दिल्ली में चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज पर अपना दबदबा बनाए रखा है। कप्तान शुभमन गिल के शानदार शतक (129*) और स्पिन तिकड़ी रवींद्र जडेजा व कुलदीप यादव के विकेटों ने वेस्टइंडीज को बैकफुट पर धकेल दिया है। हालांकि, वेस्टइंडीज ने पिछले मैच की तुलना में कुछ बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की धार के सामने उनकी मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुई हैं।
भारत का बल्लेबाजी प्रदर्शन: गिल का `मृदुभाषी` शतक
मैच का दूसरा दिन भारत के लिए कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ शुरू हुआ। पिछली शाम के शतकवीर यशस्वी जायसवाल, जो 173 रन पर नाबाद थे, दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन-आउट हो गए। यह क्रिकेट के मैदान का एक ऐसा क्षण था, जहाँ बल्लेबाजों के बीच का तालमेल कभी-कभी `दुर्घटना` का रूप ले लेता है। जायसवाल चाहते थे कि उनके साथी गिल, गेंद पर नहीं, बल्कि उन पर ध्यान दें, लेकिन गेंद शायद ज्यादा ही तेजी से मिड-ऑफ की ओर गई और गिल ने भी पलक झपकते ही अपना फैसला बदल दिया, जिसका खामियाजा जायसवाल को अपना विकेट गंवाकर भुगतना पड़ा। खैर, क्रिकेट है, इसमें ऐसी गलतियां होती रहती हैं।
इस छोटी सी गलतफहमी को शुभमन गिल ने अपने शांत स्वभाव से संभाला और फिर मैदान पर अपनी बल्लेबाजी का जादू बिखेरा। उन्होंने कप्तानी करते हुए अपने करियर का 10वां टेस्ट शतक जड़ा, जो उनके लिए कप्तान के रूप में पांचवां शतक भी था। गिल की बल्लेबाजी देखने लायक थी; उन्होंने शायद ही कभी गुस्से में कोई शॉट खेला हो। जब तेज गेंदबाजों ने सुबह के सत्र में थोड़ी चुनौती पेश की, तो गिल ने शॉर्ट-आर्म कट्स और रक्षात्मक धक्कों से लेग साइड में रन बटोरे। उनके अर्धशतक तक पहुंचने का तरीका भी दिलकश था – एक खूबसूरत फ्लिक शॉट ने गेंद को मिडविकेट के पार पहुंचाया। यहाँ तक कि जब वेस्टइंडीज के गेंदबाज जस्टिन ग्रीव्स ने कटर आज़माए, तो गिल ने कदम आगे बढ़ा कर गेंद को हवा में उछाल दिया और एक शानदार छक्का जड़ा। उनकी कप्तानी में उनकी औसत 84.81 हो गई है, जो अपने आप में एक उपलब्धि है।
भारतीय टीम ने नितीश कुमार रेड्डी को पांचवें नंबर पर प्रमोट किया, ताकि उन्हें घरेलू टेस्ट में अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिल सके। रेड्डी ने 43 रन की तेज़तर्रार पारी खेली, जिसमें दो छक्के भी शामिल थे। उनके बाद आए ध्रुव जुरेल ने भी स्पिन के खिलाफ अपनी समझदारी का परिचय दिया। अंततः, जब जुरेल 40 रन पर आउट हुए, तो गिल ने तुरंत 518 रन पर पारी घोषित कर दी, जिससे वेस्टइंडीज के लिए एक विशाल लक्ष्य खड़ा हो गया।
वेस्टइंडीज की संघर्ष भरी प्रतिक्रिया: थोड़ी राहत, बहुत सारी चुनौती
वेस्टइंडीज की टीम ने अहमदाबाद के पहले टेस्ट की तुलना में बल्ले से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी पहली अर्धशतकीय साझेदारी की और एलइक अथनाज़े ने 41 रन बनाकर टीम के लिए सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया। उन्होंने 43 ओवर तक चार विकेट खोकर कुछ हद तक क्रीज पर टिके रहने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय स्पिनरों की चुनौती बड़ी थी। फॉलो-ऑन से बचने के लिए अभी भी उन्हें 179 रन की जरूरत है, जो उनकी `पहाड़` जैसी चुनौती को और बढ़ा देता है।
वेस्टइंडीज की पारी की शुरुआत में ही उन्हें एक दुर्भाग्यपूर्ण झटका लगा। सलामी बल्लेबाज जॉन कैंपबेल ने रवींद्र जडेजा की गेंद को पैडल-स्वीप किया, जो सीधे शॉर्ट लेग पर खड़े क्षेत्ररक्षक के हेलमेट से टकराई और वहीं जा फंसी। यह एक विचित्र विकेट था, जिसने फील्डर बी साई सुदर्शन को दिन के शेष भाग के लिए मैदान से बाहर कर दिया, लेकिन भारत को एक महत्वपूर्ण सफलता दिला दी। शायद किस्मत भी उस दिन भारत के साथ थी!
इसके बाद चंदरपॉल और अथनाज़े ने कुछ देर तक भारतीय गेंदबाजों का सामना किया, लेकिन फिर रवींद्र जडेजा ने अपनी फ्लाइट और गति से चंदरपॉल को चकमा दिया और स्लिप पर एक तेज़ कैच लपका गया। अथनाज़े, जो अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, कुलदीप यादव की पहली गेंद को मिडविकेट पर सीधे मार बैठे, जब उन्होंने स्लॉग-स्वीप करने की कोशिश की। कप्तान रॉस्टन चेज़ ने भी जडेजा को एक सीधा कैच थमा दिया। स्टैंड में मौजूद महान खिलाड़ी विव रिचर्ड्स और ब्रायन लारा को इशारा करते देखा गया कि उन्हें गेंद को टर्न के साथ डिफेंड करना चाहिए था, न कि उसके खिलाफ फ्लिक करना। महान खिलाड़ियों की यह `निराशा` वेस्टइंडीज की स्थिति को बखूबी बयां कर रही थी।
दिन के अंत तक, शाय होप और टेविन इमलाच ने वेस्टइंडीज को और कोई नुकसान नहीं होने दिया, लेकिन उनके सामने अभी भी रनों का पहाड़ खड़ा है और भारतीय स्पिनरों का सामना करना एक बड़ी चुनौती होगी।
निष्कर्ष: भारत की पकड़ मज़बूत
यह स्पष्ट है कि भारतीय टीम, विशेषकर कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में, इस टेस्ट मैच में पूरी तरह से हावी है। दिल्ली की पिच, जो धीमे गेंदबाजों को मदद दे रही है, पर भारतीय स्पिनरों की तिकड़ी वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों के लिए लगातार सिरदर्द बनी हुई है। वेस्टइंडीज ने बेशक पिछले मैच की तुलना में थोड़ा अधिक संघर्ष दिखाया है, लेकिन उनके प्रदर्शन में अभी भी वह निरंतरता और मजबूती नहीं दिख रही है, जो भारत जैसी शीर्ष टीम के खिलाफ आवश्यक है। यह टेस्ट मैच भारत के पक्ष में ही जाता दिख रहा है, और भारतीय प्रशंसक अपनी टीम के इस शानदार प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।