किंग्स्टन के सबीना पार्क में खेला गया ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच हालिया टेस्ट मैच क्रिकेट इतिहास के पन्नों में एक साथ दो बिल्कुल विपरीत कारणों से दर्ज हो गया है। यह मैच ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के करियर के 100वें टेस्ट में रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रदर्शन का गवाह बना, तो वहीं मेजबान वेस्टइंडीज टीम ने टेस्ट क्रिकेट के लगभग डेढ़ सदी के इतिहास के सबसे निचले और शर्मनाक आंकड़ों में से एक को छू लिया। यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं था, बल्कि एक टीम के लिए महानता का क्षण और दूसरी टीम के लिए गहरे आत्मनिरीक्षण का समय था।
वेस्टइंडीज का ऐतिहासिक पतन
इस टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की पहली पारी महज़ 27 रन पर सिमट गई। यह टेस्ट क्रिकेट के 148 साल और 2595 मैचों के इतिहास का दूसरा सबसे न्यूनतम स्कोर है। इससे कम सिर्फ न्यूजीलैंड का 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन का स्कोर है। वेस्टइंडीज के लिए यह स्कोर दोहरा झटका था, क्योंकि उनका पिछला सबसे कम स्कोर 47 रन भी इसी किंग्स्टन के मैदान पर 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ बना था। मानो इस मैदान का वेस्टइंडीज के न्यूनतम स्कोर से कोई पुराना रिश्ता है।
यह पारी सिर्फ 14.3 ओवर तक चली। यह टेस्ट इतिहास की तीसरी सबसे छोटी पारी है जिसमें कोई टीम ऑल आउट हुई। इससे कम ओवर में सिर्फ दक्षिण अफ्रीका (1924 में इंग्लैंड के खिलाफ 12.3 ओवर) और श्रीलंका (पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 13.5 ओवर) ही आउट हुए हैं। ऐसा लग रहा था जैसे बल्लेबाज विकेट पर समय बिताने नहीं, बल्कि जल्द से जल्द पवेलियन लौटने की होड़ में थे।
यहाँ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के कुछ न्यूनतम स्कोर की सूची दी गई है:
टीम | स्कोर | विरुद्ध | स्थान | सीजन |
---|---|---|---|---|
न्यूजीलैंड | 26 | इंग्लैंड | ऑकलैंड | 1954/55 |
वेस्टइंडीज | 27 | ऑस्ट्रेलिया | किंग्स्टन | 2025 |
दक्षिण अफ्रीका | 30 | इंग्लैंड | ग्केबेरहा | 1895/96 |
दक्षिण अफ्रीका | 30 | इंग्लैंड | बर्मिंघम | 1924 |
दक्षिण अफ्रीका | 35 | इंग्लैंड | केप टाउन | 1898/99 |
दक्षिण अफ्रीका | 36 | ऑस्ट्रेलिया | मेलबर्न | 1931/32 |
ऑस्ट्रेलिया | 36 | इंग्लैंड | बर्मिंघम | 1902 |
भारत | 36 | ऑस्ट्रेलिया | एडिलेड | 2020/21 |
वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों का बुरा सपना
यह शर्मनाक स्कोर वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन का सीधा परिणाम था। इस पारी में वेस्टइंडीज के सात बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी एक पारी में सबसे ज्यादा डक (शून्य पर आउट) होने का रिकॉर्ड है। इससे पहले सबसे ज्यादा छह डक नौ बार दर्ज किए गए थे।
इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि वेस्टइंडीज के शीर्ष छह बल्लेबाजों ने मिलकर सिर्फ 6 रन बनाए! यह टेस्ट इतिहास में शीर्ष छह बल्लेबाजों द्वारा बनाया गया सबसे कम संयुक्त स्कोर है। पिछला सबसे कम स्कोर 12 रन था, जो ऑस्ट्रेलिया ने 1888 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से वेस्टइंडीज का 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया गया 14 रन का स्कोर सबसे कम था, लेकिन अब यह रिकॉर्ड टूट गया। मानो शीर्ष क्रम का काम रन बनाना नहीं, बल्कि जल्द से जल्द अगली पंक्ति के लिए रास्ता खाली करना था।
