चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स: जहां से शुरू होती है विश्व चैंपियन बनने की कहानी!

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शतरंज की दुनिया में भारत का नाम अब सिर्फ `विश्वनाथन आनंद` तक ही सीमित नहीं है, बल्कि युवा ग्रैंडमास्टर्स की एक नई फौज ने इसे वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर दिया है। इसी पृष्ठभूमि में, चेन्नई – जो हमेशा से भारतीय शतरंज की नर्सरी रही है – एक बार फिर सुर्खियों में है। तीसरे चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स टूर्नामेंट का आगाज़ होने वाला है, और यह सिर्फ एक और शतरंज प्रतियोगिता नहीं, बल्कि 2026 की विश्व चैम्पियनशिप साइकिल के लिए पहला महत्वपूर्ण पड़ाव है।

शतरंज के रणक्षेत्र में चेन्नई का विशेष स्थान

चेन्नई, जिसे अक्सर “भारत की शतरंज राजधानी” कहा जाता है, का शतरंज से एक गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता है। यह वह भूमि है जहाँ से भारत के पहले विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद निकले, जिन्होंने पीढ़ियों को प्रेरित किया। आज चेन्नई सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भारतीय शतरंज की धड़कन है, जहाँ से लगातार नए प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभर रहे हैं। इस टूर्नामेंट का चेन्नई में होना, इसकी गरिमा और महत्त्व को और बढ़ा देता है, खासकर तब जब हम गुकेश डोम्माराजू की विश्व चैम्पियन बनने की अविश्वसनीय कहानी को याद करते हैं, जिसकी शुरुआत 2023 के उद्घाटन चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स से ही हुई थी।

एक नई विश्व चैम्पियनशिप साइकिल का आगाज

शतरंज की दुनिया में विश्व चैंपियन का ताज हासिल करना किसी एवरेस्ट फतह करने से कम नहीं। यह एक लंबी, थकाऊ और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण यात्रा होती है, जिसकी शुरुआत अक्सर ऐसे ही महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों से होती है। चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स 2025, 2026 विश्व चैम्पियनशिप साइकिल के लिए एक तरह का `वार्म-अप` है। अगले तीन महीनों में, फिडे ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट और फिडे विश्व कप में कैंडिडेट्स के लिए पाँच स्थान तय होने हैं। ऐसे में, यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों को क्लासिकल शतरंज के `ग्रूव` में वापस लाने और आगामी बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए आत्मविश्वास हासिल करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

एक शतरंज खिलाड़ी के लिए, क्लासिकल प्रारूप में वापसी किसी पुराने दोस्त से मिलने जैसी होती है – जिसमें गहरी बातचीत, पुरानी यादें और भविष्य की रणनीतियों पर मंथन होता है, जहाँ हर चाल का अपना वज़न और हर फैसला एक कहानी कहता है।

दांव पर क्या है?

इस टूर्नामेंट में सिर्फ नकद पुरस्कार या रैंकिंग पॉइंट ही दांव पर नहीं हैं, बल्कि कहीं अधिक महत्वपूर्ण `फिडे सर्किट पॉइंट्स` हैं, जो कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, पूरे साल रैपिड और ब्लिट्ज जैसे तेज़ प्रारूपों में खेलने के बाद, खिलाड़ियों को क्लासिकल शतरंज की धीमी, गहन गति में वापस लौटना है। यह अपनी पुरानी फॉर्म को खोजना, मानसिक धैर्य को बढ़ाना और एक मजबूत शुरुआत करना है। एक खिलाड़ी के लिए, आत्मविश्वास और लय का सही मिश्रण ही बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता की कुंजी होता है। चेन्नई का यह मंच इसी तैयारी के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्टार खिलाड़ी और उनकी चुनौतियां

टूर्नामेंट दो श्रेणियों में विभाजित है: मास्टर्स और चैलेंजर्स

मास्टर्स श्रेणी: शीर्ष पर संघर्ष

मास्टर्स श्रेणी में दुनिया के छठे नंबर के खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी मैदान का नेतृत्व कर रहे हैं, और कई लोग उन्हें इस बार विजेता बनने का प्रबल दावेदार मान रहे हैं। लेकिन प्रतियोगिता आसान नहीं होगी। डच खिलाड़ी अनीश गिरी, जर्मनी के विन्सेंट कीमर, भारत के विदित गुजराती और निहाल सरीन जैसे मजबूत खिलाड़ी अर्जुन को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हैं। डचमैन जॉर्डन वैन फॉरेस्ट, यूएसए के अवॉन्डर लियांग और रे रॉबसन, तथा भारतीय खिलाड़ी वी प्रणव और कार्तिकेयन मुरली भी इस रोमांचक संघर्ष का हिस्सा हैं।

