लखनऊ के एकाना स्टेडियम से भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं के लिए कुछ ऐसे संकेत आए हैं, जो आगामी वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज़ से पहले उनकी रातों की नींद उड़ा सकते हैं। भारत `ए` और ऑस्ट्रेलिया `ए` के बीच चल रही अनौपचारिक टेस्ट श्रृंखला, जिसे मुख्य टीम के लिए `ऑडिशन` माना जा रहा था, अब नई चिंताएं पैदा करती दिख रही है। एक तरफ स्टार बल्लेबाज केएल राहुल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, वहीं दूसरी तरफ युवा तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा को सिर में चोट लगने से उनकी उपलब्धता पर सवालिया निशान लग गया है।
केएल राहुल: उम्मीदों का बोझ और निराशाजनक प्रदर्शन
भारतीय क्रिकेट में केएल राहुल का नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं, लेकिन उनका प्रदर्शन अक्सर एक रहस्य की तरह रहा है। वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज़ की तैयारियों के लिए लाल गेंद क्रिकेट में वापसी करने वाले राहुल से उम्मीद थी कि वे ऑस्ट्रेलिया `ए` के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर अपनी जगह पक्की करेंगे। हालांकि, बुधवार को दूसरे अनौपचारिक टेस्ट के दूसरे दिन वे महज 11 रन बनाकर आउट हो गए। यह एक ऐसा स्कोर है, जो उनकी क्षमता और उनसे टीम की अपेक्षाओं से कहीं कम है।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि राहुल लंबे समय से अपनी टेस्ट फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस `ए` सीरीज़ को उनके लिए एक सुनहरा अवसर माना जा रहा था कि वे चयनकर्ताओं को अपनी वापसी के लिए मना सकें। लेकिन, विल सदरलैंड की गेंद पर जल्दी पवेलियन लौटना उनकी राह को और भी कठिन बना देता है। चयनकर्ताओं के सामने अब यह स्पष्ट दुविधा है: क्या वे एक ऐसे खिलाड़ी पर भरोसा जारी रखेंगे जो महत्वपूर्ण `ऑडिशन` में भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है?
राहुल अकेले नहीं थे जो संघर्ष कर रहे थे। देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे अन्य युवा खिलाड़ी भी प्रभाव डालने में विफल रहे, सभी ने एकल अंकों में ही अपने विकेट गंवा दिए। ऐसा प्रतीत होता है कि `ए` टीम का यह मुकाबला, जो प्रतिभा को निखारने और अवसर देने के लिए था, कुछ खिलाड़ियों के लिए `अग्नि परीक्षा` साबित हुआ है, जिसमें वे असफल रहे।
प्रसिद्ध कृष्णा को चोट और भविष्य पर सवाल
भारतीय टीम के लिए एक और बड़ा झटका तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा के रूप में लगा। ऑस्ट्रेलिया `ए` के खिलाफ दूसरे अनौपचारिक टेस्ट में बल्लेबाजी करते समय उन्हें हेलमेट पर चोट लग गई। हालांकि उन्होंने अनिवार्य कनकशन चेक के बाद बल्लेबाजी जारी रखी, लेकिन तीन ओवर बाद उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। बाद में, यश ठाकुर को उनके स्थान पर कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में टीम में शामिल किया गया, जिससे यह चोट आधिकारिक हो गई।
प्रसिद्ध कृष्णा ने इंग्लैंड में हुई पिछली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में काफी प्रभावित किया था, जहां उन्होंने 14 विकेट लेकर अपनी क्षमता साबित की थी। उन्हें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप के साथ तेज गेंदबाजी आक्रमण में एक महत्वपूर्ण दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, मौजूदा `ए` सीरीज़ में उनका प्रदर्शन साधारण रहा है – पहले मैच में 21 ओवर में 90 रन देकर कोई विकेट नहीं और दूसरे मैच की पहली पारी में 17 ओवर में 76 रन देकर एक विकेट।
अब इस चोट ने उनकी उपलब्धता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेडिकल टीम ने अभी तक चोट की गंभीरता का खुलासा नहीं किया है, लेकिन वेस्टइंडीज सीरीज़ के लिए टीम की घोषणा होने से पहले उनकी फिटनेस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। एक ऐसे समय में जब भारत को अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण में विविधता और मजबूती की तलाश है, प्रसिद्ध की चोट चयनकर्ताओं की चिंता को और बढ़ा देती है।
चयनकर्ताओं की उलझन: प्रतिभा की भरमार या सिरदर्द?
लखनऊ में चल रहे इस `ए` मुकाबले के दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक, ऑस्ट्रेलिया `ए` अपनी दूसरी पारी में 16 रन पर 3 विकेट खोकर भी मजबूत स्थिति में थी, जबकि भारत `ए` पहली पारी में 194 रन पर ऑलआउट हो गई थी। पहला अनौपचारिक टेस्ट ड्रॉ रहा था, और इस मैच के बाद दोनों टीमें कानपुर में तीन अनौपचारिक वनडे मैच खेलेंगी।
यह सब भारतीय चयनकर्ताओं के लिए एक जटिल स्थिति पैदा करता है। एक तरफ अनुभवहीन युवा खिलाड़ी हैं जो दबाव में बिखर रहे हैं, और दूसरी तरफ, स्थापित खिलाड़ी हैं जो अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं या चोटिल हो गए हैं। वेस्टइंडीज सीरीज़ भारत के लिए महत्वपूर्ण है, और ऐसे में सही टीम संयोजन चुनना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्या चयनकर्ता फॉर्म को प्राथमिकता देंगे या अनुभव को? क्या वे युवा खिलाड़ियों पर भरोसा करेंगे या अनुभवी खिलाड़ियों को एक और मौका देंगे? इन सभी सवालों के जवाब जल्द ही मिलने वाले हैं, जब टीम की घोषणा की जाएगी। लेकिन एक बात निश्चित है, लखनऊ से आए इन संकेतों ने चयनकर्ताओं के लिए काम को और भी मुश्किल बना दिया है, और उन्हें अब सचमुच `क्रिकेट की भूलभुलैया` में से रास्ता खोजना होगा।