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बांग्लादेश क्रिकेट में इस समय टेस्ट कप्तान का पद खाली है। नजमुल हुसैन शांतो के अप्रत्याशित रूप से कप्तानी छोड़ने के बाद, टीम के लिए नए नेतृत्व की तलाश जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) किसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपता है, खासकर तब जब टीम को भविष्य में कई अहम टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। इस पद के लिए कई नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन अब एक नया और अनुभवी दावेदार सामने आया है।
इसी गहमागहमी के बीच, बांग्लादेश के प्रमुख बाएं हाथ के स्पिनर ताइजुल इस्लाम ने एक अहम बयान देकर सभी को चौंका दिया है। ताइजुल ने हाल ही में कहा है कि अगर उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इसे खुशी-खुशी स्वीकार करेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब संभावित कप्तानों के कई नाम हवा में तैर रहे हैं, जिनमें हाल ही में वनडे कप्तान बने मेहदी हसन मिराज का नाम भी शामिल है।
ताइजुल का मानना है कि एक कप्तान को टीम के प्रति अपना दृष्टिकोण रखने की आजादी मिलनी चाहिए और उसके फैसलों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि टीम की सफलता में कप्तान का विश्वास बेहद अहम होता है। उन्होंने साफ किया कि कप्तान बनने की उनकी इच्छा किसी पद या `लालच` का नतीजा नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदारी उठाने की क्षमता में उनके विश्वास को दर्शाता है। उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त अनुभव है और वे मानते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो एक कप्तान के तौर पर उनसे अपेक्षित हो और वे उसे न कर सकें। यानी, अगर मौका मिला तो वह पूरी तरह से तैयार हैं – मानो कह रहे हों, `ठीक है, अगर कोई और नहीं मिल रहा, तो मैं ही क्यों नहीं!`।
शांतो के जाने के बाद कई नाम चर्चा में हैं। वनडे टीम के नए कप्तान मेहदी हसन मिराज को भी कुछ लोग टेस्ट कप्तान के रूप में देखना चाहते हैं। हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि BCB शायद टेस्ट और वनडे के लिए अलग-अलग कप्तान रखने की रणनीति पर विचार कर रहा है। ऐसे में ताइजुल इस्लाम, जो टेस्ट टीम के एक स्थायी सदस्य हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। उनके पास टीम के कई खिलाड़ियों से ज्यादा टेस्ट अनुभव है।
उनकी दावेदारी को मजबूती देने वाला एक और पहलू उनकी हालिया गेंदबाजी का प्रदर्शन है। गौरतलब है कि 2021 से ताइजुल की गेंदबाजी में काफी सुधार आया है, खासकर विदेशी पिचों पर। उनकी लाइन और लेंथ पहले से कहीं ज्यादा सटीक हुई है और उन्होंने रन रोकने की कला में महारत हासिल की है। ताइजुल खुद मानते हैं कि उम्र और अनुभव के साथ उनकी गेंदबाजी में परिपक्वता आई है। विदेशी पिचों पर खेलने का अनुभव उनकी गेंदों में स्पष्ट रूप से दिखता है, जहां पहले वह महंगे साबित होते थे, वहीं अब वह काफी किफायती रहे हैं।
गेंदबाजी में यह सुधार उनकी खेल समझ और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाता है, जो एक कप्तान के लिए बेहद जरूरी गुण हैं। वह अब अपनी गति में बदलाव (pace variation) का भी प्रभावी ढंग से उपयोग करते हैं, जिससे बल्लेबाजों को चकमा देना आसान होता है। उनके अनुसार, एक ही गति से गेंद फेंकते हुए कभी उसे टर्न कराना और कभी सीधा रखना बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करता है। यह एक ऐसी कला है जिसे दुनिया के महान स्पिनर्स बखूबी इस्तेमाल करते हैं और ताइजुल इसमें धीरे-धीरे माहिर होते जा रहे हैं।
ताइजुल इस्लाम का यह कदम बांग्लादेश क्रिकेट में एक नया मोड़ है। क्या BCB एक अनुभवी स्पिनर पर भरोसा जताएगा और टीम की बागडोर एक ऐसे खिलाड़ी को सौंपेगा जो अपनी कला में निपुण है और जिम्मेदारी लेने को पूरी तरह तैयार है? यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन ताइजुल ने अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर दी है और कप्तान की तलाश में एक नया नाम जोड़ दिया है जिस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
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