भारतीय क्रिकेट की नई पीढ़ी: अभिषेक शर्मा पर पुजारा का भरोसा और मजबूत ‘बेंच स्ट्रेंथ’ का जादू

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क्रिकेट जगत में इन दिनों एक नाम की खूब चर्चा है – अभिषेक शर्मा। युवा, विस्फोटक और आत्मविश्वास से भरपूर, अभिषेक ने एशिया कप 2025 में अपने शानदार प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया है। ऐसे में, भारत के पूर्व बल्लेबाज और `द वॉल` के नाम से मशहूर चेतेश्वर पुजारा का यह कहना कि अभिषेक टी20 क्रिकेट के `सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक` हैं, भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक नई उम्मीद जगाता है। लेकिन क्या यह सिर्फ एक खिलाड़ी की तारीफ है, या भारतीय क्रिकेट की गहरी जड़ों और मजबूत नींव का संकेत?

उभरता सितारा: अभिषेक शर्मा और उनका धमाकेदार प्रदर्शन

एशिया कप 2025 में अभिषेक शर्मा ने अपने बल्ले से आग लगा रखी है। चार मैचों में 173 रन बनाकर वह शीर्ष बल्लेबाजों की सूची में सबसे आगे हैं। लेकिन उनकी सिर्फ संख्याएँ ही नहीं, बल्कि खेलने का अंदाज भी खास है। हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मुकाबले में, जब टीम इंडिया 172 रनों का पीछा कर रही थी, तब 25 वर्षीय इस बल्लेबाज ने मात्र 39 गेंदों में 74 रनों की मैच जिताऊ पारी खेलकर भारत को सात गेंद शेष रहते जीत दिलाई। यह सिर्फ एक पारी नहीं थी, यह युवा प्रतिभा के साहस, कौशल और बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की क्षमता का प्रमाण था। उनका यह प्रदर्शन दिखाता है कि वह दबाव में भी शांत रहकर खेल को अपनी शर्तों पर बदलने की क्षमता रखते हैं।

पुजारा की राय: जब `टेस्ट विशेषज्ञ` ने टी20 पर की टिप्पणी

चेतेश्वर पुजारा, जिनके नाम से ही टेस्ट क्रिकेट की धैर्यवान और दृढ़ बल्लेबाजी की तस्वीर उभर आती है, का टी20 फॉर्मेट के किसी खिलाड़ी पर इतनी बेबाकी से टिप्पणी करना अपने आप में उल्लेखनीय है। पुजारा, जो पिछले महीने ही क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले चुके हैं, ने NDTV से बातचीत के दौरान अभिषेक की जमकर तारीफ की। उनका मानना है कि अभिषेक मौजूदा टी20 खिलाड़ियों में सबसे बेहतरीन हैं। यह टिप्पणी केवल एक युवा खिलाड़ी के लिए प्रोत्साहन नहीं है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव की हवा चल रही है, जहां परंपरागत विशेषज्ञ भी नए, आक्रामक टैलेंट को पहचान रहे हैं और सराहना कर रहे हैं। पुजारा जैसे दिग्गज का यह विश्वास अभिषेक के मनोबल के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं होगा।

भारतीय क्रिकेट की `बेंच स्ट्रेंथ`: सफलता का असली सूत्रधार

पुजारा ने सिर्फ अभिषेक की ही नहीं, बल्कि भारतीय टीम की मजबूत बेंच स्ट्रेंथ की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने खिलाड़ियों को इस तरह तैयार किया है कि जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे कदम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। यह बात भारतीय क्रिकेट के एक गहरे और प्रभावशाली पहलू को दर्शाती है:

  • घरेलू क्रिकेट का महत्व: रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट लगातार प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। यह इन खिलाड़ियों को विभिन्न परिस्थितियों और दबाव में खेलने का अनुभव देता है।
  • आईपीएल का योगदान: आईपीएल ने युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेलने और सीखने का अवसर दिया है। यह उन्हें बड़े मंच के लिए मानसिक रूप से तैयार करता है और उन्हें अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का मौका देता है।
  • गहराई में विविधता: भारत के पास अब हर फॉर्मेट और हर भूमिका के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, जिससे टीम मैनेजमेंट को खिलाड़ियों के चयन में लचीलापन मिलता है और चोटिल खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी टीम की ताकत बनी रहती है।

“हमारे पास कुछ शानदार प्रतिभा है। अभिषेक टी20 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। सभी फॉर्मेट में बेंच स्ट्रेंथ बहुत अच्छी है। जब भी उन्हें मौका मिलेगा, वे घरेलू क्रिकेट और आईपीएल की बदौलत तैयार रहेंगे। अगर भारतीय टीम इसी तरह खेलती रही, तो उसे हराना मुश्किल होगा, टीम में जबरदस्त क्षमता है।” – चेतेश्वर पुजारा

भविष्य की ओर: भारत की अपराजेयता का मार्ग

पुजारा का यह बयान कि अगर टीम इंडिया इसी तरह खेलती रही, तो उसे हराना मुश्किल होगा, भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है। यह केवल एक उम्मीद नहीं, बल्कि एक ठोस आकलन है जो भारतीय क्रिकेट के बुनियादी ढांचे की मजबूती पर आधारित है। मजबूत बेंच स्ट्रेंथ का अर्थ है कि टीम को कभी भी प्रतिभा की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। युवा खिलाड़ी लगातार बड़े सितारों की जगह लेने के लिए तैयार रहते हैं, जिससे टीम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनी रहती है और हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित होता है। यह भारतीय क्रिकेट को वैश्विक मंच पर एक अजेय शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पुजारा का सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन: क्रिकेट से पिकलबॉल तक

एक तरफ जहां पुजारा भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर गंभीरता से मंथन कर रहे हैं, वहीं अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं पर भी थोड़ा रहस्यमय अंदाज में बात करते दिखे। 37 वर्षीय इस दिग्गज ने कहा कि संन्यास लिए अभी सिर्फ एक महीना हुआ है और उन्होंने ज्यादा कुछ सोचा नहीं है, लेकिन वे मीडिया कार्य और यहां तक कि पिकलबॉल जैसे खेलों में भी अवसर तलाशने के लिए तैयार हैं। क्रिकेट के मैदान पर अपनी शांत और संयमित छवि के विपरीत, पुजारा का पिकलबॉल सीखने की इच्छा दिखाना उनके जीवन की दूसरी पारी की एक रोचक झलक प्रस्तुत करता है – जहां क्रिकेट की गंभीरता के साथ-साथ जीवन का हल्का और नया अनुभव भी शामिल है। यह शायद इस बात का भी प्रमाण है कि खिलाड़ी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, नई चीजें सीखने और जीवन का आनंद लेने की इच्छा हमेशा बनी रहती है।

कुल मिलाकर, भारतीय क्रिकेट एक रोमांचक दौर से गुजर रहा है। अभिषेक शर्मा जैसे युवा सितारों का उदय, चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों का विश्वास और घरेलू तथा आईपीएल जैसे मंचों द्वारा पोषित मजबूत बेंच स्ट्रेंथ, ये सभी मिलकर भारतीय क्रिकेट के लिए एक स्वर्णिम भविष्य की नींव रख रहे हैं। अनुभव और युवाओं का यह अद्भुत मिश्रण निश्चित रूप से टीम इंडिया को और भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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