एशिया कप: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा मैदान से लेकर ICC तक का विवाद, कौन है असली दोषी?

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भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का एक ज्वार है। मैदान पर दोनों टीमों के बीच की प्रतिद्वंद्विता अब खेल की सीमाओं को लांघकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के गलियारों तक पहुंच गई है। एशिया कप के एक अहम सुपर 4 मुकाबले में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने खेल भावना पर सवाल खड़े कर दिए और अब दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। ऐसा लगता है, जैसे क्रिकेट का मैदान अब कूटनीति का अखाड़ा बन गया है, जहाँ हर गेंद और हर बयान की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।

BCCI की शिकायत: हरिस रऊफ और साहिबजादा फरहान के उकसाने वाले इशारे

मामले की शुरुआत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की उस आधिकारिक शिकायत से हुई, जो उसने पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हरिस रऊफ और बल्लेबाज साहिबजादा फरहान के खिलाफ ICC में दर्ज कराई है। दुबई में हुए एशिया कप सुपर 4 मैच के दौरान इन दोनों खिलाड़ियों के `उकसाने वाले इशारे` विवाद का केंद्र बने।

  • हरिस रऊफ का इशारा: आरोप है कि भारतीय समर्थकों द्वारा `कोहली, कोहली` के नारे लगाए जाने पर (जो 2022 टी20 विश्व कप में विराट कोहली द्वारा उन्हें लगाए गए दो मैच जिताऊ छक्कों का संदर्भ था), रऊफ ने एक `विमान गिराने` जैसा इशारा किया। इसे भारत की सैन्य कार्रवाई का मजाक उड़ाने के रूप में देखा गया। इसके अलावा, उन पर शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा को गेंदबाजी के दौरान अपशब्द कहने का भी आरोप है।
  • साहिबजादा फरहान का जश्न: फरहान ने अपने बल्ले को मशीन गन की तरह इस्तेमाल करते हुए `गोली चलाने` जैसा जश्न मनाया, जिसकी चौतरफा आलोचना हुई। मैच के बाद उन्होंने कहा, “वह जश्न उस समय का एक क्षण था। मैं 50 रन बनाने के बाद ज्यादा जश्न नहीं मनाता। लेकिन, अचानक मेरे मन में आया कि आज एक जश्न मनाते हैं। मैंने वह किया। मुझे नहीं पता कि लोग इसे कैसे लेंगे। मुझे इसकी परवाह नहीं।” यह बयान उनकी इस हरकत को और भी संदिग्ध बना देता है।

BCCI का मानना है कि ये हरकतें खेल की मर्यादा और ICC आचार संहिता का उल्लंघन हैं।

PCB का पलटवार: सूर्यकुमार यादव के `राजनीतिक` बयान पर शिकायत

जैसे को तैसा की तर्ज पर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) भी पीछे नहीं रहा। उसने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ ICC में शिकायत दर्ज कराई है। सूर्यकुमार ने 14 सितंबर को हुए मैच के बाद अपनी टीम की जीत पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित की थी। PCB का आरोप है कि सूर्यकुमार की ये टिप्पणियां `राजनीतिक` थीं।

हालांकि, PCB की शिकायत की समय-सीमा पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि ICC के नियमों के अनुसार शिकायत घटना के सात दिनों के भीतर दर्ज की जानी चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या PCB ने निर्धारित समय के भीतर शिकायत दर्ज कराई थी या यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक पलटवार है।

मोहसिन नकवी का विवादित `X` पोस्ट: जब मंत्री जी खुद ही मैदान में उतर आए

इस आग में घी डालने का काम एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने किया। नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष होने के साथ-साथ अपने देश के आंतरिक मंत्री भी हैं, ने `X` (पूर्व में ट्विटर) पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का एक धीमा वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में रोनाल्डो `विमान दुर्घटनाग्रस्त होने` जैसा इशारा करते दिख रहे हैं, ठीक वैसा ही, जैसा हरिस रऊफ ने मैदान पर किया था।

यह हरकत एक उच्च पदस्थ क्रिकेट अधिकारी और मंत्री के लिए अनुचित मानी जा रही है, खासकर जब खेल भावना को बनाए रखने की जिम्मेदारी उन्हीं पर हो। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या एशिया कप के फाइनलिस्ट भारतीय टीम ACC अध्यक्ष के साथ पोडियम साझा करेगी। क्रिकेट प्रशासकों से तो कम से कम खेल को राजनीति से दूर रखने की उम्मीद की जाती है, लेकिन यहां तो मंत्री जी खुद ही मैदान में उतर आए हैं।

ICC की भूमिका और संभावित कार्रवाई: क्या होगा आगे?

ICC ने BCCI और PCB दोनों की शिकायतें प्राप्त कर ली हैं। हरिस रऊफ और साहिबजादा फरहान को ICC की सुनवाई के सामने पेश होना पड़ सकता है, जिसकी अध्यक्षता एलीट पैनल रेफरी रिची रिचर्डसन कर सकते हैं। यदि वे अपने कृत्यों का संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं, तो उन पर आचार संहिता के अनुसार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिसमें मैच फीस का जुर्माना या मैचों से निलंबन शामिल हो सकता है।

सूर्यकुमार यादव के मामले में, PCB की शिकायत की वैधता की जांच की जाएगी, खासकर समय-सीमा को लेकर।

निष्कर्ष: खेल भावना की जीत हो

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता में जोश होना स्वाभाविक है, लेकिन यह जोश खेल भावना की बलि नहीं चढ़ना चाहिए। खिलाड़ियों और अधिकारियों दोनों को यह समझना होगा कि वे करोड़ों प्रशंसकों के लिए आदर्श हैं। ऐसे उकसाने वाले इशारे या राजनीतिक बयान खेल के असली उद्देश्य से भटकाते हैं और द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।

ICC को इस मामले में निष्पक्ष और दृढ़ कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। आखिरकार, क्रिकेट को uniting force होना चाहिए, न कि विभाजन का एक नया जरिया। उम्मीद है कि यह विवाद जल्द सुलझेगा और खेल अपने मूल स्वरूप – प्रतिस्पर्धा, कौशल और सम्मान – की ओर लौटेगा।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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