लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर चल रहे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय क्रिकेट टीम को एक बड़ा झटका लगा। टीम के विकेटकीपर और उप-कप्तान ऋषभ पंत उंगली में चोट के कारण मैदान पर नहीं उतरे। यह चोट उन्हें पहले दिन फील्डिंग के दौरान लगी थी। उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग संभाली।
पंत को यह चोट मैच के पहले दिन जसप्रीत बुमराह के 34वें ओवर की पहली गेंद पर लगी। गेंद लेग साइड में जा रही थी और उसे रोकने की कोशिश में डाइव लगाते समय पंत की बाईं तर्जनी उंगली (left index finger) के सिरे पर जा लगी। चोट लगते ही वह दर्द से कराह उठे और फिजियो को मैदान पर आना पड़ा। दर्द निवारक स्प्रे (pain-relief spray) के बावजूद आराम न मिलने पर उन्होंने ओवर समाप्त होते ही मैदान छोड़ दिया और उनकी जगह सब्सटीट्यूट फील्डर आया।
दूसरे दिन सुबह पंत मैदान पर आए और सहायक कोच सीतांशु कोटक के साथ कुछ अभ्यास भी किया, लेकिन उनकी उंगली में साफ तौर पर तकलीफ दिख रही थी। यहां तक कि उन्होंने केवल अपने निचले हाथ (दाएं हाथ) से रक्षात्मक बल्लेबाजी स्ट्रोक्स का `शेडो प्रैक्टिस` भी किया, जो यह बताता है कि दर्द अभी भी है। इसके बाद वह पवेलियन लौट गए और फील्डिंग के लिए नहीं उतरे।
बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने गुरुवार को एक बयान जारी कर बताया कि पंत मेडिकल देखरेख में हैं। हालांकि, स्कैन अभी तक नहीं कराए गए हैं, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि शायद फ्रैक्चर जैसी कोई गंभीर चोट न हो। लेकिन यह सिर्फ एक उम्मीद है।
टीम इंडिया को अब भी उम्मीद है कि उनके उप-कप्तान बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। चूंकि यह चोट मैदान पर फील्डिंग करते समय लगी एक बाहरी चोट है, इसलिए नियमों के अनुसार अगर वह फिट महसूस करते हैं, तो वह अपनी सामान्य स्थिति नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आ सकते हैं। इस सीरीज में उनका बल्ला खूब बोला है; अब तक चार पारियों में दो शतक और एक अर्धशतक लगाकर उन्होंने टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की गैरमौजूदगी टीम के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
फिलहाल सबकी निगाहें पंत की उंगली पर टिकी हैं और यह देखने का इंतजार है कि क्या वह टीम को मुश्किल में देखकर अपना दर्द भुलाकर मैदान पर उतरते हैं या नहीं। क्रिकेट में ऐसे `हीरो` मोमेंट्स अक्सर देखने को मिलते हैं, लेकिन स्वास्थ्य सर्वोपरि है।