लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन भारत ने रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड की बराबरी की

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लॉर्ड्स के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे टेस्ट मैच का तीसरा दिन बेहद रोमांचक रहा। इस दिन भारतीय टीम ने इंग्लैंड द्वारा पहली पारी में बनाए गए 387 रनों के स्कोर की बराबरी कर ली। दिन का खेल समाप्त होने तक मैच बिल्कुल बराबरी पर खड़ा था, जिसमें इंग्लैंड को 2 रन की मामूली बढ़त हासिल थी। भारत की ओर से केएल राहुल के शानदार शतक (100 रन) ने नींव रखी, जबकि ऋषभ पंत (74) और रवींद्र जडेजा (72) ने महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारियां खेलकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

दिन की शुरुआत भारत ने 122/2 के स्कोर से की, जिसमें केएल राहुल और ऋषभ पंत क्रीज पर थे। दोनों बल्लेबाजों ने सुबह के सत्र में इंग्लैंड के गेंदबाजों, खासकर जोफ्रा आर्चर की तेज रफ्तार गेंदों का सामना संयम से किया। शुरुआती 30 मिनट में रन बनाना आसान नहीं था, लेकिन एक बार जब आँखें जम गईं, तो दोनों ने मिलकर स्कोरबोर्ड को चलाना शुरू किया। राहुल ने खासकर ब्रायडन कार्स पर कुछ शानदार चौके लगाए और तेजी से अपने शतक की ओर बढ़े।

ऋषभ पंत ने अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल दिखाया और बेन स्टोक्स की गेंद पर एक लंबा छक्का जड़कर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का विव रिचर्ड्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह इंग्लैंड में किसी विदेशी विकेटकीपर द्वारा लगाया गया उनका आठवां अर्धशतक भी था, जिससे उन्होंने एमएस धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की। पंत ने स्पिन गेंदबाज शोएब बशीर का स्वागत भी छक्के से किया, लेकिन स्टोक्स की शॉर्ट गेंदों ने उन्हें कुछ परेशानी दी, हालांकि वे अपने अनोखे अंदाज़ में रन बटोरते रहे।

लंच से ठीक पहले एक नाटकीय पल आया जब ऋषभ पंत 74 रन बनाकर रन आउट हो गए। केएल राहुल, जो उस समय 98 रन पर थे, एक सिंगल चुराने की कोशिश में दौड़े, जबकि पंत ने गेंद को कवर की ओर खेला था। बेन स्टोक्स ने फुर्ती से दौड़कर सीधा थ्रो विकेट पर मारा और पंत क्रीज से काफी दूर थे। (क्या जल्दी थी जनाब?) इस तरह पंत की जुझारू पारी का अंत हुआ और भारत को लंच से ठीक पहले झटका लगा।

लंच के बाद केएल राहुल ने अपना शानदार शतक पूरा किया, जो लॉर्ड्स में उनका दूसरा टेस्ट शतक था। हालांकि, शतक पूरा करने के ठीक बाद एकाग्रता में आई थोड़ी सी कमी उन्हें महंगी पड़ी। शोएब बशीर की एक फ्लाइटेड गेंद पर राहुल ने बल्ले का बाहरी किनारा दिया और गेंद स्लिप में हैरी ब्रुक के हाथों में समा गई। एक बेहतरीन पारी का अंत।

इसके बाद रवींद्र जडेजा और युवा नितीश रेड्डी ने पारी को संभाला। रेड्डी की 30 रनों की पारी भाग्यशाली रही, उन्हें कम से कम तीन बार रन आउट होने से बचाया गया! (लगता है आज उनकी किस्मत लॉर्ड्स के ऊपर छाई बदली से भी ज्यादा घनी थी)। हालांकि, उन्होंने जडेजा के साथ मिलकर 72 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की और भारत को इंग्लैंड के स्कोर के करीब पहुंचाया। जडेजा ने धैर्य और आक्रामकता का मिश्रण दिखाते हुए अपना तीसरा लगातार अर्धशतक पूरा किया।

चायकाल के बाद नितीश रेड्डी आखिरकार बेन स्टोक्स की शॉर्ट गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों, खासकर क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी निपटा दिया। आकाश दीप ने एक छक्का लगाया लेकिन ज्यादा देर टिक नहीं पाए, जबकि जसप्रीत बुमराह और वाशिंगटन सुंदर भी बड़ा योगदान नहीं दे सके। भारत ठीक 387 रन पर ऑल आउट हो गया, जिससे स्कोर बराबर हो गया।

दिन का खेल खत्म होने में केवल पांच मिनट बचे थे जब इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी शुरू की। कुछ लोगों ने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया ताकि दिन में केवल एक ओवर फेंका जा सके। (टेस्ट मैच में भी इतनी जल्दबाजी?) जैक क्रॉली ने जसप्रीत बुमराह पर दो रन बनाकर इंग्लैंड को 2 रन की मामूली बढ़त दिलाई और इसी के साथ दिन का खेल समाप्त घोषित कर दिया गया।

तीसरे दिन के अंत में मैच बिल्कुल बराबरी पर है। भारत ने दिखाया कि उनके बल्लेबाज मुश्किल परिस्थितियों में स्कोर कर सकते हैं, जबकि इंग्लैंड के गेंदबाजों ने निचले क्रम को जल्दी समेटने में सफलता हासिल की। अब सबकी निगाहें चौथे दिन पर होंगी, जो इस टेस्ट मैच का भविष्य तय करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम पकड़ बनाने में कामयाब होती है।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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