क्रिकेट का कैलेंडर अब इतना व्यस्त हो चुका है कि टीमों को अपने ही घर में खेलने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। ताजा मामला दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच होने वाली टी20 सीरीज का है, जिस पर आगामी टी20 विश्व कप 2026 की तैयारियों का साया मंडरा रहा है। दोनों टीमों को अपनी एकमात्र घरेलू अंतरराष्ट्रीय सीरीज को छोटा करने पर मजबूर होना पड़ सकता है, ताकि वे समय पर विश्व कप के लिए भारत और श्रीलंका पहुंच सकें।
व्यस्त कार्यक्रम और आईसीसी का `सपोर्ट पीरियड`
दक्षिण अफ्रीका को 27 जनवरी से 6 फरवरी के बीच वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच टी20 मैच खेलने थे। यह इस गर्मी में प्रोटियाज पुरुषों की एकमात्र घरेलू अंतरराष्ट्रीय सीरीज थी। लेकिन, जैसा कि क्रिकेट जगत में फुसफुसाहट चल रही है और अब पुष्टि भी हो चुकी है, टी20 विश्व कप 7 फरवरी से 8 मार्च तक खेला जाएगा। यहां तक तो सब ठीक लगता है, लेकिन असली `ट्विस्ट` आईसीसी के `सपोर्ट पीरियड` में है।
आईसीसी ने 28 अगस्त को भाग लेने वाली टीमों को एक `सदस्य सूचना पैक` भेजा, जिसमें अभ्यास मैचों से संबंधित जानकारी थी। इस दस्तावेज़ के अनुसार, आईसीसी का सपोर्ट पीरियड (वह समय जब टीमों को मेजबान देशों में पहुंचने और गैर-अनिवार्य अभ्यास मैच खेलने की उम्मीद होती है) 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। पहले यह 3 फरवरी से शुरू होने वाला था। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने अपने घरेलू मैचों का कार्यक्रम इस समझ के साथ तैयार किया था कि टीमों के पास टी20 विश्व कप के लिए पर्याप्त समय होगा, लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं।
क्या वेस्टइंडीज का इंतजार?
हालांकि, मेजबान देश में पूरा सपोर्ट पीरियड बिताना अनिवार्य नहीं है। आईसीसी ने 5 सितंबर तक टीमों से पूछा था कि वे कितने अभ्यास मैच खेलना चाहती हैं – विकल्प `कोई नहीं` से लेकर अधिकतम दो तक थे। अगर कोई देश दो मैचों का विकल्प चुनता है, तो सपोर्ट पीरियड टूर्नामेंट शुरू होने से एक सप्ताह पहले हो जाएगा।
CSA वर्तमान में क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के साथ बातचीत कर रहा है कि वेस्टइंडीज उपमहाद्वीप में कब पहुंचना चाहता है और वहां कितने मैच खेलना चाहता है। अगर टीमें कोई अभ्यास मैच नहीं चुनती हैं, तो अनिवार्य सपोर्ट पीरियड 7 फरवरी को पहले मैच से चार दिन पहले होगा। एक अभ्यास मैच के लिए यह पांच से छह दिन होगा।
यह जानकारी केवल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आईसीसी को प्रत्येक टीम के लिए आगमन की तारीख की पुष्टि करने की अनुमति देती है। एक तरह से, यह क्रिकेट कैलेंडर का वह `गुरुत्वाकर्षण बल` है जो टीमों को अपनी ओर खींचता है, भले ही उनके खुद के कार्यक्रम कितने भी जटिल क्यों न हों।
दक्षिण अफ्रीका के लिए कठिन फैसला
भले ही वेस्टइंडीज कोई टी20 विश्व कप अभ्यास मैच न खेलना चाहे, फिर भी CSA को पांच टी20 मैचों में से कम से कम दो मैच रद्द करने होंगे। सीरीज के आखिरी दो मैच 3 और 6 फरवरी को होने थे। SA20 लीग 25 जनवरी को खत्म होने के कारण इन मैचों को पहले नहीं खेला जा सकता।
यह दक्षिण अफ्रीका के लिए एक अजीब स्थिति है, क्योंकि यह इस गर्मी में उनका एकमात्र पुरुषों का अंतरराष्ट्रीय घरेलू सीरीज है। वेन्यू (Paarl, Newlands, Buffalo Park in East London, Centurion और Johannesburg) को लेकर भी अभी फैसला होना बाकी है।
अकेला नहीं है दक्षिण अफ्रीका
इंग्लैंड और श्रीलंका इस समस्या से बाल-बाल बचे हैं; श्रीलंका में उनकी तीन टी20 मैचों की सीरीज 30 जनवरी से 3 फरवरी के बीच खेली जाएगी। उन्हें यह फायदा भी है कि वे उस समय मेजबान देशों में से एक में ही होंगे। इससे साबित होता है कि भौगोलिक स्थिति और पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम, दोनों ही इस व्यस्त दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
घरेलू लीग और भविष्य की तैयारियां
दक्षिण अफ्रीका में इस सीजन में पुरुषों के कोई अन्य अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हैं, क्योंकि भारत का उनका ऑल-फॉर्मेट दौरा 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे SA20 के मूल विंडो (जनवरी का पहला सप्ताह) से पहले मैचों के लिए कोई जगह नहीं बची थी। SA20 को अब त्योहारी अवधि में स्थानांतरित कर दिया गया है और यह 26 दिसंबर से शुरू होगा।
हालांकि, लीग पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय मैचों की कमी का एकमात्र कारण नहीं है। CSA ने हमेशा इस साल एक कम भीड़ वाली गर्मियों की योजना बनाई थी ताकि वे 2027 वनडे विश्व कप के लिए अपने स्थानों को तैयार कर सकें। वर्तमान में, पूरे देश में `ड्रॉप-इन पिचें` विकसित की जा रही हैं। अगले सीज़न में, दक्षिण अफ्रीका दस घरेलू टेस्ट (आठ पुरुष और दो महिला) खेलेगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज भी शामिल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इतनी सारी प्रतिबद्धताओं के बीच क्रिकेट बोर्ड कैसे संतुलन साध पाते हैं।
यह घटनाक्रम एक बार फिर क्रिकेट के बदलते परिदृश्य को उजागर करता है, जहां घरेलू लीग, द्विपक्षीय सीरीज और बड़े आईसीसी टूर्नामेंट सभी अपनी जगह बनाने की होड़ में हैं। ऐसे में, प्रशासकों को न केवल टीमों और खिलाड़ियों के हितों का ध्यान रखना होगा, बल्कि दर्शकों की अपेक्षाओं और खेल के समग्र विकास को भी संतुलित करना होगा।