बेंगलुरु, 28 सितंबर 2025 – आगामी आईसीसी महिला विश्व कप 2025/26 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और इन्हीं तैयारियों के बीच बेंगलुरु में एक अभ्यास मैच ने क्रिकेट प्रेमियों की धड़कनें बढ़ा दीं। जब क्रिकेट के दो दिग्गज आमने-सामने हों – **ऑस्ट्रेलिया महिला टीम** और **इंग्लैंड महिला टीम** – तो `अभ्यास` शब्द महज एक औपचारिकता बनकर रह जाता है। और इस मुकाबले में जो कुछ भी हुआ, वह किसी भी तरह से `मैत्रीपूर्ण` नहीं था। इंग्लैंड ने एक जोरदार मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर अपनी विश्व कप आकांक्षाओं को एक मजबूत उड़ान दी है।
सारा ग्लेन का `फाइव-फॉर`: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी का बिखरा ताश का पत्ता
मैच की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी नहीं रही। एक लड़खड़ाती शुरुआत के बाद, सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड ने 71 रनों की जुझारू पारी खेलकर टीम को स्थिरता प्रदान की। उन्होंने मैदान पर कुछ देर टिककर ऑस्ट्रेलियाई पारी को पटरी पर लाने की कोशिश की। लेकिन उनकी विदाई के साथ ही, इंग्लैंड की लेग-स्पिनर **सारा ग्लेन** ने अपने हुनर का ऐसा जादू चलाया कि ऑस्ट्रेलियाई मध्यक्रम और निचला क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।
ग्लेन ने मात्र 32 रन देकर 5 विकेट झटके, जो उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है। उनकी फिरकी गेंदों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को क्रीज़ पर टिकने का मौका ही नहीं दिया। एक समय लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर पाएगा, लेकिन ग्लेन के `पंजे` ने समीकरण बदल दिए। हालांकि, निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आईं **बेथ मूनी** ने 9वें नंबर पर आकर 42 गेंदों पर नाबाद 59 रन की शानदार पारी खेली। यह पारी उनकी जीवटता और टीम के प्रति समर्पण का प्रतीक थी, जिसने ऑस्ट्रेलिया को 34.4 ओवरों में 247 रनों तक पहुंचाने में मदद की। एक अभ्यास मैच में भी, इस तरह की पारी यह साबित करती है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम हार मानने को तैयार नहीं होती, भले ही नतीजा उनके पक्ष में न आए।
एलिस कैप्सी का नाबाद 88: इंग्लैंड की जीत की शिल्पकार
248 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत भी कोई खास नहीं रही। 32 रनों पर ही 3 महत्वपूर्ण विकेट गंवाकर टीम दबाव में आ गई। एक पल को लगा कि यह दिन ऑस्ट्रेलिया का हो सकता है। लेकिन फिर मैदान पर आईं **सोफिया डंकली** और **एम्मा लैम्ब**। इन दोनों ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर इंग्लैंड की पारी को संभाला और उम्मीद की किरण जगाई। यह साझेदारी सिर्फ रनों की नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की थी।
हालांकि, दिन की असली हीरो रहीं युवा बल्लेबाज **एलिस कैप्सी**। उन्होंने दबाव में रहते हुए एक शानदार पारी खेली और **नाबाद 88 रन** बनाकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। उनकी यह पारी संयम, बुद्धिमत्ता और आक्रामक खेल का एक बेहतरीन मिश्रण थी। उन्होंने पूरे धैर्य के साथ रन बनाए और सुनिश्चित किया कि टीम अंत तक लक्ष्य का पीछा करती रहे। कैप्सी का यह प्रदर्शन दिखाता है कि वह बड़े मैचों के लिए तैयार हैं और भविष्य में इंग्लैंड के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित होंगी। इंग्लैंड ने 5.3 ओवर शेष रहते हुए 6 विकेट के नुकसान पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
मैच का सार:
- ऑस्ट्रेलिया ने 247 रन बनाए (लिचफील्ड 71, मूनी 59*, ग्लेन 5-32)
- इंग्लैंड ने 6 विकेट खोकर 251 रन बनाए (कैप्सी 88*, लैम्ब 60, डंकली 54, गार्थ 2-17)
- इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया।
- सारा ग्लेन (इंग्लैंड) को उनके 5 विकेटों के लिए सराहा गया।
- एलिस कैप्सी (इंग्लैंड) ने नाबाद 88 रन बनाकर जीत सुनिश्चित की।
विश्व कप की तैयारियों पर एक नज़र
यह सिर्फ एक अभ्यास मैच था, लेकिन इसके निहितार्थ काफी गहरे हैं। इंग्लैंड के लिए, यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है। सारा ग्लेन का फॉर्म और एलिस कैप्सी का फिनिशिंग टच यह बताता है कि टीम सही दिशा में आगे बढ़ रही है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कुछ कमजोरियों पर गौर करना होगा। **किम गार्थ** ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 2 विकेट लेकर प्रभावशाली प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें अन्य गेंदबाजों का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला।
बेंगलुरु के क्रिकेट मैदान पर हुई यह भिड़ंत, हमें आगामी महिला विश्व कप की एक छोटी सी झलक दिखाती है। यह मैच साबित करता है कि विश्व कप में हर टीम अपनी पूरी ताकत से खेलेगी, और कोई भी जीत आसान नहीं होगी। इंग्लैंड ने दिखाया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया को अपनी रणनीति को थोड़ा और धारदार बनाने की जरूरत होगी। खैर, जो भी हो, यह रोमांचक मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक शानदार दावत था और आने वाले विश्व कप के लिए उम्मीदें बढ़ा गया है!
