कोलंबो में भारत-पाकिस्तान महिला क्रिकेट मैच: जब विकेट से ज्यादा कीड़े बने चुनौती!

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क्रिकेट के मैदान पर बल्ले और गेंद के बीच की जंग तो आम है, लेकिन जब अचानक उड़ते हुए कीड़ों का झुंड खिलाड़ियों और खेल दोनों पर भारी पड़ जाए, तो यह किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगता। श्रीलंका के कोलंबो में भारत और पाकिस्तान के बीच महिला विश्व कप मैच के दौरान कुछ ऐसा ही अनूठा नजारा देखने को मिला, जहाँ खेल को 15 मिनट तक रोकना पड़ा, और वजह थी – छोटे-छोटे कीड़े!

कीड़ों के कारण रुका भारत-पाकिस्तान महिला क्रिकेट मैच

मैदान पर कीड़ों का ऐसा हमला कि खिलाड़ियों को मैदान छोड़ना पड़ा, और मैच रुका।

अप्रत्याशित मेहमानों का हमला: कहानी एक अजीब रुकावट की

कोलंबो के खेत्ताराम स्टेडियम में महिला विश्व कप का यह बहुप्रतीक्षित मुकाबला पूरे जोश में था। भारत की बल्लेबाजी चल रही थी और दर्शक एक रोमांचक खेल की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन जैसे ही सूरज ढलने लगा और फ्लडलाइट्स जल उठीं, मैदान पर कुछ अप्रत्याशित मेहमानों ने दस्तक दी। ये थे, कीड़ों के झुंड – संभवतः उड़ने वाली दीमकें जो तेज रोशनी से आकर्षित होकर स्टेडियम में घुस आईं। शुरुआती कुछ ओवरों तक खिलाड़ियों ने इन्हें नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही यह चुनौती विकेट लेने या रन बनाने से कहीं बड़ी लगने लगी।

भारतीय बल्लेबाजों के लिए जहां गेंद को देखना मुश्किल हो रहा था, वहीं पाकिस्तानी गेंदबाजों को अपनी रन-अप और डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो रही थी। पाकिस्तानी ऑफस्पिनर नशरा संधू, जो इन कीड़ों से सबसे ज्यादा परेशान नजर आईं, को अपने कप्तान फातिमा सना के साथ मिलकर मैदान पर ही कीटनाशक का छिड़काव करते देखा गया। कल्पना कीजिए, एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में खिलाड़ी खुद ही `कीड़ा भगाओ अभियान` चला रहे हैं!

जब मैदान पर `धुंआ-धुंआ` हुआ माहौल: फॉगिंग मशीन का हस्तक्षेप

स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पाकिस्तानी ऑफस्पिनर रमीन शमीम को 38वें ओवर में अपनी आँख से कीड़ा निकलवाने की जरूरत पड़ गई। यह साफ संकेत था कि अब केवल `स्प्रे` से काम नहीं चलेगा। आखिरकार, 34 ओवर के बाद, अंपायरों ने खेल रोकने का फैसला किया। खिलाड़ी मैदान छोड़कर चले गए, और एक अजीबोगरीब दृश्य सामने आया: एक व्यक्ति गैस मास्क पहनकर फॉगिंग मशीन के साथ मैदान में दाखिल हुआ। कुछ ही मिनटों में, पूरा खेल क्षेत्र कीटनाशक के धुएं से भर गया। यह किसी क्रिकेट मैच से ज्यादा हॉरर फिल्म का दृश्य लग रहा था, जहां खिलाड़ी नहीं, बल्कि कीड़े `हीरो` बन गए थे।

15 मिनट के बाद, धुआं छंटा और खेल फिर से शुरू हुआ। लेकिन अफ़सोस, यह समाधान अस्थायी साबित हुआ। कीड़े पूरी तरह से गए नहीं थे, और थोड़े समय बाद ही वे फिर से लौट आए, हालांकि शायद उतनी तीव्रता से नहीं। मैच के बाद भारतीय बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, आपको बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित करना पड़ रहा था। जब कीड़े आ रहे थे, तब ज्यादा कुछ दिख नहीं रहा था।” यह खिलाड़ियों की मानसिक चुनौती को दर्शाता है, जब उन्हें खेल के साथ-साथ इन बिन बुलाए मेहमानों से भी लड़ना पड़े।

श्रीलंका का मौसम और क्रिकेट का अनूठा रिश्ता

श्रीलंका में कीड़ों के कारण खेल रुकना वैसे तो असामान्य है, लेकिन पूरी तरह से अनसुना नहीं। कुछ खास प्रजाति की दीमकें बारिश के बाद और साल के नम महीनों में झुंड में निकलती हैं। इस घटना से पहले शनिवार को उसी मैदान पर बारिश हुई थी, जिसके कारण श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया का मैच बिना एक भी गेंद फेंके धुल गया था। ऐसा लगता है कि यह बारिश ही कीड़ों को पार्टी करने का निमंत्रण दे गई थी। प्रकृति की अपनी चालें होती हैं, और कभी-कभी वे क्रिकेट के मैदान पर भी अपनी छाप छोड़ जाती हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि चाहे कितनी भी तकनीक उन्नत क्यों न हो जाए, प्रकृति के सामने हमारी चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।

एक अनोखा अध्याय: जब छोटे जीव बने बड़ी खबर

यह घटना सिर्फ एक क्रिकेट मैच में रुकावट भर नहीं थी, बल्कि यह दर्शाती है कि खेल कितने अप्रत्याशित हो सकते हैं। एक उच्च-दांव वाले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में, जहां खिलाड़ी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे होते हैं, वहां छोटे-छोटे कीड़ों का झुंड खेल की दिशा बदल सकता है और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सीधा असर डाल सकता है। यह कोलंबो में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए महिला विश्व कप मैच को एक अनूठी पहचान देता है – वह मैच जो केवल क्रिकेट के लिए नहीं, बल्कि कीड़ों के लिए भी याद रखा जाएगा। आखिरकार, कौन कहता है कि क्रिकेट में सिर्फ बल्ले और गेंद ही रोमांच पैदा कर सकते हैं? कभी-कभी छोटे से जीव भी सुर्खियाँ बटोर सकते हैं!

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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