हेडिंग्ले में डरहम का दुखद अंत: अंतिम दिन के नाटकीय पतन के बाद डिवीजन वन से रेलीगेट

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डोम बेस गेंदबाज़ी करते हुए, जिन्होंने डरहम के चार विकेट लिए
डोम बेस की घातक गेंदबाजी ने डरहम के सपनों को चकनाचूर कर दिया।

काउंटी चैम्पियनशिप 2025 का समापन डरहम के लिए किसी दुःस्वप्न से कम नहीं रहा। हेडिंग्ले में यॉर्कशायर के खिलाफ खेले गए अपने सीजन के अंतिम मैच के अंतिम दिन, टीम ने ऐसी शर्मनाक बल्लेबाजी की, कि न सिर्फ मैच गंवाया, बल्कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट के डिवीजन वन से भी रेलीगेट हो गई। यह हार सिर्फ एक मैच की हार नहीं थी, बल्कि एक ऐसी चूक थी जिसने टीम को अगले सीजन के लिए निचले डिवीजन में धकेल दिया। क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि ‘खेल अभी खत्म नहीं हुआ, जब तक अंतिम गेंद न फेंकी जाए’, लेकिन डरहम के लिए यह कहावत निराशा में बदल गई।

मैच सारांश:

यॉर्कशायर 475 रन (अगरवाल 175, हिल 88, लिथ 69, थॉम्पसन 50, रेन 5-76, गफारी 4-119) ने

डरहम 346 रन (रेन 101, बेडिंगहम 93, रोड्स 50, व्हाइट 5-69) और 85 रन (हिल 4-14, बेस 4-22) को

एक पारी और 44 रनों से हराया।

एक जीवनदान, जो हाथ से फिसल गया

डरहम की टीम को डिवीजन वन में अपनी जगह बनाए रखने के लिए इस मैच को ड्रॉ कराने की जरूरत थी। स्थिति तब और दिलचस्प हो गई जब रेलीगेशन की दौड़ में उनके प्रतिद्वंद्वी हैम्पशायर को सरी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। सुबह 10:55 बजे हैम्पशायर की हार की खबर ने डरहम को एक अप्रत्याशित “जीवनदान” दिया। अब उन्हें सिर्फ धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करके मैच ड्रॉ कराना था, और उनका प्रथम श्रेणी का दर्जा सुरक्षित था। यह क्रिकेट के मैदान पर मिलने वाले उन दुर्लभ मौकों में से एक था, जब किस्मत ने खुद चलकर उनके दरवाजे पर दस्तक दी थी। लेकिन, जैसा कि अक्सर होता है, मौके को भुनाना हर किसी के बस की बात नहीं होता।

अंतिम दिन का वो भयानक पतन: 29/1 से 85 ऑल आउट

जब डरहम ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की, तो वे यॉर्कशायर से 129 रन पीछे थे और मैच में कम से कम 89 ओवर बाकी थे। यह एक मुश्किल, लेकिन असंभव लक्ष्य नहीं था। लंच तक, उन्होंने एक विकेट के नुकसान पर 27 रन बनाए थे और उम्मीद की एक किरण बाकी थी। लेकिन लंच के बाद जो हुआ, वह क्रिकेट इतिहास में डरहम के लिए एक काला अध्याय बनकर दर्ज हो गया। टीम 29 रन पर 1 विकेट से गिरकर मात्र 85 रन पर ऑल आउट हो गई। जी हां, उन्होंने अपने आखिरी 9 विकेट केवल 56 रन जोड़कर गंवा दिए। यह एक “कुल आत्मसमर्पण” था, जैसा कि उनके कोच ने बाद में कहा।