चैलेंजर्स श्रेणी: भविष्य के सितारे

चैलेंजर्स टूर्नामेंट पूरी तरह से भारतीय खिलाड़ियों का जमावड़ा है, जिसमें दो महिला खिलाड़ी – हारिका द्रोणावल्ली और वैशाली रमेशबाबू – भी शामिल हैं। लियोन ल्यूक मेंडोंका, बी अधिबान, पी इनियन, अभिमन्यु पुराणिक, दिपतायन घोष, आर्यन चोपड़ा, एम प्रणेश और harshavardhan GB जैसे खिलाड़ी यहाँ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए उत्सुक हैं। यह श्रेणी अक्सर भविष्य के सितारों को जन्म देती है, और भारत की बेंच स्ट्रेंथ को दर्शाती है।

विश्व चैंपियन कहाँ हैं? एक दिलचस्प अनुपस्थिति

क्या हमारे विश्व चैंपियन गुकेश डोम्माराजू अपनी मातृभूमि में नहीं खेल रहे हैं? यह एक वाजिब सवाल है। दरअसल, गुकेश का कैलेंडर दुनिया भर में फैला हुआ है। 2026 की विश्व चैम्पियनशिप साइकिल में उन्हें कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में खेलने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे पहले ही विश्व चैंपियन बन चुके हैं। इसलिए, वह 9 अगस्त से शुरू होने वाले सेंट लुइस रैपिड एंड ब्लिट्ज टूर्नामेंट और 18 अगस्त से शुरू होने वाले सिंकफील्ड कप जैसे ग्रैंड चेस टूर आयोजनों में व्यस्त हैं।

इसी तरह, आर प्रज्ञाननंदा भी सिंकफील्ड कप में खेलने वाले हैं, यही वजह है कि वे चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स में अनुपस्थित रहेंगे। यह खिलाड़ियों के बढ़ते व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम और भारत की शतरंज शक्ति का एक और प्रमाण है कि हमारे शीर्ष सितारे एक साथ कई महत्वपूर्ण मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। एक तरह से देखा जाए, तो यह अनुपस्थिति एक सुखद विडंबना है: जो इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे, वे अब विश्व चैंपियन बनने की दौड़ से आगे निकल चुके हैं!

टूर्नामेंट का प्रारूप और कार्यक्रम

यह टूर्नामेंट शुद्ध क्लासिकल प्रारूप में खेला जाएगा, जिसे शतरंज का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है, जहाँ रणनीति, धैर्य और गहरी गणना की कसौटी पर खिलाड़ियों को परखा जाता है।

कार्यक्रम:

  • शुरुआत: 6 अगस्त
  • समाप्ति: 15 अगस्त
  • विश्राम दिवस: 11 अगस्त (केवल एक)
  • कुल 9 राउंड 10 दिनों में खेले जाएंगे।

प्रारूप:

पहलू विवरण
प्रारूप क्लासिकल शतरंज
घड़ी का समय (प्रति खिलाड़ी) 90 मिनट
इन्क्रीमेंट 40वीं चाल के बाद प्रति चाल 30 सेकंड का इन्क्रीमेंट
टाई-ब्रेक (यदि आवश्यक हो) ब्लिट्ज प्रारूप (3 मिनट प्रति गेम, प्रति चाल 2 सेकंड का इन्क्रीमेंट)

भारत के शतरंज भविष्य की ओर एक कदम

चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स 2023 में गुकेश की जीत ने विश्व शतरंज के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। अब 2025 का यह संस्करण भी कुछ ऐसे ही ऐतिहासिक क्षणों का गवाह बन सकता है। चाहे वह अर्जुन एरिगैसी के लिए फिडे सर्किट पॉइंट्स का पीछा करना हो, या अनीश गिरी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के लिए अपनी क्लासिकल लय को फिर से खोजना हो, इस टूर्नामेंट में हर खिलाड़ी के लिए कुछ न कुछ महत्वपूर्ण दांव पर है।

भारत में शतरंज का उत्साह चरम पर है, और यह टूर्नामेंट न केवल खिलाड़ियों को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा, बल्कि देश भर के शतरंज प्रेमियों के लिए भी रोमांच और प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है; यह भारत के शतरंज भविष्य की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। शायद यह कोई नया `गुकेश मोमेंट` दे जाए, जिससे एक और युवा भारतीय विश्व चैंपियन बनने की राह पर अग्रसर हो!

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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