एशिया कप 2025 का फाइनल, और वो भी भारत बनाम पाकिस्तान! दुबई का मैदान एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ रोमांचक सुपर ओवर जीत के बाद, टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में एक हल्की सी चिंता ने दस्तक दी है – दो प्रमुख खिलाड़ियों, हार्दिक पांड्या और अभिषेक शर्मा की फिटनेस। क्या यह महामुकाबले से पहले की कोई छोटी रुकावट है, या टीम की योजनाओं पर इसका गहरा असर पड़ेगा?
मैदान पर उभरी `ऐंठन` की कहानी
श्रीलंका के खिलाफ मैच में, जब हार्दिक पांड्या ने पहली ही ओवर में कुशल मेंडिस को पवेलियन भेजा, तो भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा। लेकिन अगली ही पल, हार्दिक अपने बाएं हैमस्ट्रिंग को पकड़ते हुए मैदान से बाहर चले गए और फिर वापस नहीं लौटे। कुछ ही देर बाद, अभिषेक शर्मा भी अपने दाहिने जांघ में तकलीफ के चलते मैदान छोड़ गए। दोनों खिलाड़ियों को बर्फ और `पिकल जूस` (अक्सर ऐंठन के लिए इस्तेमाल होने वाला एक घरेलू उपाय) से राहत दी गई। यह दृश्य देखकर प्रशंसकों की सांसे अटक गईं – क्या फाइनल से पहले ये सितारे टीम से बाहर हो जाएंगे?
मोर्ने मोर्कल का `कूल` जवाब: “बस ऐंठन थी!”
ऐसे में, भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने उम्मीद की किरण दिखाई है। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट किया कि हार्दिक और अभिषेक की समस्या गंभीर चोट की बजाय सिर्फ `ऐंठन` (cramps) थी। मोर्कल ने शांत लहजे में कहा,
“हार्दिक को ऐंठन हुई थी, उनका आज रात और कल सुबह आकलन किया जाएगा, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।”
यह बयान, भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के मैच के बाद के विचारों से मेल खाता था। तो, `पिकल जूस` अपना जादू दिखाएगा, ऐसी उम्मीद है!
रिकवरी की रणनीति: मैदान से दूर, आराम पर जोर
मोर्कल ने फाइनल से पहले टीम की रिकवरी रणनीति पर भी बात की। श्रीलंका के खिलाफ सुपर ओवर तक खिंचे मैच के बाद, खिलाड़ियों के पास तैयारी के लिए बहुत कम समय बचा है। इसलिए, मोर्कल ने `आराम` पर सबसे ज्यादा जोर दिया। “लड़कों के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है आराम,” उन्होंने कहा। “वे पहले से ही आइस बाथ में हैं। रिकवरी मैच के तुरंत बाद शुरू हो गई है। रिकवरी का सबसे अच्छा तरीका है सोना और पैरों को आराम देना।”
उन्होंने आगे बताया कि शनिवार को कोई कठोर प्रशिक्षण नहीं होगा। खिलाड़ियों के लिए व्यक्तिगत पूल सेशन और मसाज की व्यवस्था की गई है, ताकि वे रविवार के बड़े मुकाबले के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें। “यह एक त्वरित बदलाव है, और स्मार्ट खेलना कुंजी होगा। निश्चित रूप से कोई प्रशिक्षण नहीं होगा।” यह दिखाता है कि टीम प्रबंधन खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
`एक्स-फैक्टर` और दबाव का खेल
मोर्कल ने अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे युवा गेंदबाजों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कुछ महंगे ओवर फेंके थे, लेकिन अर्शदीप ने सुपर ओवर में शानदार प्रदर्शन किया। मोर्कल का मानना है कि टीम का माहौल `बहाने बनाने की संस्कृति` से दूर होना चाहिए। “वे अभ्यास में जो प्रयास करते हैं, हम उनसे मैदान पर भी वही प्रदर्शन करने की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने स्वीकार किया कि मैच टाइम की कमी एक कारक हो सकती है, लेकिन साथ ही जोर दिया कि ये खिलाड़ी `एक्स-फैक्टर` हैं और मैच विजेता बन सकते हैं। बड़े फाइनल में, ऐसे खिलाड़ी ही असली अंतर पैदा करते हैं।
जैसे-जैसे भारत बनाम पाकिस्तान फाइनल नजदीक आ रहा है, टीम इंडिया के लिए फिटनेस और रिकवरी सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। मोर्ने मोर्कल के बयान ने प्रशंसकों को राहत दी है, लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। उम्मीद है कि हार्दिक और अभिषेक पूरी तरह से फिट होकर मैदान पर उतरेंगे और टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी। आखिर, यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि भावनाओं का एक ऐसा महाकुंभ है, जहां हर गेंद, हर रन और हर कैच का अपना महत्व होता है।