अमेरिकी क्रिकेट की उथल-पुथल: बोर्ड में खींचतान, दिवालियापन का खतरा और खिलाड़ियों का अनिश्चित भविष्य

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हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा यूएसए क्रिकेट (USAC) को निलंबित किए जाने के बाद, अमेरिकी क्रिकेट एक गहरे प्रशासनिक संकट में घिर गया है। इस निलंबन के तुरंत बाद, अमेरिकी क्रिकेट समुदाय के भीतर एक महत्वपूर्ण हलचल देखने को मिली है, जिसने इस खेल के भविष्य पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। यह सिर्फ एक निलंबन का मामला नहीं, बल्कि एक जटिल कहानी है जिसमें बोर्डरूम की राजनीति, वित्तीय जोखिम और खिलाड़ियों का अनिश्चित भविष्य शामिल है।

बोर्डरूम का हंगामा: अंज बलुसू की बर्खास्तगी

आईसीसी के निलंबन के ठीक बाद, यूएसए क्रिकेट के लीग निदेशक अंज बलुसू को `वापस बुलाने` (पद से हटाने) की मांग तेज़ हो गई। दक्षिणी कैलिफोर्निया क्रिकेट एसोसिएशन, उत्तरी कैलिफोर्निया क्रिकेट एसोसिएशन, डलास क्रिकेट लीग, वाशिंगटन क्रिकेट लीग, ओरेगॉन क्रिकेट लीग और न्यू जर्सी सॉफ्टबॉल क्रिकेट लीग सहित यूएसएसी की नौ सदस्य लीगों में से छह ने उनके निष्कासन की मांग करने वाली याचिका पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद तुरंत मतदान हुआ और बलुसू को उनके पद से हटा दिया गया। यह कदम लंबे समय से चले आ रहे बोर्डरूम के तनाव का सीधा परिणाम है, जिसकी सूचना आईसीसी को भी दी गई है।

यह घटनाक्रम अमेरिकी क्षेत्रीय लीगों के बीच बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। आईसीसी निलंबन के बाद चुनाव की संभावना बेहद कम होने के कारण, लीगों ने बलुसू को वापस बुलाने का अधिकार प्रयोग किया। यह यूएसएसी अध्यक्ष वेणु पिसिके के गुट के प्रति गहरी नाराजगी का स्पष्ट संकेत था, जिसका बलुसू एक हिस्सा थे। क्रिकेट बिरादरी के कई लोगों का मानना है कि इसी गुट ने यूएसएसी और व्यापक क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र को गर्त में धकेल दिया है।

दिवालियापन की तलवार: एक हैरान कर देने वाला कदम

बलुसू को हटाने का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जानकारी के अनुसार, पिसिके ने दिवालियापन घोषित करने की योजना बनाई है, और 30 सितंबर को इस पर मतदान के लिए एक विशेष बोर्ड बैठक निर्धारित की गई है। अमेरिकी कानून के तहत, यदि यूएसएसी जैसा एक गैर-लाभकारी संगठन चैप्टर 7 दिवालियापन के लिए आवेदन करता है, तो संस्था को खत्म कर दिया जाता है और उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। यह एक ऐसा कदम है जो अमेरिकी क्रिकेट को स्थायी रूप से मिटा सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि बलुसू को हटाने से पिसिके गुट का 5-4 का पतला बहुमत खत्म हो गया है, जिससे बोर्ड 4-4 के गतिरोध पर आ गया है। इस गतिरोध के कारण दिवालियापन प्रस्ताव सहित कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर अंतिम सहमति मुश्किल हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि यूएसएसी के पास अभी भी लगभग 250,000 अमेरिकी डॉलर हैं, जिससे दिवालियापन की घोषणा समय से पहले लगती है। कुछ हितधारक इसे आईसीसी को पिसिके की शर्तों पर बातचीत के लिए मजबूर करने की रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं। यह एक दिलचस्प पैंतरा है, जिसमें क्रिकेट का भविष्य मोहरे की तरह इस्तेमाल हो रहा है।

खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर

इस प्रशासनिक अराजकता का खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। राष्ट्रीय क्रिकेटर, जो कुछ ही महीनों में पुरुषों के अंडर-19 विश्व कप और 2026 टी20 विश्व कप जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले हैं, अब अनिश्चितता के भंवर में फंस गए हैं। कई प्रमुख अमेरिकी खिलाड़ियों के पास लगभग 60,000 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष के अनुबंध हैं, जिससे वे पूरी तरह से खेल पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। दिवालियापन उन समझौतों को अचानक समाप्त कर सकता है, जिससे खिलाड़ियों को सबसे बुरे समय में वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

इससे भी बदतर बात यह है कि इस कुप्रबंधन ने मैदान पर तैयारियों को भी नुकसान पहुंचाया है। यूएसए ने 15 महीने से अधिक समय पहले ऐतिहासिक टी20 विश्व कप की मेजबानी करने के बाद से किसी भी पूर्ण सदस्य टीम के खिलाफ एक भी टी20I नहीं खेला है। यह दर्शाता है कि प्रशासनिक विफलताओं का सीधा असर खेल के विकास और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पड़ रहा है।

आगे क्या? सामूहिक इस्तीफे की मांग

आईसीसी द्वारा यूएसएसी को निलंबित करने और क्लबों द्वारा पिसिके के गुट से जुड़े एक निदेशक को वापस बुलाने के साथ, क्रिकेट बिरादरी के भीतर यह भावना बढ़ती जा रही है कि वर्तमान बोर्ड को आईसीसी और यूएसओपीसी दोनों के मार्गदर्शन को मानना चाहिए: सामूहिक रूप से इस्तीफा देना और स्वतंत्र शासन सुधारों के लिए रास्ता साफ करना।

अमेरिकी क्रिकेट को इस गंभीर मोड़ पर एक निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता है, जो खेल के हित को व्यक्तिगत लाभ या राजनीतिक दांव से ऊपर रखे। जब तक यह नहीं होता, तब तक अमेरिकी क्रिकेट का भविष्य एक गहरे कोहरे में लिपटा रहेगा, जिसमें खिलाड़ियों के सपने और खेल के विकास की संभावनाएं धूमिल होती रहेंगी। यह केवल बोर्डरूम की लड़ाई नहीं, बल्कि अमेरिकी खेल के भविष्य की लड़ाई है, जिसे जीतने के लिए निस्वार्थ सेवा और सच्ची खेल भावना की आवश्यकता है।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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