क्रिकेट, जो कई देशों के लिए एक जुनून है, अमेरिका में अभी भी अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। दशकों से यह खेल अमेरिकी जनमानस में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है, और इसमें कुछ सफलता भी मिली है। लेकिन हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा यूएसए क्रिकेट (USAC) को निलंबित करने का फैसला, इस खेल के अमेरिकी अध्याय में एक नई और जटिल बाधा बनकर सामने आया है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि अमेरिका में क्रिकेट के भविष्य पर मंडराता एक गहरा सवालिया निशान है। मानो संकट की घोषणा ही संकट का समाधान हो, लेकिन यहाँ तो संकट के ऊपर एक और संकट खड़ा हो गया है।
ICC का सख्त फैसला और USAC की पीड़ा
ICC का यह निर्णय गवर्नेंस संबंधी गंभीर विफलताओं और वित्तीय अनियमितताओं के चलते लिया गया है। USAC ने इसे अपने इतिहास के “सबसे मुश्किल पलों” में से एक बताया है, जिसे समझना उनके लिए “कठिन” है। उनका तर्क है कि ICC द्वारा लिया गया यह कदम “आक्रामक” है, और संगठन के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दिवालियापन के लिए आवेदन करना एक “आवश्यक” वित्तीय पुनर्गठन था। उनकी मानें तो यह सब क्रिकेट की भलाई के लिए किया गया है, लेकिन बाहर से देखने पर यह एक ऐसी लड़ाई लगती है जहाँ विजेता कोई नहीं है, केवल खेल हार रहा है।
USAC ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि वे इस `चुनौतीपूर्ण` अवधि से निपटने और ICC के साथ सहमत समय-सीमा के अनुसार चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह बयान ऐसे समय आया जब उन्होंने 1 अक्टूबर को दिवालियापन के लिए आवेदन किया, जबकि ICC ने 23 सितंबर को ही उन्हें निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। यानी, तलवार पहले लटक चुकी थी और फिर उन्होंने अपना पैर तलवार की धार पर रख दिया।
असली पेंच कहाँ फँसा है: USAC बनाम ACE
ICC के निलंबन और USAC के दिवालियापन के पीछे की असली कहानी USAC और उसकी प्रमुख वाणिज्यिक भागीदार, अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइज (ACE), जो मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की मालिक भी है, के बीच गहरे और कड़वे विवाद में छिपी है। यह एक ऐसी गाथा है जहाँ आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
USAC के आरोप: “एकतरफा अनुबंध और हस्तक्षेप”
USAC का दावा है कि उन्होंने ACE के साथ अपने दीर्घकालिक अनुबंध को “अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा” के लिए समाप्त किया। उनके अनुसार, ACE के साथ 2019 में हस्ताक्षरित 50-वर्षीय वाणिज्यिक समझौता “एकतरफा” था और राष्ट्रीय टीम के वाणिज्यिक अधिकारों का “अवमूल्यन” करता था, जिनकी कीमत USAC के अनुसार $5 मिलियन प्रति वर्ष से अधिक थी, जबकि ACE केवल $1.2 मिलियन देने को प्रतिबद्ध था।
USAC ने ACE पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वित्तीय और परिचालन लक्ष्यों को पूरा करने में विफलता।
- संगठन के शासन, संचालन और कार्यक्रमों को नियंत्रित करने का प्रयास।
- ग्रासरूट क्रिकेट से लेकर USAC बोर्ड तक “लगातार धमकी और हस्तक्षेप”।
- राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर “उनके हितों से जुड़े खिलाड़ियों को चुनने के लिए दबाव” डालना।
- देश में क्रिकेट में शामिल होने के बहाने “100 से अधिक विदेशी खिलाड़ियों को आयात करना”, जिनमें से कई को बाद में अधूरा छोड़ दिया गया।
- बोर्ड सदस्यों को एसोसिएटेड लीग्स में टीम के मालिक या अन्य भूमिकाओं का वादा करके प्रभावित करने की कोशिश।
USAC के अध्यक्ष वेणु पिसिके ने कहा कि उन्होंने “सुविधा के बजाय सिद्धांत को चुना” और उनके निर्णय “खेल के भविष्य की रक्षा के लिए थे, न कि उसके नियंत्रण को आत्मसमर्पण करने के लिए।” यह एक आदर्शवादी बयान है, लेकिन क्या यह वर्तमान स्थिति की जटिलता को कम करता है, यह सवाल है।
ACE का पलटवार: “झूठे आरोप और बोर्ड पर कब्ज़ा”
अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइज (ACE) ने USAC के बयानों को “झूठा” और “गलत” बताया है। उनका आरोप है कि USAC के पांच निदेशकों ने बोर्ड को “हाईजैक” कर लिया है और वे ICC के साथ-साथ यूएस ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) के छह-सूत्री रोडमैप का पालन करने से इनकार कर रहे हैं।
“ACE इसे अदालत में अपने कार्यों के लिए जवाबदेह होने से बचने का एक पतला प्रयास मानता है। USAC क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों के सर्वोत्तम हितों के लिए शून्य सम्मान दिखा रहा है, और केवल राजनीति और इन पांच निदेशकों के व्यक्तिगत एजेंडा से प्रेरित है।”
यह कुछ ऐसा है जैसे दो पहलवान अखाड़े में उतरने से पहले ही एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हों, और दर्शक सोच रहे हों कि असली खेल कब शुरू होगा। दोनों पक्ष अपनी-अपनी कहानियाँ सुना रहे हैं, और इस बीच, अमेरिका में क्रिकेट का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
ओलंपिक का सपना और अधूरी उम्मीदें
यह सारा नाटक ऐसे समय में हो रहा है जब क्रिकेट लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक खेलों में अपनी वापसी के लिए तैयार हो रहा है। ICC, यूएस ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) के साथ मिलकर USAC को राष्ट्रीय शासी निकाय (NGB) का दर्जा दिलाने की कोशिश कर रहा था, जो ओलंपिक खेलों में शामिल होने वाले सभी खेलों के लिए अनिवार्य है। ICC ने USAC को बोर्ड की “अखंडता और विश्वसनीयता बहाल” करने के लिए एक “छह-सूत्री रोडमैप” भी भेजा था।
लेकिन USAC का निलंबन इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। एक ओर ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने का ऐतिहासिक अवसर है, दूसरी ओर उसके अमेरिकी प्रशासन का पतन। यह किसी त्रासदी से कम नहीं कि जब दुनिया की आँखें अमेरिका में क्रिकेट के विकास पर टिकी हैं, तब उसके अपने घर में ही आग लगी हुई है।
आगे क्या? अनिश्चितता और उम्मीद की किरण
अमेरिका में क्रिकेट का भविष्य इस समय एक दोराहे पर खड़ा है। USAC अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहा है कि वह इस `चुनौतीपूर्ण` दौर से गुजरेगा और ICC के साथ सहमत समय-सीमा के अनुसार चुनाव कराएगा। लेकिन ACE का आरोप है कि पांच निदेशकों ने बोर्ड को `हाईजैक` कर लिया है और ICC के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे। ऐसे में, यह विश्वास करना कठिन है कि चीजें आसानी से पटरी पर आ जाएंगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह `कठिन क्षण` अमेरिका में क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय लिखेगा, या फिर यह सिर्फ एक और अधूरी कहानी बनकर रह जाएगा। क्रिकेट की भावना, जो अक्सर चुनौतियों से उबरने की बात करती है, क्या अमेरिकी धरती पर इस प्रशासनिक और वाणिज्यिक चक्रव्यूह से निकल पाएगी? समय ही बताएगा।