श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज रोमांचक मोड़ पर खड़ी है। पहला मुकाबला जीतकर श्रीलंका ने 1-0 की बढ़त बना ली है और अब निगाहें दाम्बुला में होने वाले दूसरे टी20 पर हैं। इस मैच से पहले, दोनों ही खेमों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं। एक तरफ बांग्लादेश अपनी फॉर्म से जूझ रहा है, तो दूसरी तरफ श्रीलंका अपनी एक खास ताकत पर इतरा रहा है: उनकी शानदार फील्डिंग!
बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ी चिंता उनके कप्तान लिटन कुमार दास की खराब फॉर्म है। मुख्य कोच फिल सिमंस ने खुद माना है कि लिटन का आत्मविश्वास थोड़ा कम है। पिछले 17 अंतरराष्ट्रीय पारियों में उनके बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला है, जो किसी भी कप्तान के लिए अच्छा संकेत नहीं है। पहले वनडे में पहली ही गेंद पर आउट होना और फिर पहले टी20 में सिर्फ 6 रन बनाना, यह दिखाता है कि लिटन को वाकई मदद की जरूरत है। सिमंस ने भरोसा जताया है कि टीम लिटन के साथ काम कर रही है और उम्मीद है कि वह जल्द ही लय में लौटेंगे। उम्मीद करना ही इकलौता सहारा है, खासकर जब कप्तान का बल्ला रूठा हुआ हो!
टीम की चिंताएं सिर्फ फॉर्म तक सीमित नहीं हैं। चोटें भी बांग्लादेश को परेशान कर रही हैं। विकेटकीपर बल्लेबाज जकर अली पहले टी20 से चोट के कारण बाहर थे। उनकी उपलब्धता पर फैसला मैच से ठीक पहले लिया जाएगा। कोच सिमंस ने पहले मैच में चार सलामी बल्लेबाजों को खिलाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि जकर की चोट के बाद उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। उनके अनुसार, `रियलिस्टिक` होकर देखें तो टीम को बल्लेबाज की जरूरत थी और मजबूरन ऐसा फैसला लेना पड़ा। अब इसे मजबूरी कहें या रणनीति, मैदान पर कभी-कभी ऐसे `रियलिस्टिक` फैसले अजीब लग सकते हैं!
बांग्लादेश का प्लान अब सीधा है: जो पहले मैच में गड़बड़ हुआ, उसे सुधारना। सिमंस ने साफ किया कि उन्हें बल्ले से ज्यादा रन बनाने होंगे और पावरप्ले (शुरुआती 6 ओवरों) में गेंदबाजी को बेहतर करना होगा। मतलब, सीधा गणित है – बेहतर खेलो, प्रतिस्पर्धी बनो। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बांग्लादेश अपने प्लान को मैदान पर उतार पाता है।
दूसरी ओर, श्रीलंकाई खेमे में आत्मविश्वास साफ झलक रहा है। उनकी फील्डिंग इस सीरीज में जबरदस्त रही है। फील्डिंग कोच उपुल चंदना ने बताया कि उनकी टीम की फील्डिंग में सुधार का `राज` कोई जादू नहीं, बल्कि सिर्फ कड़ी मेहनत और दोहराव (repetition) है। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने फील्डिंग प्रैक्टिस का समय दोगुना कर दिया है – जो पहले 20 मिनट होता था, अब 40 मिनट हो गया है। इसके अलावा फिटनेस पर भी खूब ध्यान दिया गया है।
चंदना ने बताया कि फील्डिंग में सुधार का एक बड़ा कारण तेज गेंदबाजों का फील्डिंग में बेहतर प्रदर्शन है। आमतौर पर तेज गेंदबाज फील्डिंग में थोड़े सुस्त माने जाते हैं, लेकिन श्रीलंकाई पेसर्स ने इस धारणा को गलत साबित किया है। चंदना के मुताबिक, उन्होंने फील्डिंग को `एटीट्यूड` का मामला बना दिया है। बल्लेबाज फेल हो सकते हैं, गेंदबाज महंगे हो सकते हैं, लेकिन फील्डिंग में हर कोई योगदान दे सकता है। खिलाड़ियों ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और मैदान पर अपना 100% दे रहे हैं, जिसका फायदा टीम को मिल रहा है। जब फील्डिंग टाइट होती है, तो विपक्षी टीम पर अपने आप दबाव बन जाता है।
श्रीलंका पहला मैच जीतकर बेहतरीन क्रिकेट खेल रहा है। कुसल मेंडिस और पथुम निसंका की सलामी जोड़ी ने उन्हें शानदार शुरुआत दी थी। लेकिन चंदना ने साफ किया कि वे बांग्लादेश को हल्के में नहीं ले रहे हैं। उन्हें पता है कि बांग्लादेश वापसी के लिए पूरी ताकत लगाएगा। इसलिए श्रीलंका की टीम दूसरे मैच में पहले से बेहतर प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेगी।
कुल मिलाकर, दाम्बुला में होने वाला दूसरा टी20 दोनों टीमों के लिए बेहद अहम है। बांग्लादेश को सीरीज में बने रहने के लिए जीतना जरूरी है, वहीं श्रीलंका सीरीज अपने नाम करना चाहेगा। एक तरफ फॉर्म से जूझता कप्तान और चोटों से परेशान टीम है, तो दूसरी तरफ आत्मविश्वास से भरी और फील्डिंग में माहिर टीम। देखना होगा कि इस मुकाबले में कौन किस पर भारी पड़ता है।