एशिया कप: भारत का फाइनल में शानदार प्रवेश, बांग्लादेश को 41 रनों से दी मात!

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एशिया कप 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम ने एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। बांग्लादेश के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले में भारत ने 41 रनों से जीत दर्ज की, जिसने न केवल उन्हें टूर्नामेंट के शिखर पर पहुंचाया, बल्कि श्रीलंका को भी प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। यह मुकाबला भारतीय टीम की रणनीतिक सूझबूझ, युवा प्रतिभा के दमखम और दबाव में संयमित प्रदर्शन का एक बेहतरीन उदाहरण था।

भारत की पारी: विस्फोटक शुरुआत और फिर संयम का इम्तिहान

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ अलग अंदाज में हुई। पहले तीन ओवरों में सलामी बल्लेबाजों ने सावधानी बरती, मानो पिच का मिजाज टटोल रहे हों। लेकिन फिर आया वो तूफान, जिसका नाम था अभिषेक शर्मा। युवा अभिषेक ने दिखाया कि क्यों उन्हें भविष्य का सितारा माना जाता है। अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से उन्होंने बांग्लादेशी गेंदबाजों पर कहर बरपाया और मात्र 37 गेंदों में 75 रनों की अविश्वसनीय पारी खेल डाली। इस पारी में चौकों और छक्कों की बारिश हुई, जिससे भारत ने पावरप्ले में ही 72 रन बटोर लिए, जिनमें से 55 रन तो आखिरी तीन ओवरों में ही आए थे।

हालांकि, अभिषेक के आउट होते ही बांग्लादेश ने शानदार वापसी की। मध्य ओवरों में भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ाने लगी। शुभमन गिल, शिवम दुबे, सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा जैसे बल्लेबाज जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गए। ऐसा लग रहा था मानो बांग्लादेशी स्पिनरों ने एक अदृश्य जाल बिछा दिया हो, जिसमें भारतीय बल्लेबाज फंसते चले गए। लेकिन निचले क्रम में हार्दिक पंड्या ने कुछ महत्वपूर्ण रन जोड़े, जिससे भारत 20 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 168 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर पाया। यह स्कोर न तो बहुत बड़ा था और न ही बहुत छोटा, जिसने मैच को एक दिलचस्प मोड़ पर ला खड़ा किया।

बांग्लादेश का पीछा: भारतीय स्पिन के चक्रव्यूह में फंसे

169 रनों का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने भी पावरप्ले में ठीक-ठाक शुरुआत की। उनके बल्लेबाज रन बनाने में सफल रहे, लेकिन भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या ने शुरुआती ओवरों में उन्हें खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। लेकिन असली खेल तो मध्य ओवरों में शुरू हुआ, जब भारतीय कप्तान ने अपने स्पिनरों को गेंद सौंपी।

भारतीय स्पिनरों – कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती – ने पिच का भरपूर फायदा उठाया। उन्होंने अपनी कसी हुई गेंदबाजी से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को बांधे रखा और लगातार विकेट चटकाए। बांग्लादेशी बल्लेबाजों के लिए रन बनाना दूभर हो गया। विकेटों का पतझड़ ऐसा था कि मेहमान टीम संभल ही नहीं पाई। एक समय पर बांग्लादेश का स्कोर 87 पर 5 विकेट हो चुका था, और हार स्पष्ट दिख रही थी।

बांग्लादेश की तरफ से सैफ हसन ने अकेले मोर्चा संभाले रखा। उन्होंने एक छोर पर टिककर 69 रनों की जुझारू पारी खेली। लेकिन क्रिकेट भी कभी-कभी अजीब खेल दिखाता है। सैफ हसन को इस पारी के दौरान कई जीवनदान मिले, उनकी किस्मत कुछ ऐसी चमक रही थी कि फील्डर्स भी उन्हें आउट करने में सफल नहीं हो पा रहे थे। हालांकि, अंततः उन्हें भी पवेलियन लौटना पड़ा और उनकी टीम 19.3 ओवर में मात्र 127 रनों पर ढेर हो गई। भारतीय स्पिनरों ने मिलकर बांग्लादेश की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।

जीत के सूत्रधार: रणनीतिक दबाव और स्पिन का कमाल

भारत की इस जीत के पीछे कई कारण थे। पहला, अभिषेक शर्मा की विस्फोटक पारी जिसने बड़े स्कोर की नींव रखी। दूसरा, बांग्लादेश के मध्य ओवरों में वापसी के बावजूद भारत का सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचना। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक रहा भारतीय स्पिन आक्रमण। कुलदीप यादव ने 3 विकेट और जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट लेकर बांग्लादेशी बल्लेबाजी की रीढ़ तोड़ दी। अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई। यह एक ऐसी जीत थी जहां टीम इंडिया ने पहले बल्ले से दमखम दिखाया, फिर गेंदबाजों ने दबाव बनाया और अंततः विपक्ष को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

संक्षिप्त स्कोर:

  • भारत: 20 ओवर में 168/6 (अभिषेक शर्मा 75, हार्दिक पंड्या 38; रिशाद हुसैन 2-27)
  • बांग्लादेश: 19.3 ओवर में 127 ऑल आउट (सैफ हसन 69, परवेज हुसैन एमॉन 21; कुलदीप यादव 3-18, जसप्रीत बुमराह 2-18)
  • परिणाम: भारत 41 रनों से जीता।

आगे की राह: फाइनल का इंतजार और एक “वर्चुअल सेमीफाइनल”

इस जीत के साथ भारत ने एशिया कप 2023 के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। अब उनका अगला सुपर 4 का मैच श्रीलंका के खिलाफ होगा, जो उनके लिए महज एक औपचारिकता है, क्योंकि श्रीलंका इस हार के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है। वहीं, बांग्लादेश के लिए अभी भी उम्मीदें जिंदा हैं, लेकिन उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ एक `वर्चुअल सेमीफाइनल` खेलना होगा, जिसमें जीत ही उन्हें फाइनल में पहुंचा सकती है। भारतीय टीम के लिए यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है, क्योंकि उन्होंने दिखाया है कि किसी भी परिस्थिति में वे वापसी कर सकते हैं और जीत दर्ज करने में सक्षम हैं। अब सभी की निगाहें फाइनल पर टिकी हैं, जहां भारत ट्रॉफी उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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