
पैट कमिंस अभी तक गेंदबाजी के लिए फिट नहीं हुए हैं।
क्रिकेट जगत में सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज – एशेज – का खुमार अपने चरम पर पहुँच रहा है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खेमे में एक बड़ी चिंता ने दस्तक दी है। टीम के कप्तान और तेज गेंदबाजी के अगुआ पैट कमिंस की फिटनेस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिससे एशेज 2025-26 के पहले टेस्ट में उनके खेलने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्थ में होने वाले पहले टेस्ट से सिर्फ छह हफ्ते पहले, कमिंस को अभी तक गेंदबाजी के लिए हरी झंडी नहीं मिली है, जो ऑस्ट्रेलियाई प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
कमिंस की चोट: एक दौड़ जो समय के खिलाफ है
पैट कमिंस, जो अपनी बेहतरीन तेज गेंदबाजी और शानदार नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं, निचले हिस्से में ‘लम्बर बोन स्ट्रेस’ की समस्या से जूझ रहे हैं। यह चोट तेज गेंदबाजों के करियर में एक अभिशाप की तरह रही है, और अब यह ऑस्ट्रेलिया के सबसे महत्वपूर्ण अभियान के ठीक पहले सामने आई है। हालिया स्कैन से सुधार के संकेत तो मिले हैं, लेकिन इतना नहीं कि उन्हें गेंदबाजी शुरू करने की इजाजत दी जा सके। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कमिंस का पुनर्वास कार्यक्रम चल रहा है, और अभी तक यह तय नहीं है कि वे कब गेंदबाजी में वापसी करेंगे या पहले टेस्ट, यहाँ तक कि पूरी एशेज सीरीज में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं।
जुलाई में जमैका में ऑस्ट्रेलिया के आखिरी टेस्ट मैच के बाद से कमिंस ने एक भी गेंद नहीं फेंकी है। यह अपने आप में एक गंभीर संकेत है। उन्होंने पहले भी कहा था कि वह एशेज में खेलने के लिए “कुछ जोखिम उठाने” और “थोड़ा आक्रामक” होने को तैयार हैं, जिसमें तैयारी के मैचों को छोड़ना भी शामिल था। लेकिन, केवल छह हफ्तों में पर्याप्त गेंदबाजी भार का निर्माण करना, यहाँ तक कि जोखिम के साथ भी, मेडिकल स्टाफ के लिए एक बड़ी चुनौती है। शरीर के निचले हिस्से की ताकत पर काम करने के बावजूद, कमिंस रोटेशनल वर्क (गेंदबाजी के लिए आवश्यक) नहीं कर पाए हैं, जिससे सॉफ्ट टिश्यू इंजरी का खतरा बढ़ जाता है। एक कप्तान जो टीम को सामने से लीड करता है, वही शायद इस अहम मुकाबले में अपनी सबसे बड़ी ताकत – गेंदबाजी – का प्रदर्शन न कर पाए, यह किसी विडंबना से कम नहीं।
गेंदबाजी आक्रमण की चिंता और कार्यभार प्रबंधन
एशेज सीरीज का कार्यक्रम बेहद चुनौतीपूर्ण है। पर्थ में पहला टेस्ट (21 नवंबर), ब्रिसबेन में दूसरा (4 दिसंबर), एडिलेड में तीसरा (17 दिसंबर) और बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) पर चौथा टेस्ट है। पहले दो टेस्ट के बाद आठ दिन का आराम है, लेकिन एडिलेड और मेलबर्न के बीच सिर्फ चार दिन का गैप है, और मेलबर्न और सिडनी के बीच भी इतना ही अंतराल है। ऐसे में तेज गेंदबाजों के कार्यभार का प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
कमिंस की अनुपस्थिति का मतलब होगा कि मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और स्कॉट बोलैंड पर और भी अधिक दबाव आ जाएगा। इन खिलाड़ियों को पहले से ही भारत के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए नामित किया गया है, जिसके बाद उन्हें शैफील्ड शील्ड मैच भी खेलने हैं। पिछले साल इंग्लैंड में एशेज में मार्क वुड और क्रिस वोक्स ने आखिरी तीन टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया था क्योंकि वे सीरीज के पहले हाफ में आराम कर चुके थे। इसी तरह, भारत के जसप्रीत बुमराह को भी पिछले साल भारी कार्यभार के कारण पीठ में चोट लगी थी, जब उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में अपनी टीम के तेज आक्रमण का भार संभाला था। ऑस्ट्रेलिया को इस बार अपनी बेंच स्ट्रेंथ की सख्त जरूरत होगी। माइकल नेसर, ब्रेंडन डॉगेट और सीन एबॉट जैसे खिलाड़ी भी टीम में जगह बनाने की होड़ में हैं, लेकिन उनकी खुद की फिटनेस और हालिया प्रदर्शन पर भी नजर रहेगी।
स्टीवन स्मिथ एशेज में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी संभाल सकते हैं, यदि पैट कमिंस अनुपलब्ध रहते हैं।
कप्तानी का सवाल: स्मिथ या कोई और?
कमिंस की संभावित अनुपस्थिति सिर्फ गेंदबाजी आक्रमण को ही नहीं, बल्कि टीम की कप्तानी को भी प्रभावित करेगी। इस स्थिति में, स्टीवन स्मिथ सबसे प्रबल दावेदार हैं। कमिंस ने 2021 में कप्तानी संभालने के बाद से स्मिथ छह बार उनकी जगह ले चुके हैं और कुल 40 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर चुके हैं। टेस्ट टीम के दूसरे उप-कप्तान ट्रैविस हेड हैं, लेकिन स्मिथ के अनुभव को देखते हुए उन्हें प्राथमिकता मिलने की संभावना अधिक है। एक अनुभवी कप्तान का सीरीज के शुरू में अनुपस्थित रहना टीम के मनोबल पर भी असर डाल सकता है, खासकर एशेज जैसी हाई-प्रेशर सीरीज में। स्मिथ का बल्लेबाजी फॉर्म भी टीम के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उन्हें सिर्फ नेतृत्व ही नहीं, बल्कि बल्ले से भी योगदान देना होगा।
आगे क्या?
एशेज सीरीज की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, और ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन के लिए हर गुजरता दिन महत्वपूर्ण होता जा रहा है। पैट कमिंस की फिटनेस पर अंतिम फैसला जल्द ही आने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कप्तान जोखिम उठाएंगे या मेडिकल स्टाफ के सलाह को मानेंगे। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह सिर्फ एक खिलाड़ी की चोट नहीं, बल्कि उनकी एशेज अभियान की नींव को हिला देने वाला संकट है। टीम को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके गेंदबाज न केवल फिट रहें, बल्कि इतने मजबूत भी हों कि वे इस लंबी और कठिन सीरीज का सामना कर सकें। एशेज हमेशा से अप्रत्याशित रही है, और कमिंस की चोट ने इस बार इसमें एक नया मोड़ जोड़ दिया है, जिससे क्रिकेट प्रेमियों की उत्सुकता और बढ़ गई है।