एशिया कप 2025 फाइनल: कपिल देव का भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता पर बेबाक बयान और भारतीय दबदबा

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क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान का मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं, इतिहास और राष्ट्रीय गौरव का एक ऐसा संगम है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर के खेल प्रेमी अपनी साँसें थाम लेते हैं। जब दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो स्टेडियम का माहौल किसी त्योहार से कम नहीं होता, और दर्शक दीर्घा में जुनून अपने चरम पर होता है। एशिया कप 2025 का फाइनल, जहाँ ये दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी एक बार फिर भिड़ने को तैयार हैं, उसी जुनून को एक नई ऊँचाई पर ले जा रहा है। इसी गहमागहमी के बीच, भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ी कपिल देव ने इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता पर अपनी राय रखी है, जो सोचने पर मजबूर करती है।

कपिल देव की बेबाक राय: `खिलाड़ियों में नहीं, प्रशंसकों में है रंजिश`

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबलों को लेकर अक्सर `रंजिश` या `दुश्मनी` जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। लेकिन कपिल देव, जिन्होंने खुद इस हाई-प्रेशर माहौल में कई बार प्रदर्शन किया है, इस धारणा को चुनौती देते हैं। उनका मानना है कि खिलाड़ियों के स्तर पर कोई गहरी रंजिश नहीं होती। खिलाड़ियों के लिए यह सिर्फ एक मैच होता है, जिसे वे पेशेवर रवैये से खेलते हैं।

“मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों के बीच इतनी रंजिश है। लेकिन पाकिस्तानी लोग, वे ऐसा आभास देते हैं, जब आप उन्हें बात करते सुनते हैं, जैसे उनके मन में रंजिश है। उन्हें लगता है कि जब हमारी टीम मैदान पर उनसे कहीं बेहतर थी, तो यह देश (भारत) इतना अच्छा कैसे खेल रहा है। खिलाड़ी समझते हैं कि हम उनसे बेहतर नहीं हैं, लेकिन प्रशंसक इसे स्वीकार नहीं कर पाते,” कपिल देव ने एनडीटीवी को बताया।

यह बयान पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसकों की उस मानसिकता पर एक गहरा व्यंग्य है, जो अपनी टीम को हमेशा श्रेष्ठ मानते हैं, भले ही मैदान पर परिणाम कुछ और ही कहानी सुना रहे हों। यह एक ऐसी मानवीय प्रवृत्ति है, जहाँ हार को स्वीकार करना मुश्किल हो जाता है, खासकर जब प्रतिद्वंद्वी से हार मिली हो, जिसे आप परंपरागत रूप से कमजोर समझते आए हों।

एशिया कप 2025 में भारत का दबदबा: आँकड़े बोल रहे हैं

कपिल देव की बात को मौजूदा एशिया कप के प्रदर्शन से भी बल मिलता है। फाइनल से पहले, भारतीय टीम ने पाकिस्तान को दो बार मात दी है, और दोनों ही बार जीत बेहद आरामदायक रही है।

  • ग्रुप स्टेज का मुकाबला: भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान पर सात विकेट से जीत दर्ज की। इस जीत में स्पिनर कुलदीप यादव का अहम योगदान रहा, जिन्होंने मात्र 18 रन देकर 3 विकेट झटके, जो मैच विजेता प्रदर्शन साबित हुआ।
  • सुपर फोर का मुकाबला: यह मैच भी भारत के नाम रहा। सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने सिर्फ 39 गेंदों पर विस्फोटक 74 रन बनाकर पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण को तहस-नहस कर दिया। भारत ने यह मुकाबला छह विकेट से जीता।

सिर्फ इस टूर्नामेंट में ही नहीं, बल्कि हालिया T20I मुकाबलों में भी भारत का पलड़ा भारी रहा है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने पिछले पाँच T20I मैचों में से चार में जीत हासिल की है। यह आँकड़ा भारतीय टीम के निरंतर बेहतर प्रदर्शन और पाकिस्तान पर उनकी मनोवैज्ञानिक बढ़त को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

व्यक्तिगत प्रदर्शन: भारतीय सितारों का चमकना

भारतीय टीम की सफलता में कुछ खिलाड़ियों का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी बेहद महत्वपूर्ण रहा है:

  • बल्लेबाजी में अभिषेक शर्मा: इस टूर्नामेंट में अभिषेक शर्मा भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज साबित हुए हैं। उन्होंने लगातार तीन अर्धशतक जड़े हैं। श्रीलंका के खिलाफ सुपर फोर के अंतिम मैच में उन्होंने सिर्फ 31 गेंदों में 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 61 रनों की शानदार पारी खेली, जिसका स्ट्राइक रेट 196.77 था। उनकी यह फॉर्म फाइनल में भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
  • गेंदबाजी में कुलदीप यादव: कुलदीप यादव इस टूर्नामेंट में विकेट लेने वालों की सूची में शीर्ष पर हैं। उन्होंने छह मैचों में 9.84 की प्रभावशाली औसत और 6.05 की इकोनॉमी रेट से 13 विकेट लिए हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी विरोधी बल्लेबाजों के लिए हमेशा खतरा बनी रही है।

प्रशंसकों का जुनून और हकीकत की कसौटी

कपिल देव की टिप्पणी, खिलाड़ियों के पेशेवर रवैये और प्रशंसकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया के बीच के अंतर को उजागर करती है। मैदान पर भले ही खिलाड़ी हाथ मिलाते हों, खेल भावना दिखाते हों, लेकिन स्टैंड्स में बैठे प्रशंसकों के लिए यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान का प्रश्न बन जाता है। जब उनकी पसंदीदा टीम हारती है, खासकर एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी से, जिसे वे `कमतर` समझते हैं, तो यह स्वीकार करना बेहद कठिन हो जाता है। यही वह जगह है जहाँ `रंजिश` की भावना जन्म लेती है, और कपिल देव ने इसे सटीक रूप से पकड़ा है। यह क्रिकेट की वह कड़वी सच्चाई है, जहाँ भावनाओं पर नियंत्रण रखना हर किसी के बस की बात नहीं।

फाइनल का इंतजार: एक और रोमांचक अध्याय

एशिया कप 2025 का फाइनल भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता में एक और रोमांचक अध्याय जोड़ने के लिए तैयार है। हालांकि भारतीय टीम ने लीग स्टेज और सुपर फोर में दबदबा बनाया है, फाइनल एक अलग दबाव और चुनौती लेकर आता है। लेकिन मौजूदा फॉर्म, खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और कपिल देव जैसे दिग्गजों की अंतर्दृष्टि बताती है कि भारतीय टीम मानसिक और शारीरिक रूप से इस बड़े मुकाबले के लिए तैयार है। प्रशंसक अपनी उम्मीदों के साथ मैदान में उतरेंगे, कुछ अपनी टीम की जीत का जश्न मनाने के लिए, और कुछ शायद हकीकत को स्वीकार न कर पाने की `रंजिश` को और गहरा करने के लिए।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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