जर्मनी के वेइसनहॉस में आयोजित फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर का राउंड रॉबिन चरण भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश के लिए चुनौतियों भरा रहा। 10 दिग्गज खिलाड़ियों के इस बेहद कड़े मुकाबले में गुकेश ने बिना कोई गेम जीते भी नॉकआउट चरण, यानी क्वार्टर फाइनल, के लिए क्वालीफाई करके सभी को हैरान कर दिया है। यह उनकी संघर्ष क्षमता और टूर्नामेंट फॉर्मेट का एक दिलचस्प पहलू है।
राउंड रॉबिन चरण के समापन पर, गुकेश 3.5 अंकों के साथ 8वें स्थान पर रहे। इस चरण में खेले गए 8 खेलों में उन्होंने 6 ड्रॉ खेले और 2 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह प्रदर्शन शायद उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप न हो, खासकर जब वे हाल ही में शतरंज की दुनिया में एक नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं।
मैग्नस कार्लसन से कांटे की टक्कर
राउंड रॉबिन के दूसरे दिन का सबसे बहुप्रतीक्षित मुकाबला पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन के खिलाफ था। यह ESPN की रिपोर्ट के अनुसार, गुकेश के विश्व चैंपियन बनने के बाद इन दोनों दिग्गजों के बीच पहली भिड़ंत थी। खेल की शुरुआत काफी संतुलित थी; दोनों खिलाड़ियों ने सटीकता से चालें चलीं और स्थिति काफी हद तक बराबर रही।
लेकिन एंडगेम (खेल के अंतिम चरण) में कार्लसन की विशेषज्ञता स्पष्ट रूप से सामने आई। समय के दबाव में गुकेश से एक मोहरे (नाइट) की महत्वपूर्ण गलती हो गई। कार्लसन ने तुरंत इस गलती का फायदा उठाया और गुकेश के मोहरों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया। अंततः, खेल कार्लसन के पक्ष में रहा और गुकेश को हार माननी पड़ी। हालांकि यह हार उनके राउंड रॉबिन अभियान का हिस्सा थी, कार्लसन जैसे दिग्गज के खिलाफ खेलना हमेशा एक मूल्यवान अनुभव होता है।
भाग्य का साथ और अहम ड्रॉ
गुकेश भाग्यशाली भी रहे कि उनका अंक tally और कम नहीं हुआ। फैबियानो कारुआना के खिलाफ खेला गया उनका एक गेम हार की कगार पर था। एंडगेम में कारुआना की स्थिति पूरी तरह से जीतने लायक थी, लेकिन एक अप्रत्याशित चूक ने गुकेश को लगातार चेकमेट की धमकियाँ देकर गेम ड्रॉ कराने का मौका दे दिया। इसे शतरंज में `एस्केप फ्रॉम जेल` मोमेंट कहा जा सकता है।
दिन के बाकी दो मैचों में गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसीव और विन्सेंट कीमर के साथ ड्रॉ खेला। गौरतलब है कि विन्सेंट कीमर पिछले साल डिंग लीरेन के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में गुकेश के सेकेंड्स में से एक थे। इन ड्रॉ ने गुकेश को महत्वपूर्ण आधे अंक दिलाए, जो क्वालीफिकेशन के लिए निर्णायक साबित हुए।
बिना जीत के क्वार्टर फाइनल तक का सफर
यह बात कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक हो सकती है कि एक खिलाड़ी बिना कोई गेम जीते भी टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में पहुंच सकता है। फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर का फॉर्मेट ऐसा है कि राउंड रॉबिन से शीर्ष 8 खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं। 3.5 अंकों के साथ 8वें स्थान पर रहना गुकेश के लिए बस इतना ही काफी था। यह दर्शाता है कि इस फॉर्मेट में हर ड्रॉ का कितना महत्व होता है और सिर्फ हार से बचना भी आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।
क्वार्टर फाइनल की रोचक जोड़ियां
राउंड रॉबिन के बाद, खिलाड़ियों ने स्वयं अपने क्वार्टर फाइनल प्रतिद्वंद्वियों का चुनाव किया। परिणामस्वरुप, क्वार्टर फाइनल की जोड़ियां कुछ इस प्रकार बनीं:
- अलीरेज़ा फ़िरोज़ा बनाम विन्सेंट कीमर
- जावोखिर सिंदारोव बनाम हिकारू नाकामुरा
- फैबियानो कारुआना बनाम डी. गुकेश
- मैग्नस कार्लसन बनाम नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव
डी. गुकेश का सामना अब फैबियानो कारुआना से होगा, जिनके खिलाफ वे राउंड रॉबिन में हार से बाल-बाल बचे थे। नॉकआउट चरण में मुकाबले और भी अधिक तीव्र और निर्णायक होने की उम्मीद है। अब तक के संघर्षपूर्ण प्रदर्शन को पीछे छोड़कर गुकेश से क्वार्टर फाइनल में बेहतर प्रदर्शन की आशा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इस नई चुनौती के लिए तैयार हैं और क्या वे टूर्नामेंट में और आगे बढ़ पाते हैं।
राउंड रॉबिन चरण के बाद स्टैंडिंग:
- अलीरेज़ा फ़िरोज़ा – 6.5
- जावोखिर सिंदारोव – 6.5
- फैबियानो कारुआना – 6
- मैग्नस कार्लसन – 5.5
- हिकारू नाकामुरा – 5.5
- विन्सेंट कीमर – 4
- नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव – 3.5
- डोम्माराजू गुकेश – 3.5
- व्लादिमीर फेडोसीव – 2.5
- लेवोन अरोनियन – 1.5
गुकेश के लिए टूर्नामेंट का अगला चरण असली परीक्षा होगी। राउंड रॉबिन का प्रदर्शन भले ही उम्मीदों पर खरा न उतरा हो, लेकिन नॉकआउट में कुछ भी संभव है। सभी भारतीय शतरंज प्रेमी उनसे क्वार्टर फाइनल में शानदार वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।