दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान (अब अरुण जेटली स्टेडियम) पर एक बार फिर क्रिकेट का महासंग्राम सजने वाला है। भारतीय सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज का दूसरा और अंतिम मैच शुरू होने जा रहा है, और यह मुकाबला सिर्फ एक खेल से बढ़कर है। यह दो ऐसी टीमों की कहानी है, जो क्रिकेट के मैदान पर इस वक्त बिल्कुल अलग-अलग रास्तों पर खड़ी हैं – एक टीम जो लगातार जीत की ओर अग्रसर है, और दूसरी जो अपने गौरवशाली अतीत की छाया से निकलकर वर्तमान में समाधान तलाश रही है।
भारत का अदम्य आत्मविश्वास और `क्लीन स्वीप` का लक्ष्य
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को आसानी से परास्त करने के बाद, भारतीय टीम का आत्मविश्वास अपने चरम पर है। अहमदाबाद में मिली शानदार जीत ने न केवल उनकी श्रेष्ठता को स्थापित किया है, बल्कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) में उनकी स्थिति को और मजबूत करने का रास्ता भी साफ कर दिया है। ऋषभ पंत की अनुपस्थिति के बावजूद, टीम इंडिया लगभग अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान पर उतरने को तैयार है। कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में, टीम का लक्ष्य सिर्फ मैच जीतना नहीं, बल्कि वेस्टइंडीज का 2-0 से `क्लीन स्वीप` करके WTC तालिका में अपनी स्थिति को और बेहतर करना है।
भारतीय टीम की रणनीति सिर्फ वर्तमान पर केंद्रित नहीं है, बल्कि भविष्य की नींव भी रखी जा रही है। युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। टीम प्रबंधन उन्हें केवल विदेशी दौरों के लिए ही नहीं, बल्कि 2027 दक्षिण अफ्रीका में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए एक महत्वपूर्ण सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में देख रहा है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में उन्हें कितना अधिक मौका मिलता है और वे अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कैसे करते हैं।
वेस्टइंडीज की चुनौती: `समाधान` की तलाश में एक खोया हुआ गौरव
दूसरी ओर, वेस्टइंडीज की टीम एक गंभीर संकट से जूझ रही है। क्रिकेट इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज यह नाम आज अपने प्रदर्शन के कारण पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है। पहले टेस्ट में, टीम 89.2 ओवरों में ही ढेर हो गई और गेंद के साथ भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई। 448 रन के जवाब में विपक्षी टीम को मुश्किल में डालना तो दूर, वेस्टइंडीज के गेंदबाज कोई चुनौती भी पेश नहीं कर सके।
कोच डैरेन सैमी का दर्द सार्वजनिक रूप से सामने आया है, जब उन्होंने खिलाड़ियों के `टीम में चयन स्वीकार करने` और `कड़ी मेहनत` करने की जरूरत पर जोर दिया। उनका मानना है कि वेस्टइंडीज के क्रिकेट की समस्याएं गहरी हैं और सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि पूरी प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है। दिल्ली का मैदान, जो अक्सर स्पिनरों का सहायक होता है, वेस्टइंडीज के स्पिनर जोमेल वॉरिकन के लिए एक बड़ी परीक्षा होगा। उनका औसत भारत के खिलाफ 54.25 रहा है, और उन्हें अहमदाबाद में अपने 29-5-102-1 के प्रदर्शन से कहीं बेहतर करना होगा। क्या टीम में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जेदिया ब्लेड्स को शामिल करके गेंदबाजी में कुछ विविधता लाई जा सकती है, यह भी एक बड़ा सवाल है।
दिल्ली का मैदान और मौसम का मिजाज
दिल्ली का अक्टूबर माह आमतौर पर सुहावना माना जाता है, हालांकि आधुनिक शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के कारण अब यह केवल `कम असहज` महीनों में से एक बन गया है। इस मैच के दौरान तापमान में गिरावट से पिच के जल्दी खराब होने की संभावना कम है। दिल्ली की पिच पारंपरिक रूप से पहले दो दिनों तक बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग साबित होती है, जिसके बाद स्पिनरों को मदद मिलना शुरू हो जाती है। पिछले सप्ताह हुई बारिश के बावजूद, मैच के दौरान मौसम साफ रहने की उम्मीद है।
संभावित प्लेइंग इलेवन और महत्वपूर्ण आंकड़े
भारत (संभावित):
- यशस्वी जायसवाल
- केएल राहुल
- बी साई सुदर्शन (जिन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है)
- शुभमन गिल (कप्तान)
- ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर)
- रवींद्र जडेजा
- नीतीश कुमार रेड्डी
- वाशिंगटन सुंदर
- कुलदीप यादव
- जसप्रीत बुमराह
- मोहम्मद सिराज
भारत शायद ही अपनी विजयी टीम में कोई बदलाव करे, लेकिन अगर बी साई सुदर्शन पहले टेस्ट में कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं, तो क्या देवदत्त पडिक्कल को मौका मिल सकता है? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
वेस्टइंडीज (संभावित):
- टैगेनारिन चंद्रपॉल
- जॉन कैंपबेल
- एलिक अथानाज़े
- ब्रैंडन किंग
- शाई होप (विकेटकीपर)
- रोस्टन चेज़ (कप्तान)
- जस्टिन ग्रीव्स
- जोमेल वॉरिकन
- खैरी पियरे
- जोहान लेयने/जेदिया ब्लेड्स
- जेडेन सील्स
वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी में तत्काल बदलाव की उम्मीद कम है। गेंदबाजी में, जेदिया ब्लेड्स को शामिल करने का विचार हो सकता है, जो टीम को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का विकल्प प्रदान करेंगे।
आंकड़े और रोचक तथ्य:
- भारत ने नवंबर 1987 के बाद दिल्ली में कोई टेस्ट नहीं हारा है। दिलचस्प बात यह है कि आखिरी हार वेस्टइंडीज के खिलाफ ही थी। तब से, भारत ने यहां 12 टेस्ट जीते हैं और 12 ड्रॉ खेले हैं।
- रवींद्र जडेजा अपने 4000 टेस्ट रन पूरे करने से मात्र दस रन दूर हैं। उनसे पहले इयान बॉथम, कपिल देव और डैनियल विटोरी ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 4000 रन और 300 विकेट का दोहरा रिकॉर्ड बनाया है।
निष्कर्ष: एक निर्णायक मुकाबला
यह टेस्ट मैच दोनों टीमों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के लिए यह विजय अभियान जारी रखने और अपने नए खिलाड़ियों को तैयार करने का अवसर है। वहीं, वेस्टइंडीज के लिए यह केवल मैच जीतने का सवाल नहीं, बल्कि अपनी गरिमा वापस पाने, समस्याओं का समाधान खोजने और क्रिकेट जगत को यह दिखाने का अवसर है कि वे अभी भी एक प्रतिस्पर्धी टीम बन सकते हैं। दिल्ली का मैदान एक बार फिर क्रिकेट की दो अलग-अलग कहानियों का गवाह बनेगा।