यॉर्कशायर के गेंदबाजों, खासकर जॉर्ज हिल और डोम बेस ने कहर बरपाया। जॉर्ज हिल ने 10.5 ओवर में 14 रन देकर 4 विकेट झटके, जबकि डोम बेस ने 17 ओवर में 22 रन देकर 4 विकेट लिए। लीज, मैकिनी, बेडिंगहम जैसे बल्लेबाज एक के बाद एक पवेलियन लौटते गए। हिल ने ओली रॉबिन्सन को एलबीडब्ल्यू आउट किया और फिर ग्राहम क्लार्क को भी चलता किया। अंतिम चार विकेट तो केवल 10 गेंदों में, मात्र दो रन जोड़कर गिरे। यह इतना त्वरित और दर्दनाक पतन था कि दर्शकों ने भी शायद ही ऐसा कुछ पहले देखा हो।

कोच का दर्द: “कुल आत्मसमर्पण” और “रक्षात्मक मानसिकता”

डरहम के कोच, रयान कैंपबेल, मैच के बाद बेहद निराश दिखे। उन्होंने स्वीकार किया कि टीम की “रक्षात्मक मानसिकता” ही उनकी हार का कारण बनी। उन्होंने कहा, “मैं इसे समझा नहीं सकता। यह सिर्फ एक कुल आत्मसमर्पण है। दुर्भाग्य से, इस साल ऐसा कुछ बार हुआ है। दबाव आया और हमारे खिलाड़ी इसे रोक नहीं पाए। जाहिर तौर पर, कमरा निराश लोगों से भरा है। हमें एक जीवनदान मिला था और हमने उसे नहीं लिया।”

कैंपबेल ने आगे कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि जब हम स्कोर करने की कोशिश करते हैं तो हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। जब आप स्कोर करने की कोशिश करते हैं, तो आप खुद को बेहतर स्थिति में पाते हैं और बेहतर निर्णय लेते हैं। मुझे लगता है, जाहिर तौर पर, मैच निकालने की कोशिश में एक बहुत ही रक्षात्मक मानसिकता थी। फिर अगर आप कुछ विकेट गंवा देते हैं, तो आप कहीं नहीं पहुंच पाते।”

उनके शब्दों में निराशा साफ झलक रही थी, लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई भी थी कि टीम ने उस मौके को भुनाया नहीं जिसकी उन्हें सख्त जरूरत थी। यह उस खिलाड़ी की तरह था जिसे जीतने का मौका दिया गया था, लेकिन उसने डर के मारे बल्ला ही नहीं उठाया।

यॉर्कशायर की जीत और डरहम का भविष्य

यह यॉर्कशायर की सीजन की चौथी जीत थी, जिसने उन्हें सातवें स्थान पर मजबूत किया। अग्रवाल (175), हिल (88), लिथ (69) और थॉम्पसन (50) के बल्ले से निकले महत्वपूर्ण रनों और फिर हिल एवं बेस की घातक गेंदबाजी ने उन्हें यह शानदार जीत दिलाई। विशेष रूप से, जॉर्डन थॉम्पसन ने अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान अपने गृह काउंटी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया, जबकि बेन रेन ने डरहम के लिए शतक बनाने और पांच विकेट लेने का दुर्लभ कारनामा किया, लेकिन अंततः उनकी टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। रेन का प्रदर्शन टीम की हार के बीच एक चमकते तारे जैसा था, लेकिन यह भी फीका पड़ गया।

डरहम अब अगले सीजन में वर्सेस्टरशायर के साथ डिवीजन टू में शामिल हो गया है। इस हार के बाद उन्हें आत्मनिरीक्षण करना होगा और अगले साल मजबूत वापसी के लिए एक ठोस रणनीति बनानी होगी। क्रिकेट में, एक मौका मिलता है, और उसे गंवाना एक महंगी गलती साबित हो सकता है। डरहम के लिए यह सबक बहुत महंगा पड़ा। अब देखना यह है कि क्या वे इस निराशा से उबरकर अगले सीजन में और अधिक दृढ़ संकल्प के साथ वापसी कर पाते हैं या नहीं।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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