क्रिकेट का खेल अक्सर अप्रत्याशितता से भरा होता है, लेकिन कभी-कभी यह अप्रत्याशितता मैदान पर खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से नहीं, बल्कि मौसम की मनमर्जी से आती है। कुछ ऐसा ही दिलचस्प नजारा न्यूजीलैंड के माउंट माउंगानुई में देखने को मिला, जहां ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टी20 मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया। इस अवांछित `हस्तक्षेप` ने ऑस्ट्रेलिया को चैपल-हैडली ट्रॉफी पर अपना कब्जा बरकरार रखने का मौका दे दिया, जबकि मेजबान न्यूजीलैंड के लिए यह एक निराशाजनक अनुभव रहा।
चैपल-हैडली ट्रॉफी: गौरव और चिर प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक
क्रिकेट जगत में कुछ ट्रॉफियां सिर्फ एक इनाम नहीं होतीं, बल्कि वे दो धुर विरोधी देशों के बीच गौरव, इतिहास और क्रिकेटिंग श्रेष्ठता का प्रतीक होती हैं। चैपल-हैडली ट्रॉफी भी ऐसी ही एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच सीमित ओवरों (वनडे और टी20) के प्रारूप में खेली जाती है। यह ट्रॉफी दोनों देशों के महान क्रिकेटरों – ऑस्ट्रेलिया के चैपल बंधुओं (इयान और ग्रेग) और न्यूजीलैंड के वाल्टर हैडली – के खेल के प्रति अद्वितीय योगदान के सम्मान में दी जाती है। 2019 से यह ट्रॉफी लगातार ऑस्ट्रेलिया के पास है, और वे इसे सफलतापूर्वक बरकरार रखे हुए हैं, जो उनकी सीमित ओवरों की क्रिकेट में निरंतरता और दबदबे को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
मैच का दिन: इंतजार, उम्मीदें और फिर… बारिश का तांडव
शुक्रवार का दिन न्यूजीलैंड के माउंट माउंगानुई में स्थित बे ओवल के मैदान पर क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास उत्साह लेकर आया था। दोनों टीमों के प्रशंसक एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद कर रहे थे, खासकर ऑस्ट्रेलिया की पहले मैच में 6 विकेट की प्रभावी जीत के बाद, जिससे सीरीज में प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई थी। हालांकि, मैच शुरू होने से पहले ही प्रकृति ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। लगातार बारिश के कारण मैच में दो घंटे से अधिक की देरी हुई, जिससे खेल प्रेमियों का धैर्य परखा जा रहा था और मैदान पर पसरा सन्नाटा हर गुजरते पल के साथ गहराता जा रहा था। आखिरकार, अंपायरों ने मैच को घटाकर 9 ओवर प्रति टीम का करने का फैसला किया, जिससे कुछ हद तक उत्साह लौटा और खेल शुरू होने की उम्मीद बंधी।
ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी और कप्तान मिचेल मार्श की अगुवाई में अपनी पारी को आगे बढ़ा रही थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। महज दो ओवर का खेल ही हो पाया था और ऑस्ट्रेलिया 15 रन पर एक विकेट गंवा चुका था, जिसमें कप्तान मिचेल मार्श 8 रन बनाकर क्रीज पर डटे थे। तभी एक बार फिर बादलों ने अपना रौद्र रूप दिखाया और जोरदार बारिश ने पूरे मैदान को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इस बार बारिश इतनी तेज और निरंतर थी कि अंपायरों के पास मैच को रद्द करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा। खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया।
बारिश की `मेहरबानी`: ऑस्ट्रेलिया के लिए सुखद संयोग, न्यूजीलैंड के लिए कड़वी हकीकत
यह क्रिकेट की उस अनोखी और कभी-कभी थोड़ी विडंबनापूर्ण सच्चाई को दर्शाता है कि कभी-कभी खेल का परिणाम खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन या कुशल रणनीति से नहीं, बल्कि मौसम की अनियंत्रित सनक से तय होता है। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज का पहला टी20 मुकाबला पहले ही जीत लिया था। चैपल-हैडली ट्रॉफी के नियमों के अनुसार, यदि कोई सीरीज ड्रॉ या रद्द हो जाती है, तो मौजूदा धारक ही ट्रॉफी अपने पास रखता है। ऐसे में, दूसरे मैच के बारिश में धुल जाने से ऑस्ट्रेलिया ने बिना पूरी सीरीज खेले ही, एक तरह से `बारिश की मेहरबानी` से, ट्रॉफी पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों और उनके घरेलू प्रशंसकों के लिए यह निश्चित रूप से निराशाजनक था। अपने घर में इस ऐतिहासिक ट्रॉफी को जीतने का एक सुनहरा मौका उनके हाथ से निकल गया। किसे पता था कि माउंट माउंगानुई की बारिश ऑस्ट्रेलिया के लिए `देवदूत` साबित होगी और न्यूजीलैंड के लिए `खलनायक` बन जाएगी! यह घटना साफ दिखाती है कि क्रिकेट में मौसम का किरदार कितना अहम होता है – कभी वह खेल का `हीरो` बनकर रोमांच पैदा करता है, तो कभी `खलनायक` बनकर किसी टीम के अरमानों पर पानी फेर देता है।
आगे क्या: अब सिर्फ प्रतिष्ठा की लड़ाई
अब सीरीज का तीसरा और आखिरी टी20 मुकाबला भी बे ओवल में ही खेला जाएगा। हालांकि, इस मैच का नतीजा चैपल-हैडली ट्रॉफी पर कोई असर नहीं डालेगा, क्योंकि ट्रॉफी तो पहले ही ऑस्ट्रेलिया की झोली में जा चुकी है। फिर भी, यह मुकाबला दोनों टीमों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा। ऑस्ट्रेलिया जहां अपनी जीत की लय और आगामी टी20 विश्व कप से पहले अपनी फॉर्म बरकरार रखना चाहेगा, वहीं न्यूजीलैंड घरेलू दर्शकों के सामने एक सम्मानजनक जीत दर्ज कर सीरीज को 2-1 से खत्म करने की हरसंभव कोशिश करेगा। क्रिकेट के मैदान पर मौसम की यह `दादागिरी` हमेशा से चर्चा का विषय रही है, और शायद यही इस खेल की अप्रत्याशितता और रोमांच को बढ़ाती है, भले ही कभी-कभी यह किसी टीम के अथक प्रयासों और अरमानों पर पानी ही क्यों न फेर दे।