भारतीय क्रिकेट में बदलाव की बयार: रोहित शर्मा से शुभमन गिल तक कप्तानी का नया अध्याय

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भारतीय क्रिकेट में इन दिनों एक बड़ा बदलाव सुर्खियों में है, जिसने कई दिग्गजों को चौंका दिया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं वनडे टीम की कप्तानी में हुए फेरबदल की, जहाँ `हिटमैन` रोहित शर्मा की जगह युवा और प्रतिभाशाली शुभमन गिल को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला सिर्फ एक कप्तान बदलने से कहीं ज्यादा है; यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक नई तस्वीर पेश करता है, लेकिन क्या यह तस्वीर सबको पसंद आ रही है?

हरभजन सिंह का `झटका`: कप्तानी में बदलाव पर सवाल

पूर्व भारतीय ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह, जिन्हें उनके बेबाक अंदाज़ के लिए जाना जाता है, इस फैसले से `हैरान` हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटाया जाना उनके लिए एक झटका है, खासकर तब जब उन्होंने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी जैसा बड़ा खिताब जिताया हो। भज्जी का सवाल सीधा और सधा हुआ है:

“अगर आप रोहित शर्मा को टीम में चुन रहे हैं, तो उन्हें कप्तान के रूप में क्यों नहीं चुन रहे हैं? उन्होंने हाल ही में आपको आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताई है।”

हरभजन का यह बयान भारतीय क्रिकेट के गलियारों में गूँज रहा है, जहाँ कई फैंस भी इस अचानक बदलाव से अचंभित हैं। क्या यह सचमुच सही समय था, या बोर्ड ने थोड़ी जल्दबाज़ी कर दी?

रोहित की कप्तानी का शानदार रिकॉर्ड: अनदेखी या भविष्य की रणनीति?

रोहित शर्मा का सफेद गेंद क्रिकेट में रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को दो आईसीसी खिताब दिलाए और 2023 विश्व कप में उपविजेता भी रहे। उनके नेतृत्व में 56 वनडे मैचों में से 42 में जीत हासिल हुई, जो एक प्रभावशाली 76% का जीत प्रतिशत है। ऐसे में, ऑस्ट्रेलिया दौरे से ठीक पहले कप्तानी में यह बदलाव कई सवाल खड़े करता है। हरभजन सिंह का मानना है कि रोहित को कम से कम इस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था।

“अगर चयनकर्ता 2027 वनडे विश्व कप के बारे में सोच रहे हैं, तो वह अभी काफी दूर है।”

यह दर्शाता है कि दीर्घकालिक योजना बनाते समय तात्कालिक परिस्थितियों और एक अनुभवी कप्तान की हालिया सफलताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। कभी-कभी, भविष्य की चिंता में हम वर्तमान की चमक को धूमिल कर देते हैं, है ना?

शुभमन गिल का उदय: सही समय या थोड़ी जल्दबाजी?

दूसरी ओर, शुभमन गिल को टेस्ट कप्तानी के बाद अब वनडे की भी बागडोर सौंप दी गई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि गिल एक शानदार खिलाड़ी हैं और भविष्य के कप्तान के रूप में उनकी क्षमता को सराहा जाता है। वह निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के अगले बड़े सितारे हो सकते हैं। लेकिन क्या यह सही समय था?

हरभजन सिंह के अनुसार, गिल के पास इस भूमिका में ढलने के लिए अभी बहुत समय है और उन्हें यह जिम्मेदारी छह से आठ महीने या एक साल बाद भी दी जा सकती थी। यह एक दिलचस्प मोड़ है, क्योंकि अक्सर भारतीय क्रिकेट में `युवाओं को मौका` देने के नाम पर अनुभवी खिलाड़ियों के फैसलों पर सवाल उठते रहे हैं। शायद, चयनकर्ताओं ने `जल्दी सोने` और `जल्दी उठने` की कहावत को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया, भविष्य के लिए अभी से कमर कस ली।

कप्तानी के बिना भी `लीडर`: रोहित और कोहली का नया रोल

कप्तानी से हटने के बावजूद, रोहित शर्मा का महत्व टीम के लिए कम नहीं होगा। हरभजन सिंह ने जोर देकर कहा कि रोहित सफेद गेंद के प्रारूप में भारतीय क्रिकेट के स्तंभ रहे हैं। उनका बल्लेबाजी औसत लगभग 50 के करीब है, जो उनकी निरंतरता को दर्शाता है। वह एक सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम को जो स्थिरता और आक्रामक शुरुआत देते हैं, वह अमूल्य है। हरभजन ने कहा कि रोहित, विराट कोहली के साथ मिलकर, भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाते रहेंगे।

वे मैदान पर `कप्तान` न होते हुए भी `लीडर` की भूमिका निभाएंगे, शुभमन और अन्य युवा खिलाड़ियों को सलाह देते रहेंगे। यह ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी पुरानी मशीन के पुर्जे बदल दें, लेकिन उसकी मूल शक्ति और कार्यक्षमता बनी रहे। उनका अनुभव ड्रेसिंग रूम में एक मार्गदर्शक शक्ति का काम करेगा, जो किसी भी युवा कप्तान के लिए अनमोल होता है।

श्रेयस अय्यर: उप-कप्तानी के साथ नई जिम्मेदारी

इस पूरे घटनाक्रम में एक और महत्वपूर्ण पहलू श्रेयस अय्यर को उप-कप्तान बनाया जाना है। हरभजन सिंह इस फैसले से काफी खुश हैं। उन्होंने अय्यर की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा कि विश्व कप में उनके लगातार शतक और उनकी प्रभावशाली गति को अक्सर उतना श्रेय नहीं मिलता जितना मिलना चाहिए।

एक `इंपैक्ट प्लेयर` के तौर पर अय्यर की वापसी और बड़ी जिम्मेदारी मिलना टीम के लिए सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि टीम मैनेजमेंट युवा लीडर्स की एक और कतार तैयार कर रहा है। शायद, बीसीसीआई एक साथ कई मोर्चों पर भविष्य के नेतृत्व को मजबूत करना चाहता है।

निष्कर्ष: एक नया युग, नई चुनौतियां

कुल मिलाकर, भारतीय वनडे टीम में कप्तानी का यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह एक ऐसा संक्रमणकालीन दौर है जहाँ अनुभव और युवा जोश का संतुलन बिठाना एक चुनौती होगी। चयनकर्ताओं ने 2027 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा दांव खेला है। अब देखना यह होगा कि शुभमन गिल अपनी नई जिम्मेदारी को कितनी कुशलता से निभा पाते हैं और क्या यह बोल्ड फैसला भारतीय क्रिकेट को सफलता के नए शिखर पर ले जाता है। निश्चित तौर पर, आने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सभी की निगाहें इस नई लीडरशिप पर टिकी होंगी, जहाँ इतिहास लिखा जाएगा और शायद, कुछ नए सवाल भी खड़े होंगे।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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