बील मास्टर टूर्नामेंट: जहाँ पीढ़ियाँ रच रही हैं शतरंज का नया इतिहास

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शतरंज की बिसात पर उम्र का कोई बंधन नहीं होता, यह बात बील शतरंज महोत्सव के मास्टर टूर्नामेंट (MTO) में एक बार फिर सिद्ध हो गई है। यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अनुभव और युवा जोश का एक अद्भुत संगम है, जहाँ शतरंज की दुनिया के दिग्गज और भविष्य के सितारे एक साथ अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।

ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट के आराम के दिन, सभी की निगाहें MTO पर केंद्रित थीं। भले ही इस ओपन टूर्नामेंट में भाग लेने वाले 112 खिलाड़ियों का स्तर शीर्ष ग्रैंडमास्टरों जैसा न हो, लेकिन यहाँ की प्रतिस्पर्धा और रणनीतिक खेल किसी भी मायने में कम नहीं। यह टूर्नामेंट कल के चैंपियन और दशकों के अनुभव वाले धुरंधरों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

एक वयोवृद्ध खिलाड़ी का दृढ़ संकल्प: येहुदा ग्रुनफेल्ड

इस वर्ष के मास्टर टूर्नामेंट के एक विशेष मेहमान, इजरायल के ग्रैंडमास्टर येहुदा ग्रुनफेल्ड, हैं। बील उनके लिए कोई नया मैदान नहीं है। उन्होंने इसी टूर्नामेंट को 1979 में, यानी लगभग 46 साल पहले, जीता था! और 1980 में, उन्होंने इसका तीसरा संस्करण भी अपने नाम किया। लगभग आधी सदी बाद, 69 वर्ष की आयु में, वह एक बार फिर बील कांग्रेस सेंटर के विशाल हॉल में अगली पीढ़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। सात राउंड के बाद वे 32वें स्थान पर हैं। शायद वह टूर्नामेंट नहीं जीत पाएंगे, लेकिन उनकी उपस्थिति ही दर्शाती है कि समय का पहिया भले ही कितना भी तेज़ी से घूमे, कुछ खिलाड़ी उस पर अपनी पकड़ बनाए रखते हैं और यह शतरंज के प्रति उनके जुनून का प्रमाण है।

ग्रैंडमास्टर येहुदा ग्रुनफेल्ड

अनुभवी ग्रैंडमास्टर येहुदा ग्रुनफेल्ड, बील में अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हुए।

भविष्य के सितारे, आज की पहचान

एक तरफ जहाँ दिग्गज अपनी छाप छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर युवा प्रतिभाएं शीर्ष दावेदारों के ठीक पीछे हैं, जो अपनी ऊर्जा और तीक्ष्ण दिमाग से सबको प्रभावित कर रहे हैं। वियतनाम के अंतर्राष्ट्रीय मास्टर दाऊ खुओंग दुई (जन्म 2011, वर्तमान में 5वें स्थान पर), जर्मनी के एफएम क्रिश्चियन ग्लोकलर (जन्म 2011, 7वें स्थान पर) और मलेशिया के आईएम पो यु टियान (जन्म 2009, 10वें स्थान पर) जैसे खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन से भविष्य के ग्रैंडमास्टर बनने की क्षमता दिखा रहे हैं। इन युवा प्रतिभाओं को देखकर लगता है कि शतरंज का भविष्य उज्ज्वल है और बहुत जल्द हमें नए चैंपियन देखने को मिलेंगे। स्विस दृष्टिकोण से, जान सैमन्स्की (जन्म 2012, 29वें) और एफएम कॉलिन फेडरर (जन्म 2011, 30वें) भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

युवा अंतर्राष्ट्रीय मास्टर पो यु टियान

मलेशियाई अंतर्राष्ट्रीय मास्टर पो यु टियान, उभरते सितारों में से एक।

भारतीय दबदबा: शीर्ष पर दो भारतीय ग्रैंडमास्टर

मास्टर टूर्नामेंट (MTO) के शीर्ष पर, भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा स्पष्ट दिख रहा है। ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली और ग्रैंडमास्टर प्रणव आनंद, जो टूर्नामेंट में क्रमशः नंबर 1 और 5 के वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं, 7 में से 6 संभावित अंकों के साथ स्पष्ट बढ़त बनाए हुए हैं। दोनों ने अपने-अपने मैच जीते – कार्तिकेयन ने अपने हमवतन जीएम सासिकिरन कृष्णन को मात दी, और प्रणव ने एफएम क्रिश्चियन ग्लोकलर को पराजित किया। इस महत्वपूर्ण जीत के साथ, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से आधा अंक की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है। भारतीय शतरंज की यह चमक वैश्विक मंच पर लगातार बढ़ रही है, जो देश में इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता और प्रतिभा को दर्शाती है।

ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली और सासिकिरन कृष्णन का मुकाबला

भारतीय ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली अपने हमवतन सासिकिरन कृष्णन के खिलाफ खेल रहे हैं।

अन्य प्रमुख दावेदार

सात राउंड के बाद, अंक तालिका में कई अन्य मजबूत खिलाड़ी भी मौजूद हैं। यूक्रेन की महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) एवगेनिया डोलुहानोवा 5 अंकों के साथ 13वें स्थान पर सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के रूप में उभरी हैं। वहीं, तुर्की के जीएम मुस्तफा यिल्माज़ और भारत के जीएम कार्तिक वेंकटरमन भी 5.5 अंकों के साथ शीर्ष दावेदारों में बने हुए हैं। नीदरलैंड्स के जीएम बेंजामिन बॉक और भारत के जीएम प्रनेश एम भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। स्विस खिलाड़ियों में आईएम फैबियन बेंजिगर और डब्ल्यूजीएम लीना जॉर्जेस्कू भी 4.5 अंकों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जो घरेलू दर्शकों के लिए उत्साहजनक है।

बील मास्टर टूर्नामेंट सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि शतरंज की दुनिया के वर्तमान और भविष्य का एक संगम है। यह दिखाता है कि कैसे अनुभव और युवा जोश मिलकर खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं, और यह शतरंज प्रेमियों के लिए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। आने वाले राउंड्स में कौन विजेता बनकर उभरेगा, यह देखना दिलचस्प होगा!

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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