बांग्लादेश क्रिकेट में एक बड़ा तूफान खड़ा हो गया है। अनुभवी सलामी बल्लेबाज और देश के सबसे सम्मानित क्रिकेटरों में से एक, तमीम इकबाल ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के आगामी चुनावों से अपना नामांकन वापस ले लिया है। उनका यह कदम सिर्फ एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि क्रिकेट प्रशासन में बढ़ती निराशा और पारदर्शिता की कमी पर एक मुखर विरोध है। तमीम का स्पष्ट कहना है कि वह ऐसी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकते, जिसे वे `चुनाव` मानने को तैयार नहीं हैं।

विरोध की वजह: निष्पक्षता पर सवाल
यह सब तब शुरू हुआ जब तमीम ने 21 सितंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। उन्होंने बुधवार को अपने नामांकन पत्र वापस लेते हुए अपनी बात दोहराई: “हममें से कम से कम 14 या 15 लोगों ने आज अपने नामांकन वापस ले लिए हैं। इस वापसी का कारण बहुत स्पष्ट है। शुरू से ही, मैं एक बात कहता रहा हूं, और अब आप सभी इसके बारे में स्पष्ट हैं – कि यह चुनाव किस दिशा में जा रहा है या इसे कैसे संचालित किया जा रहा है।”
उनकी मुख्य शिकायत यह है कि चुनाव प्रक्रिया में मनमानी चल रही है। नियमों को अपनी सुविधानुसार बदला जा रहा है, और यह सब खुलेआम हो रहा है। उन्होंने कहा,
“यह वास्तव में चुनाव नहीं है। यह चुनाव नहीं है, और यह किसी भी तरह से क्रिकेट के लिए उपयुक्त नहीं है।”
तमीम के अनुसार, यह सिर्फ एक दिखावा है, जहां वास्तविक चुनावी सिद्धांतों को ताक पर रख दिया गया है।
`मैच फिक्सिंग नहीं, चुनाव फिक्सिंग पर रोक लगाओ`
तमीम ने एक बहुत ही तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “मैच फिक्सिंग के बारे में अक्सर जोर-शोर से बात की जाती है, लेकिन सबसे पहले चुनाव फिक्सिंग को रोकने की जरूरत है।” यह टिप्पणी गहरी है, क्योंकि यह क्रिकेट के भीतर की एक और गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है – वह है प्रशासन के स्तर पर होने वाली धांधली। अगर खेल का प्रबंधन ही निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन नहीं करता, तो मैदान पर खेल की ईमानदारी की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
नामांकन जमा करने की समय-सीमा को कई बार बढ़ाना, और स्वयं बीसीबी अध्यक्ष द्वारा ऐसे पत्रों पर हस्ताक्षर करना (जो आमतौर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी का काम होता है), ये सभी तमीम के आरोपों को बल देते हैं कि प्रक्रिया में भारी हस्तक्षेप और मनमानी हुई है। उनकी नजर में, “अपनी सुविधानुसार नियमों को कैसे बदला गया”, यह सब `क्रिस्टल क्लियर` है।
बांग्लादेश क्रिकेट पर प्रभाव
तमीम के इस साहसी कदम के बाद, निवर्तमान बीसीबी अध्यक्ष अमीनुल इस्लाम के लिए 6 अक्टूबर के बाद अपने पद पर बने रहने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। कुल 16 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है, जिससे 17 शेष निदेशक पदों के लिए 27 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। पहले से ही छह निदेशक बिना किसी मुकाबले के बोर्ड निदेशक बन चुके हैं, जिसमें बारिसल (शाखावत हुसैन), सिलहट (राहत शम्स), चट्टोग्राम (अहसान इकबाल चौधरी और आसिफ अकबर) और खुलना (अब्दुर रज्जाक और जुल्फिकार अली खान) शामिल हैं। यह इस बात का संकेत है कि कई जगहों पर विरोध की आवाज को दबा दिया गया है या प्रभावी ढंग से हटा दिया गया है।
इस घटनाक्रम से बांग्लादेश क्रिकेट के भीतर बढ़ती गुटबाजी और सत्ता संघर्ष उजागर होता है, जहां कुछ शक्तिशाली व्यक्तियों की इच्छा को प्राथमिकता दी जाती है। ढाका, रंगपुर और राजशाही क्षेत्रों में प्रत्येक में तीन-तीन प्रतियोगी अभी भी निदेशक पद के लिए मैदान में हैं। वहीं, तीसरे वर्ग में, जिसमें शैक्षणिक संस्थान और पूर्व क्रिकेटर शामिल हैं, पूर्व कप्तान खालिद मसूद और जहांगीरनगर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले देबब्रत पॉल के बीच मुकाबला होगा।
`एक काला धब्बा`: आगे की राह
तमीम इकबाल ने इस पूरे घटनाक्रम को “बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के लिए एक काला धब्बा” बताया है। उनका यह बयान सिर्फ निराशा नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है। जब एक प्रमुख खिलाड़ी, जिसने देश के लिए इतना कुछ किया है, खुले तौर पर प्रशासन की ईमानदारी पर सवाल उठाता है, तो यह पूरे खेल की साख पर प्रश्नचिह्न लगाता है। बांग्लादेशी क्रिकेट प्रशंसक, जो खेल के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाते हैं, निश्चित रूप से इस स्थिति से निराश होंगे।
क्रिकेट केवल मैदान पर खेले जाने वाले खेल तक ही सीमित नहीं है; इसका प्रबंधन और प्रशासन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यदि ये स्तंभ कमजोर होते हैं, तो पूरे ढांचे के गिरने का खतरा रहता है। तमीम का विरोध एक वेक-अप कॉल है – कि बांग्लादेश क्रिकेट को केवल मैदान पर ही नहीं, बल्कि बोर्डरूम में भी पारदर्शिता और ईमानदारी की सख्त जरूरत है। क्या बीसीबी इन आरोपों पर ध्यान देगी और अपनी चुनावी प्रक्रिया में सुधार करेगी, यह देखना बाकी है। लेकिन एक बात स्पष्ट है: यह घटना लंबे समय तक बांग्लादेश क्रिकेट की स्मृतियों में ताजा रहेगी।