लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच का दूसरा दिन भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के शुरुआती आक्रमण और उसके बाद इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाज़ों, खासकर जेमी स्मिथ और ब्राइडन कार्स के जुझारू पलटवार के नाम रहा। दिन की शुरुआत में भारत ने तीन महत्वपूर्ण विकेट झटककर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया था, लेकिन स्मिथ और कार्स के बीच हुई 82 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी ने मेजबान टीम को 353/7 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया।
दिन की शुरुआत इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज़ जो रूट के लिए यादगार रही, जिन्होंने दिन की पहली ही गेंद पर चौका लगाकर अपना 37वां टेस्ट शतक पूरा किया। इस शतक के साथ ही रूट टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक लगाने वाले दुनिया के पांचवें बल्लेबाज़ बन गए। यह एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों का इरादा कुछ और ही था।
दूसरी नई गेंद के साथ, भारतीय पेस अटैक, जिसकी अगुवाई जसप्रीत बुमराह कर रहे थे, ने तुरंत लय हासिल कर ली। गेंद पिच से बाहर और अंदर की तरफ स्विंग कर रही थी, जिसने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को लगातार परेशान किया। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स एक डायरेक्ट हिट से रन आउट होने से बाल-बाल बचे, लेकिन अगले ही ओवर में बुमराह ने उन्हें एक बेहतरीन इन-स्विंगर पर बोल्ड कर दिया, जो स्टंप्स के ऊपरी हिस्से पर जाकर लगी। यह भारत के लिए बड़ी सफलता थी।
बुमराह यहीं नहीं रुके। उन्होंने इसी स्पैल में शतक बनाकर आत्मविश्वास से भरे जो रूट को भी पवेलियन भेज दिया। रूट एक गेंद को अपने विकेट पर ही खींच बैठे। इसके तुरंत बाद, क्रिस वोक्स भी बुमराह की गेंद पर विकेटकीपर ध्रुव जुरेल को किनारा दे बैठे। भारत ने रिव्यू लिया और डीआरएस की मदद से वोक्स को आउट करार दिया गया। इस तरह बुमराह ने कुछ ही ओवरों में तीन बड़े विकेट लेकर इंग्लैंड को संकट में डाल दिया था।
भारतीय टीम इस दबाव को और बढ़ा सकती थी, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। केएल राहुल ने स्लिप में जेमी स्मिथ का एक आसान कैच टपका दिया, जो भारत को बहुत महंगा पड़ा। दूसरी ओर, ब्राइडन कार्स को भी अपनी पारी की शुरुआत में कुछ गेंदों पर किस्मत का साथ मिला, जब गेंद विकेट के बेहद करीब से निकली।
इस दौरान, एक अजीब वाकया भी हुआ जब भारतीय टीम ने सिर्फ 10.4 ओवर के बाद गेंद बदलने की कोशिश की, लेकिन गेज से नापने पर वह नहीं बदली जा सकी। बदली हुई गेंद भी भारतीय खेमे को रास नहीं आई और इससे पैदा हुई थोड़ी निराशा का फायदा उठाकर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने कुछ तेज़ी से रन बनाए और टीम का स्कोर 300 के पार ले गए। बाद में भारत ने फिर से गेंद बदलने का प्रयास किया, जिससे शुभमन गिल के चेहरे पर मुस्कान आई, लेकिन यह भी इंग्लिश बल्लेबाजों को ज़्यादा परेशान नहीं कर पाई।
जीवनदान मिलने के बाद, जेमी स्मिथ ने शानदार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया। उन्होंने ना सिर्फ अपना अर्धशतक (51*) पूरा किया, बल्कि गेंद का सामना करने के लिहाज़ से टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन बनाने वाले सबसे तेज़ विकेटकीपर बल्लेबाज़ भी बन गए। स्मिथ को ब्राइडन कार्स (33*) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने मिलकर आठवें विकेट के लिए 82 रन जोड़े। इस साझेदारी ने भारतीय गेंदबाज़ों को पूरी तरह हताश कर दिया और इंग्लैंड ने मैच पर अपनी पकड़ दोबारा मज़बूत कर ली। लंच ब्रेक से ठीक पहले, कार्स ने कुछ आकर्षक शॉट लगाए और स्मिथ ने सिंगल लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया।
भारत के लिए एक और चिंता का विषय उप-कप्तान ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी रही, जो पहले दिन उंगली में चोट लगने के कारण दूसरे दिन मैदान पर नहीं उतरे। यह देखना होगा कि क्या वह बाद में बल्लेबाज़ी के लिए उपलब्ध हो पाते हैं या नहीं।
दिन के इस सत्र के अंत में इंग्लैंड 353 रन पर 7 विकेट खोकर अच्छी स्थिति में दिख रहा था, जबकि भारत को इस जोड़ी को तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इंग्लैंड 353/7 (जो रूट 104, जेमी स्मिथ 51*; जसप्रीत बुमराह 4-63, नितीश कुमार रेड्डी 2-62)