क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह खबर किसी रोमांचक टेस्ट मैच के आखिरी दिन की तरह है, जहाँ परिणाम अंतिम गेंद तक अनिश्चित रहता है। आईसीसी ने यूएसए क्रिकेट (USAC) को दिया गया निलंबन नोटिस तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है, जिससे अमेरिकी क्रिकेट के प्रशासनिक भविष्य पर एक बार फिर नए सवाल खड़े हो गए हैं। क्या यह केवल तूफान से पहले की शांति है, या यूएसएसी के लिए अपनी गलतियों को सुधारने का एक वास्तविक मौका?
अधर में लटका प्रशासन: एक पुरानी कहानी
काफी समय से, यूएसए क्रिकेट (USAC) अपनी प्रशासनिक उथल-पुथल के लिए सुर्खियों में रहा है। कुशासन, आंतरिक कलह और पारदर्शिता की कमी ने इसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के रडार पर ला दिया था। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि जुलाई 2024 की वार्षिक आम बैठक (AGM) में ICC ने यूएसएसी को निलंबित करने का नोटिस जारी कर दिया था। यह एक स्पष्ट संकेत था कि अब बहुत हो गया, और बोर्ड को अपने घर को व्यवस्थित करना होगा।
जब उम्मीद थी `सर्जिकल स्ट्राइक` की
माना जा रहा था कि इस बार ICC कोई नरमी नहीं बरतेगी। अफवाहें और रिपोर्ट्स कुछ और ही कहानी कह रही थीं। खबरें थीं कि आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने यूएसएसी के चेयरमैन वेणु पिसिके और सीईओ जॉनथन एटकीसन के साथ अनौपचारिक चर्चा की थी। इस दौरान, अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) की सिफारिश पर, ICC ने यूएसएसी के सभी नौ बोर्ड निदेशकों के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद, ICC ने यूएसएसी को एक `सामान्यीकरण का रोडमैप` भेजा था, जिसमें मौजूदा बोर्ड सदस्यों के इस्तीफे के बाद ICC और USOPC की सलाह से तीन नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का प्रस्ताव था। यह एक तरह की `सर्जिकल स्ट्राइक` थी, जिससे उम्मीद थी कि अमेरिकी क्रिकेट को एक नया और साफ-सुथरा प्रशासन मिलेगा।
आईसीसी की `गुगली`: नरमी या रणनीति?
लेकिन, आईसीसी की वार्षिक आम बैठक (AGM) के बाद जो घोषणा हुई, वह कई लोगों के लिए एक `गुगली` की तरह थी। निलंबन को हटाने के बजाय, इसे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया। निरीक्षण की इस `अवधि` को `निलंबन का विस्तार` कहा गया, जो एक तरह से यूएसएसी को अपनी गलतियों को सुधारने का एक और मौका देने जैसा था। यह उतना कठोर कदम नहीं था जितना USOPC या क्रिकेट समुदाय उम्मीद कर रहा था।
सबसे चौंकाने वाला बदलाव यह था कि पहले के `कूलिंग-ऑफ` अवधि के नियम को हटा दिया गया। इसका मतलब है कि चेयरमैन वेणु पिसिके और नादिया ग्रुनी को छोड़कर (जिनका कार्यकाल समाप्त हो गया है), सभी निवर्तमान निदेशक फिर से चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। यह फैसला निश्चित रूप से कुछ भौंहें चढ़ाएगा, क्योंकि यह उन लोगों को वापसी का मौका देता है, जिन पर पहले शासन संबंधी मुद्दों का आरोप लगाया गया था। क्या यह ICC की दूरदर्शिता है, या एक मौका है कि वही पुरानी समस्याएं फिर से जड़ पकड़ लें?
नई संरचना और अनसुलझे सवाल
संशोधित संविधान के तहत, यूएसएसी बोर्ड में अब 10 के बजाय 12 निदेशक होंगे। दो अतिरिक्त सीटें खिलाड़ी प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित की गई हैं, जिससे कुल खिलाड़ी निदेशकों की संख्या चार हो गई है। आगामी चुनावों में बारह में से नौ बोर्ड पदों के लिए मतदान होगा, जबकि तीन स्वतंत्र निदेशक पद नियुक्त किए जाएंगे, चुने नहीं जाएंगे।
हालांकि, कुछ अनसुलझे सवाल अभी भी बने हुए हैं:
- खिलाड़ी की पात्रता का पेंच: यह भी देखना बाकी है कि खिलाड़ी निदेशक के पद के लिए सालवर की पात्रता क्या होगी, क्योंकि उन्होंने अमेरिका का प्रतिनिधित्व लिस्ट-ए मैचों में तो किया है, लेकिन ICC पूर्ण या सहयोगी सदस्यों के खिलाफ आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय मैचों में नहीं खेला है। क्या वह USOPC दिशानिर्देशों के तहत पात्र होंगे?
- कानूनी दांवपेंच: बोर्ड के भीतर चल रहे कानूनी विवाद भी कम सिरदर्द नहीं हैं। कुलजीत निज्जर, अर्जुन गोना, अतुल राय और पेट्रीसिया व्हिटेकर (जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया था) जैसे निदेशकों द्वारा पिसिके, सालवर और अन्य के खिलाफ दायर मुकदमे अभी भी लंबित हैं। इन आंतरिक विवादों को सुलझाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
- MLC से रिश्ते: मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की वाणिज्यिक अधिकार धारक अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज (ACE) के साथ यूएसएसी के `टूटते` संबंध भी एक चिंता का विषय हैं। देश में क्रिकेट के विकास के लिए उनके बीच तालमेल और सहयोग आवश्यक है।
USOPC की प्रतिक्रिया का इंतजार
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) इस `नरम` रुख पर क्या प्रतिक्रिया देगी। USOPC ने अभी तक यूएसएसी को संयुक्त राज्य अमेरिका में खेल के लिए आधिकारिक राष्ट्रीय शासी निकाय (NGB) के रूप में नामित नहीं किया है, जो ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीमों को भेजने के लिए आवश्यक है। USOPC ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि बोर्ड नेतृत्व के बदलाव के बिना वे क्रिकेट के लिए प्रमाणन अवधि नहीं खोलेंगे। आईसीसी का वर्तमान निर्णय, जिसमें पूर्ण बोर्ड बदलाव नहीं हुआ है, ने USOPC को निश्चित रूप से हैरान कर दिया होगा। अब देखना यह है कि USOPC कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या वह इस गतिरोध को सुलझाने में एक प्रमुख हितधारक के रूप में फिर से अपनी भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष: तूफान से पहले की शांति?
तो, क्या यह तीन महीने का विस्तार यूएसए क्रिकेट के लिए एक नया सवेरा लेकर आएगा, या यह केवल तूफान से पहले की शांति है? आईसीसी ने यूएसएसी को अपनी समस्याओं को हल करने का एक और मौका दिया है, लेकिन `बोर्ड ऐसे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है, जैसा वह उचित समझे` – यह चेतावनी अभी भी तलवार की तरह लटकी हुई है। यूएसएसी के लिए यह समय आत्मनिरीक्षण, सुधार और एकजुटता का है। अमेरिकी क्रिकेट को वास्तविक प्रगति करने और ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना पूरा करने के लिए, उन्हें न केवल अपनी प्रशासनिक कमियों को दूर करना होगा, बल्कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करना होगा। यह देखना रोमांचक होगा कि अगले तीन महीनों में अमेरिकी क्रिकेट कौन सी नई `पारी` खेलता है।