एशेज से पहले कैमरून ग्रीन की वापसी: एक ऑलराउंडर का कड़ा इम्तिहान और ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें

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क्रिकेट की दुनिया में चोट से वापसी की कहानियाँ अक्सर उतनी ही प्रेरणादायक होती हैं जितनी कि मैदान पर शानदार प्रदर्शन। ऐसी ही एक कहानी ऑस्ट्रेलिया के युवा ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन की है, जो 12 महीने के लंबे अंतराल के बाद गेंदबाजी में वापसी करने जा रहे हैं। आगामी एशेज सीरीज से पहले उनका यह कमबैक न केवल उनके लिए बल्कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए कई मायने रखता है। एक तेज गेंदबाज के तौर पर उनकी वापसी और नंबर 3 पर उनकी बल्लेबाजी की भूमिका, ये सब मिलकर एशेज के रोमांच को और भी बढ़ा रहे हैं।

कैमरून ग्रीन गेंदबाजी करते हुए
कैमरून ग्रीन 12 महीने बाद पहली बार मैच में गेंदबाजी करने के लिए तैयार हैं।

चोट का सफर और वापसी की राह

कैमरून ग्रीन, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का भविष्य माना जाता है, पिछले साल अक्टूबर में अपनी पीठ की सर्जरी के बाद से गेंदबाजी नहीं कर पाए थे। यह उनके करियर की पांचवीं स्ट्रेस फ्रैक्चर की समस्या थी, जो किसी भी तेज गेंदबाज के लिए एक गंभीर चुनौती होती है। ऐसे में मैदान से दूर रहना और फिर से गेंदबाजी की लय हासिल करना आसान नहीं होता। लेकिन ग्रीन ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अब वह वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए शैफील्ड शील्ड के शुरुआती मुकाबले में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ गेंदबाजी करने के लिए तैयार हैं।

यह वापसी एकाएक नहीं होगी, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इस मैच में उन्हें सिर्फ आठ ओवर गेंदबाजी करने की अनुमति होगी, ताकि उनके शरीर पर अचानक ज्यादा दबाव न पड़े। हालांकि, ग्रीन का मानना है कि एशेज तक आते-आते वे पूरी तरह से फिट हो जाएंगे और उन पर कोई गेंदबाजी प्रतिबंध नहीं रहेगा।

“यह 12 महीनों का लंबा सफर रहा है, लेकिन मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूँ,” ग्रीन ने आत्मविश्वास से कहा। “मेरा शरीर अच्छी स्थिति में है। मेरी रिकवरी बहुत अच्छी रही है। मैं मजबूत और फिट महसूस कर रहा हूँ, और मेरी गेंदबाजी एक्शन भी ठीक लग रही है।”

उनका लक्ष्य शैफील्ड शील्ड के तीन मैचों और भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की वनडे सीरीज के दौरान अपनी गेंदबाजी क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाना है। यह रणनीति सुनिश्चित करेगी कि पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में 21 नवंबर से शुरू होने वाली एशेज सीरीज के लिए वे अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हों।

बल्लेबाजी का क्रम: नंबर 3 या नंबर 4?

ग्रीन की वापसी सिर्फ गेंदबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी बल्लेबाजी की स्थिति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। ऑस्ट्रेलिया के लिए पिछले चार टेस्ट मैचों में वे नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर चुके हैं, जहाँ उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में 52, 26, 42 और 46 जैसे महत्वपूर्ण स्कोर बनाए। हालांकि, शैफील्ड शील्ड में वे वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए नंबर 4 पर बल्लेबाजी करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यों को टेस्ट खिलाड़ियों को उनकी आवश्यकतानुसार बल्लेबाजी क्रम में इस्तेमाल करने की छूट है, और ग्रीन का नंबर 4 पर शानदार रिकॉर्ड है, जहाँ उन्होंने 26 शील्ड पारियों में 67.09 की औसत से पांच शतक और छह अर्धशतक बनाए हैं। टेस्ट में भी नंबर 4 पर उनका औसत 53.60 है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका करियर-सर्वश्रेष्ठ 174* भी शामिल है।

एशेज में ग्रीन की बल्लेबाजी स्थिति को लेकर अभी भी सवाल हैं। क्या वे नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने और महत्वपूर्ण ओवर फेंकने के दोहरे कार्यभार को संभाल पाएंगे? ग्रीन इस सवाल का जवाब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन का उदाहरण देकर देते हैं:

“शेन वॉटसन सलामी बल्लेबाजी करते थे और गेंदबाजी भी करते थे,” ग्रीन ने कहा। “लोग शायद नहीं समझते कि यह कितना मुश्किल था। मैदान पर इतनी देर गेंदबाजी करने के बाद, फिर बल्लेबाजी के लिए जाना और दिन के आखिरी 10 ओवर खेलना, यह वाकई चुनौतीपूर्ण है।”

ग्रीन को लगता है कि उनकी स्थिति थोड़ी अलग है, खासकर साथी ऑलराउंडर ब्यू वेबस्टर के टेस्ट टीम में होने से। उनका मानना है कि अगर वे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करते हैं, तो वेबस्टर गेंदबाजी का अधिक भार उठा सकते हैं, जिससे ग्रीन के लिए संतुलन बनाना आसान होगा। यह रणनीति ऑस्ट्रेलिया को गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में गहराई प्रदान कर सकती है।

एशेज की दौड़ और अन्य दावेदार

कैमरून ग्रीन की वापसी के साथ ही एशेज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बनाने की होड़ भी तेज हो गई है। सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा के साथ कौन ओपन करेगा, यह एक बड़ा सवाल है। युवा सनसनी सैम कॉनस्टास न्यू साउथ वेल्स के मजबूत लाइन-अप का हिस्सा होंगे और शैफील्ड शील्ड के शुरुआती दौर में एशेज में सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी दावेदारी पेश करने का उनके पास बड़ा मौका है। वेस्टइंडीज के खिलाफ 3-0 की टेस्ट सीरीज जीत में कॉनस्टास का प्रदर्शन फीका रहा था, लेकिन भारत `ए` के खिलाफ `ऑस्ट्रेलिया ए` के लिए उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर अपनी फॉर्म वापस पाई है।

इसके अलावा, मार्नस लाबुशेन, नाथन मैक्स्वीनी, जेक वेदरल्ड, मार्कस हैरिस, जोश इंग्लिश, कैंपबेल केलवे, कर्टिस पैटर्सन, मैट रेनशॉ और कैमरून बैनक्रॉफ्ट जैसे खिलाड़ी भी सलामी बल्लेबाज के स्थान के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता किन खिलाड़ियों पर भरोसा जताते हैं।

निष्कर्ष: एशेज की अग्निपरीक्षा में ग्रीन का रोल

एशेज क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित सीरीज में से एक है, और इसमें ऑस्ट्रेलिया की सफलता काफी हद तक उसके प्रमुख खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। कैमरून ग्रीन का चोट से उबरकर वापस आना टीम के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन उनकी दोहरी भूमिका – नंबर 3 पर बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी – एक कड़ा इम्तिहान होगी। अगर ग्रीन अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म हासिल कर लेते हैं और वर्कलोड को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर पाते हैं, तो वे एशेज में ऑस्ट्रेलिया के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। उनकी वापसी न केवल एक खिलाड़ी की जुझारू भावना को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि बड़े मैचों में जीतने के लिए एक टीम को अपने हर खिलाड़ी की भूमिका को कितनी सटीकता से परिभाषित करना होता है। एशेज का रण तैयार है, और ग्रीन उस रणभूमि में एक महत्वपूर्ण मोहरा होंगे।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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