न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को जिम्बाब्वे दौरे पर एक और बड़ा झटका लगा है। टीम के बहुमुखी ऑलराउंडर ग्लेन फिलिप्स ग्रोइन चोट के कारण इस महत्वपूर्ण दौरे से बाहर हो गए हैं। यह चोट उन्हें हाल ही में संपन्न हुई मेजर लीग क्रिकेट (MLC) के फाइनल में लगी थी, जो एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं से ठीक पहले फ्रैंचाइजी लीग में खिलाड़ियों की भागीदारी पर सवाल खड़े करती है। गौरतलब है कि फिलिप्स इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का अधिकांश हिस्सा भी इसी तरह की चोट के कारण गंवा चुके हैं।
चोट की गंभीरता और वापसी
जिम्बाब्वे पहुंचने पर उनकी चोट का आकलन किया गया और यह पाया गया कि उन्हें ठीक होने में कई सप्ताह लगेंगे। इससे स्पष्ट है कि फिलिप्स पूरी जिम्बाब्वे श्रृंखला से बाहर रहेंगे। न्यूजीलैंड टीम प्रबंधन ने पुष्टि की है कि उनके स्थान पर टीम में शामिल किए गए टिम रॉबिन्सन अब शेष टी20 त्रिकोणीय सीरीज के लिए टीम के साथ बने रहेंगे। फिलिप्स अब मिच हे और जिमी नीशम, दो अन्य यात्रा करने वाले रिजर्व खिलाड़ियों के साथ न्यूजीलैंड वापस लौटेंगे।
फ्रैंचाइजी क्रिकेट: एक दोधारी तलवार?
यह लगातार दूसरी बार है जब फिलिप्स को फ्रैंचाइजी क्रिकेट खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय दौरे से हाथ धोना पड़ा है। मेजर लीग क्रिकेट में वाशिंगटन फ्रीडम के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने 10 मैचों में 186 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 62 और स्ट्राइक-रेट 139.84 रहा। हालांकि, यह प्रदर्शन अब न्यूजीलैंड के लिए महंगा साबित हो रहा है।
यह घटनाक्रम एक बड़े सवाल को जन्म देता है: क्या खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व के बीच संतुलन बनाना एक जटिल चुनौती बनती जा रही है? एक तरफ लीग्स भारी-भरकम वेतन देती हैं, वहीं दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खिलाड़ियों की उपलब्धता और फिटनेस पर इसका सीधा असर पड़ता है। ऐसा लगता है जैसे हर लीग अपनी `कीमत` वसूलती है, और कभी-कभी यह कीमत खिलाड़ी की फिटनेस और टीम के प्रदर्शन से चुकानी पड़ती है।
एक और खिलाड़ी चोटिल, कोच की प्रतिक्रिया
ब्लैककैप्स को केवल फिलिप्स की ही कमी नहीं खलेगी। स्टार ओपनर फिन एलन भी शुरुआती स्क्वाड में शामिल थे, लेकिन मेजर लीग क्रिकेट में सैन फ्रांसिस्को यूनिकॉर्न्स के लिए खेलते हुए पैर में चोट लगने के कारण वह भी जिम्बाब्वे दौरे से बाहर हो गए। एक ही लीग से दो प्रमुख खिलाड़ियों का चोटिल होकर अंतरराष्ट्रीय दौरे से बाहर होना शायद एक संयोग से कहीं अधिक है, और इस पर क्रिकेट बोर्डों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
न्यूजीलैंड के नए हेड कोच, रॉब वाल्टर ने इस खबर पर अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “ग्लेन जैसे क्षमता वाले खिलाड़ी को खोना वाकई निराशाजनक है। फिन की तरह, हमें ग्लेन के लिए भी बहुत बुरा लग रहा है कि वह इस सीरीज से चूक गए हैं।” वाल्टर ने आगे कहा, “हम जानते हैं कि वह ब्लैककैप्स के लिए मैदान पर उतरने के लिए उत्सुक थे, और दुर्भाग्य से, वह इस सीरीज में ऐसा नहीं कर पाएंगे। हमें विश्वास है कि वह मैदान पर वापसी के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, और मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब ऐसा होगा।”
आगे की राह
फिलिप्स जिम्बाब्वे के खिलाफ आगामी दो टेस्ट मैचों के लिए न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम का भी हिस्सा थे। ब्लैककैप्स ने अभी तक टेस्ट टीम में उनके प्रतिस्थापन की घोषणा नहीं की है, जो टीम के लिए एक और सिरदर्द है।
फिलहाल, न्यूजीलैंड टीम को उम्मीद होगी कि उनके प्रमुख खिलाड़ी जल्द से जल्द फिट होकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करें, क्योंकि आने वाले समय में उन्हें बड़े टूर्नामेंटों में अपनी पूरी क्षमता के साथ उतरना होगा। यह घटनाक्रम दुनिया भर के क्रिकेट बोर्डों के लिए एक वेक-अप कॉल है, ताकि वे खिलाड़ियों के कार्यभार और फ्रैंचाइजी लीग के प्रभाव को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकें। अन्यथा, यह `खर्च` केवल खिलाड़ियों की चोटों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की गुणवत्ता पर भी भारी पड़ेगा।