्डन को खाली रखना उनकी सबसे बड़ी भूलों में से एक थी। हालांकि, तेज गेंदबाज जेडन सील्स ने बहादुरी से गेंदबाजी की। गर्मी और क्रैम्प्स से जूझने के बावजूद वह 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डालते रहे, जो उनके समर्पण को दर्शाता है। वारिकन ने भी गेंद को धीमा करके भारतीय बल्लेबाजों को लालच देने की कोशिश की, लेकिन जडेजा ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस बीच, वेस्टइंडीज के लिए एक भावनात्मक और मानवीय पल तब आया जब 34 वर्षीय खारी पियरे ने अपने फर्स्ट-क्लास डेब्यू के दस साल बाद आखिरकार अपना पहला टेस्ट विकेट हासिल किया। उनकी मुस्कान ने क्रिकेट की आत्मा को रोशन कर दिया।

भारत ने तीसरे दिन सिर्फ तीन विकेट खोकर 327 रन जोड़े और अब वेस्टइंडीज पर 286 रनों की विशाल बढ़त के साथ पूरी तरह से हावी है। यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक झलक भी है, जहां युवा प्रतिभाएं अनुभवी खिलाड़ियों के साथ मिलकर टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। वेस्टइंडीज के लिए अब यहां से वापसी करना बेहद मुश्किल होगा और ऐसा लगता है कि यह रोमांचक मुकाबला शायद अपने पूरे पांच दिन भी न चले। भारतीय टीम एक बड़ी जीत की ओर अग्रसर है, जो उनके आगामी ICC विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अभियान के लिए महत्वपूर्ण गति प्रदान करेगी।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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