लॉर्ड्स के मैदान पर स्टोक्स-आर्चर का कहर: भारत 112/8, इंग्लैंड की जीत पक्की?

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ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर खेला जा रहा भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच अब अपने निर्णायक मोड़ पर है। 193 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम के लिए पाँचवें दिन की सुबह किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। इंग्लैंड के गेंदबाजों, खासकर जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स ने कहर बरपाते हुए टीम को जीत की दहलीज पर ला खड़ा किया है। लंच तक भारतीय टीम का स्कोर 8 विकेट के नुकसान पर सिर्फ 112 रन था, और जीत के लिए उन्हें अभी 81 रन और चाहिए।

चौथे दिन के अंत में लिए गए तीन विकेटों ने इंग्लैंड को वापसी का मौका दिया था, लेकिन पाँचवें दिन की सुबह आर्चर और स्टोक्स ने मिलकर जो किया, उसने मैच का रुख पूरी तरह पलट दिया। शुरुआती झटके लगने के बाद क्रीज़ पर मौजूद ऋषभ पंत ने कुछ बड़े शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन आर्चर के सामने उनकी एक न चली। एक गेंद जो अंदर की ओर आई, पंत का ऑफ-स्टंप उखाड़ ले गई! विकेट लेने के बाद आर्चर का जोश और `सेनड-ऑफ` देखने लायक था – जैसे कह रहे हों, `बस इतना ही!`

इसके तुरंत बाद, कल के नाबाद बल्लेबाज केएल राहुल स्टोक्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट पाए गए। फील्ड अंपायर ने हालांकि उन्हें नॉट आउट दिया था, लेकिन स्टोक्स आत्मविश्वास से भरे थे। उन्होंने रिव्यू लिया और `बॉल ट्रैकिंग` ने दिखाया कि गेंद सीधे स्टंप्स पर लग रही थी – तीन रेड! राहुल को पवेलियन लौटना पड़ा। इंग्लैंड के लिए यह एक महत्वपूर्ण पल था, जो दिखाता है कि कप्तान का निर्णय कितना सही था।

अगले ही ओवर में, आर्चर ने अपनी ही गेंद पर वाशिंगटन सुंदर का एक अद्भुत एक हाथ से कैच पकड़ा। सुंदर खाता भी नहीं खोल पाए थे और बस पवेलियन की ओर चल पड़े। सिर्फ चार ओवर के अंदर 11 रन देकर गिरे इन तीन विकेटों ने भारतीय टीम की कमर तोड़ दी। स्कोर 82 रन पर 7 विकेट हो गया था, और ड्रेसिंग रूम में चिंता की लहर दौड़ गई।

ऐसे मुश्किल समय में रवींद्र जडेजा का साथ देने आए नितीश रेड्डी। इस जोड़ी ने भारतीय पारी को संभालने की कोशिश की। दोनों ने विकेट पर टिकने का प्रयास किया और धीरे-धीरे साझेदारी बनाना शुरू किया। ड्रिंक्स ब्रेक तक दोनों ने मिलकर स्कोर को 100 के पार पहुंचाया और जीत के लिए जरूरी रनों के फासले को कम किया। पहली पारी में दोनों के बीच तालमेल की कमी दिखी थी, लेकिन इस बार रन दौड़ने में उन्होंने काफी बेहतर तालमेल दिखाया – शायद हार का डर अच्छा काम करवाता है! पिछले 80 गेंदों से भारतीय बल्लेबाज बाउंड्री नहीं लगा पाए थे, लेकिन मैदान पर गहमा-गहमी की कोई कमी नहीं थी। इंग्लैंड के फील्डर लगातार बल्लेबाजों को उकसाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वे कोई गलती कर बैठें।

इसी दौरान दो रन लेने की कोशिश में जडेजा की टक्कर फील्डर ब्रायडन कार्स से हो गई। दोनों के बीच थोड़ी कहा-सुनी हुई, जिसे शांत कराने के लिए बेन स्टोक्स को बीच में आना पड़ा। टेस्ट क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर था, और यह दिखाता है कि जब दांव ऊंचे होते हैं तो मैदान पर तनाव कितना बढ़ जाता है।

नितीश रेड्डी ने हालांकि अपनी शानदार रक्षात्मक बल्लेबाजी से इंग्लैंड के गेंदबाजों को लगभग एक घंटे तक परेशान किया। उनकी दृढ़ता सराहनीय थी, खासकर ऐसे दबाव में। लेकिन लंच ब्रेक से ठीक पहले, क्रिस वोक्स ने आखिरकार यह साझेदारी तोड़ दी। वोक्स की एक गेंद पर रेड्डी ने बाहरी किनारा लगाया और विकेट के पीछे लपके गए। रेड्डी 13 रन बनाकर आउट हुए। इस विकेट के साथ ही भारतीय टीम 112 रन पर 8 विकेट गंवा चुकी थी।

लंच तक का खेल खत्म होने पर इंग्लैंड जीत से सिर्फ दो विकेट दूर खड़ा था, जबकि भारत को अभी भी 81 रनों का लंबा सफर तय करना था। आर्चर, स्टोक्स और वोक्स की बेहतरीन गेंदबाजी ने सुनिश्चित किया कि लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की पकड़ मजबूत हो जाए। अब देखना होगा कि भारत के बचे हुए बल्लेबाज कोई चमत्कार कर पाते हैं या नहीं, या फिर इंग्लैंड आसानी से यह मैच जीतकर सीरीज में बढ़त बना लेगा। स्थिति तो फिलहाल भारतीय टीम के लिए बेहद विकट है, और उन्हें इतिहास रचना होगा अगर वे यहां से जीतना चाहते हैं।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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