मिचेल स्टार्क ने 100वें टेस्ट में रचे रिकॉर्ड
जहाँ वेस्टइंडीज अपनी हार के जख्म गिन रहा था, वहीं ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क अपने 100वें टेस्ट मैच में इतिहास रच रहे थे। स्टार्क ने अपने टेस्ट करियर के 400 विकेट पूरे किए। गेंदों के लिहाज से, उन्होंने डेल स्टेन (16634 गेंदें) के बाद दूसरे सबसे तेज (19064 गेंदें) गेंदबाज बनकर यह मील का पत्थर छुआ। वे शेन वार्न, ग्लेन मैकग्राथ और नाथन लियोन के बाद 400 टेस्ट विकेट लेने वाले चौथे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बने।
लेकिन स्टार्क का सबसे यादगार प्रदर्शन पारी के पहले ही ओवर में आया। उन्होंने पहले ओवर में तीन विकेट चटकाए। भारत के इरफान पठान के बाद (जिन्होंने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में पहले ओवर में हैट्रिक ली थी) ऐसा करने वाले वे सिर्फ दूसरे गेंदबाज हैं। गेंद-दर-गेंद डेटा उपलब्ध होने के बाद से, स्टार्क के नाम अब पारी के पहले ओवर में 23 विकेट हैं, जो सिर्फ जेम्स एंडरसन (29 विकेट) से पीछे हैं।
उन्होंने महज़ 15 गेंदों में पांच विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज फाइव-फर है! उन्होंने पिछले रिकॉर्ड (19 गेंद) को तोड़ा, जो एर्नी तोशाक (1947 में भारत के खिलाफ), स्टुअर्ट ब्रॉड (2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) और स्कॉट बोलैंड (2021 में इंग्लैंड के खिलाफ) के नाम संयुक्त रूप से था। स्टार्क ने सिर्फ 4.3 ओवर में ही अपना पांच विकेट पूरा कर लिया, जो एक पारी में सबसे जल्दी पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड है। पिछले सबसे तेज रिकॉर्ड 6.1 ओवर का था, जो स्टुअर्ट ब्रॉड के नाम था।
अपने 100वें टेस्ट में उनका 6 रन देकर 9 विकेट का विश्लेषण किसी भी गेंदबाज द्वारा अपने 100वें टेस्ट में किया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मुथैया मुरलीधरन का पिछला रिकॉर्ड 2006 में बांग्लादेश के खिलाफ 6/54 था। शेन वार्न भी अपने 100वें टेस्ट में छह विकेट लेने वाले एकमात्र अन्य गेंदबाज थे। स्टार्क ने दिखाया कि कैसे एक दिग्गज गेंदबाज अपने खास मौके को और भी खास बना सकता है।
सीरीज का निष्कर्ष
किंग्स्टन टेस्ट की यह हार वेस्टइंडीज के लिए एक बेहद निराशाजनक सीरीज का अंत थी। यह पहला मौका है जब वेस्टइंडीज अपने घर में तीन या उससे ज्यादा टेस्ट मैचों की सीरीज में व्हाइटवॉश हुआ है। यह उनकी 95 साल और 53वीं ऐसी घरेलू सीरीज थी।
पूरी सीरीज में कुल 120 विकेट गिरे, और एक दुर्लभ बात यह हुई कि वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया दोनों अपनी सभी छह पारियों में ऑल आउट हुए। यह 2018 में दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के बाद किसी 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में सिर्फ दूसरी बार हुआ। यह दिखाता है कि गेंदबाजों का पूरे सीरीज में दबदबा रहा, या कहें कि बल्लेबाजों का संघर्ष जारी रहा।
कुल मिलाकर, किंग्स्टन टेस्ट मैच वेस्टइंडीज क्रिकेट के इतिहास में एक काला अध्याय और मिचेल स्टार्क के करियर का एक चमकदार पल साबित हुआ। यह क्रिकेट की अनिश्चितता और एक दिन में बनने-बिगड़ने वाले रिकॉर्ड्स की कहानी कहता है। वेस्टइंडीज को इस प्रदर्शन से सबक लेकर अपने खेल में बड़े सुधार करने होंगे, जबकि ऑस्ट्रेलिया और स्टार्क अपनी ऐतिहासिक जीत का आनंद ले सकते हैं।