शतरंज की बिसात पर हर चाल एक कहानी लिखती है, और बील शतरंज महोत्सव 2025 (Biel Chess Festival 2025) इसका जीता-जागता प्रमाण है। यह प्रतियोगिता, जिसे `ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन` के नाम से भी जाना जाता है, अपनी रोमांचक प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रसिद्ध है। हाल के राउंड में, हमने एक ऐसा दिन देखा जिसने शीर्ष स्थान पर बैठे खिलाड़ियों के समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया। यह सिर्फ जीत-हार का खेल नहीं, बल्कि रणनीतिक सूझबूझ, धैर्य और कभी-कभी किस्मत के छोटे से झुकाव का अद्भुत प्रदर्शन था।
व्लादिमीर फेडोसेव की शानदार वापसी
सोमवार का दिन ग्रैंडमास्टर व्लादिमीर फेडोसेव (Vladimir Fedoseev) के लिए स्वर्णिम साबित हुआ। उन्होंने 2020 के बील विजेता, ग्रैंडमास्टर वोजटाशेख (Wojtaszek) को एक कड़े मुकाबले में मात देकर टूर्नामेंट में अपनी बादशाहत फिर से हासिल कर ली। यह मुकाबला लंबे समय तक बराबरी पर था, लेकिन एंडगेम में फेडोसेव ने पोलिश खिलाड़ी से एक प्यादा छीनकर जीत हासिल की। यह जीत न केवल उन्हें अंक तालिका में शीर्ष पर ले आई, बल्कि ACCENTUS Chess960 टूर्नामेंट में उनके बेहतर टाई-ब्रेकर स्कोर ने उन्हें भारतीय ग्रैंडमास्टर अरविंद चिदंबरम (Aravindh Chithambaram) से आगे बढ़ा दिया।
फेडोसेव की यह वापसी शतरंज प्रेमियों के लिए किसी रोमांचक कहानी से कम नहीं है। एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी बढ़त गंवाई थी, और अब वे फिर से शीर्ष पर काबिज हैं। यह दर्शाता है कि शीर्ष स्तर की शतरंज प्रतियोगिता में हर एक चाल और हर एक परिणाम कितना महत्वपूर्ण होता है।
अरविंद का ड्रॉ और मुर्ज़िन का उछाल
जहां फेडोसेव ने निर्णायक जीत दर्ज की, वहीं पिछली रात के लीडर अरविंद चिदंबरम को वोल्दर मुर्ज़िन (Volodar Murzin) के खिलाफ ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। यह एक ऐसा मैच था जहां दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे पर नजर रखी, लेकिन कोई भी किसी को भी एक इंच भी जगह देने को तैयार नहीं था। यह ड्रॉ भले ही अरविंद के लिए एक छोटी सी रुकावट साबित हुआ, लेकिन इसने युवा ग्रैंडमास्टर मुर्ज़िन को काफी फायदा पहुंचाया। लगातार तीसरे ड्रॉ के बाद, मुर्ज़िन अब वोजटाशेख को पीछे छोड़ते हुए बील मास्टर्स (Biel Masters) की स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। यह शतरंज की दुनिया का एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण सबक है – एक ड्रॉ भी अक्सर `जीत` से ज्यादा मायने रख सकता है, खासकर जब वह आपको आगे बढ़ा दे!
अन्य महत्वपूर्ण मुकाबले
दिन के अन्य मुकाबलों में, सालेह सलेम (Saleh Salem) ने फ्रेडरिक स्वेन (Frederik Svane) को हराया। स्वेन के लिए यह दूसरा लगातार दुर्भाग्यपूर्ण दिन रहा, जहां उन्होंने निर्णायक क्षण में गलत फैसला किया और सलेम ने इसका पूरा फायदा उठाया। वहीं, चैलेंजर टूर्नामेंट में, जुमाबायेव (Jumabayev) ने एक शानदार उलटफेर के बाद दारधा (Dardha) को हराया, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों ने केवल ड्रॉ खेला। यह दर्शाता है कि मुख्य ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन के अलावा, चैलेंजर टूर्नामेंट में भी जबरदस्त मुकाबला चल रहा है और नए सितारे उभर रहे हैं।
आगे की राह
बील शतरंज महोत्सव अब और भी दिलचस्प मोड़ ले चुका है। व्लादिमीर फेडोसेव ने अपनी बढ़त फिर से हासिल कर ली है, लेकिन अरविंद चिदंबरम और वोल्दर मुर्ज़िन जैसे खिलाड़ी भी शीर्ष पर कड़ी चुनौती पेश करने को तैयार हैं। आने वाले राउंड्स में, हमें निश्चित रूप से और भी रोमांचक और अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिलेंगे। शतरंज की बिसात पर यह जंग अभी बाकी है, और हर खिलाड़ी अपनी अगली चाल के साथ इतिहास रचने को बेताब है। दर्शकों के लिए यह एक शानदार अनुभव होने वाला है क्योंकि हर अंक के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।