भारतीय क्रिकेट के नए युग का सूत्रपात: मिधुन मन्हास बने बीसीसीआई के 37वें अध्यक्ष

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28 सितंबर, 2025 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की 94वीं वार्षिक आम बैठक में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। इस ऐतिहासिक अवसर पर, दिल्ली के पूर्व कप्तान और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज मिधुन मन्हास को सर्वसम्मति से बीसीसीआई का 37वां अध्यक्ष चुना गया। यह नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जहाँ अब एक और अनुभवी क्रिकेटर इस सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं।

बीसीसीआई के 37वें अध्यक्ष मिधुन मन्हास

मिधुन मन्हास, भारतीय क्रिकेट के नए प्रशासक के तौर पर, एक नई पारी की शुरुआत करते हुए।

मैदान से प्रशासनिक मेज़ तक: मिधुन मन्हास का सफ़र

मिधुन मन्हास का नाम घरेलू क्रिकेट में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लगभग दो दशकों (1997-98 से 2016-17) तक फैले उनके शानदार करियर में उन्होंने 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिनमें 9714 रन बनाए। इसके अलावा, 130 लिस्ट ए मैचों में 4126 रन और 91 टी20 मैचों में 1170 रन उनके बल्ले से निकले। दिल्ली के एक भरोसेमंद कप्तान और रन-मशीन के तौर पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई। दिलचस्प बात यह है कि अपने करियर के अंतिम चरण में, 2015 में, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए भी खेला। खेल छोड़ने के बाद भी क्रिकेट से उनका जुड़ाव कम नहीं हुआ। उन्होंने बांग्लादेश की अंडर-19 टीम के बल्लेबाजी सलाहकार से लेकर आईपीएल की किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और गुजरात टाइटन्स जैसी टीमों के साथ कोचिंग भूमिकाओं में काम किया। जम्‍मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में चार साल तक सदस्य के रूप में उनका प्रशासनिक अनुभव भी इस महत्वपूर्ण पद के लिए उनकी दावेदारी को पुख्ता करता है। यह सब कुछ ऐसा है जो उन्हें केवल एक पूर्व खिलाड़ी नहीं, बल्कि खेल के हर पहलू को समझने वाला प्रशासक बनाता है।

एकमत चुनाव और नई उम्मीदें

मिधुन मन्हास का चुनाव निर्विरोध हुआ, जो बोर्ड के भीतर उनके प्रति व्यापक समर्थन और विश्वास को दर्शाता है। यह पद अगस्त में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रोजर बिन्नी के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था, जिसके बाद उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने अंतरिम क्षमता में कार्यभार संभाला था। मन्हास ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा, “दुनिया के बेहतरीन क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष होना एक पूर्ण सम्मान है। साथ ही, यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है और मैं आश्वासन देता हूं कि मैं इसे अपनी पूरी क्षमता, समर्पण और जुनून के साथ निभाऊंगा।” उनके शब्दों में विनम्रता और संकल्प दोनों साफ झलकते हैं, जो किसी भी नेतृत्वकर्ता के लिए आवश्यक गुण हैं।

बीसीसीआई में अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ

मन्हास के साथ-साथ, बीसीसीआई के प्रशासनिक ढांचे में कई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव भी हुए हैं, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य को आकार देंगे:

  • उपाध्यक्ष: राजीव शुक्ला अपने पद पर बने रहेंगे।
  • सचिव: देवजीत सैकिया भी सचिव के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगे।
  • कोषाध्यक्ष: कर्नाटक और भारत के पूर्व स्पिनर रघुराम भट को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भट 2022 से 2025 तक कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे थे। यह दिखाता है कि खेल के मैदान से आए लोग अब वित्तीय मोर्चे पर भी कमान संभाल रहे हैं।
  • संयुक्त सचिव: पूर्व कोषाध्यक्ष प्रभातेज सिंह भाटिया अब संयुक्त सचिव का पद संभालेंगे।

चयन समितियों में बदलाव: अनुभव और युवा जोश का संगम

खेल के मैदान पर सही प्रतिभाओं को चुनने का काम हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। बीसीसीआई ने चयन समितियों में भी कुछ बड़े बदलाव किए हैं:

  • पुरुष वरिष्ठ चयन समिति: अजीत अगरकर (अध्यक्ष) के नेतृत्व वाली इस समिति में अब पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आर पी सिंह और पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा शामिल हो गए हैं। इन्होंने एस शरथ और सुब्रतो बनर्जी का स्थान लिया है, जिससे समिति में अनुभव और विश्लेषणात्मक क्षमता का नया संतुलन आया है।
  • महिला वरिष्ठ चयन समिति: भारतीय महिला क्रिकेट की अनुभवी खिलाड़ी अमिता शर्मा ने नीतू डेविड की जगह अध्यक्ष का पद संभाला है। उनके साथ श्यामा डे, सुलक्षणा नायक, जया शर्मा और श्रावंती नायडू भी इस समिति का हिस्सा होंगी। अमिता शर्मा का 162 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव (5 टेस्ट, 116 वनडे, 41 टी20) महिला क्रिकेट में नई प्रतिभाओं को पहचानने में निस्संदेह सहायक होगा।
  • जूनियर क्रिकेट समिति: एस शरथ, जो पहले पुरुष वरिष्ठ समिति में थे, अब जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष होंगे, जो युवा प्रतिभाओं को निखारने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

अन्य महत्वपूर्ण परिषदों में नए चेहरे

बीसीसीआई की शीर्ष परिषद (Apex Council) में पूर्व सौराष्ट्र कप्तान जयदेव शाह को शामिल किया गया है, जिन्होंने मिजोरम के खैरुल जमाल मजूमदार का स्थान लिया है। मजूमदार अब अरुण धूमल की अध्यक्षता वाली आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का हिस्सा होंगे। इसके अलावा, महिला प्रीमियर लीग (WPL) समिति की कमान जयेश जॉर्ज को सौंपी गई है, जबकि रोहन जेटली इंफ्रास्ट्रक्चर समिति के अध्यक्ष होंगे। यह बदलाव विभिन्न स्तरों पर नए दृष्टिकोण और ऊर्जा लाने की उम्मीद जगाते हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ और मिधुन मन्हास की कसौटी

मिधुन मन्हास का कार्यकाल चुनौतियों और अवसरों दोनों से भरा होगा। भारतीय क्रिकेट लगातार वैश्विक मंच पर अपनी धाक जमा रहा है, लेकिन घरेलू क्रिकेट को मजबूत करना, खिलाड़ियों के कल्याण सुनिश्चित करना, पारदर्शिता बढ़ाना और महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाना जैसी कई जिम्मेदारियां उनके कंधों पर होंगी। एक ऐसे खिलाड़ी से जिसने खुद छोटे मैदानों से बड़े मंचों तक का सफर तय किया है, उम्मीद है कि वे जमीनी स्तर पर क्रिकेट की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। क्या वे भारतीय क्रिकेट को एक नए और अधिक स्थिर भविष्य की ओर ले जा पाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि मन्हास और उनकी नई टीम इन अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है। एक बात तो तय है, भारतीय क्रिकेट की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और सभी की निगाहें अब नई टीम पर होंगी।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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