महिला क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय: एलिसा हीली के शतकीय पराक्रम से ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया, बनाया रिकॉर्ड चेज़ का वर्ल्ड रिकॉर्ड

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यह विशाखापत्तनम की एक ऐसी शाम थी, जब इतिहास लिखा गया। महिला विश्व कप 2025 के एक रोमांचक मुकाबले में, ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम ने सिर्फ मैच ही नहीं जीता, बल्कि महिला वनडे इंटरनेशनल (WODI) के इतिहास में सबसे बड़ी सफल रन चेज़ का नया कीर्तिमान भी स्थापित किया। भारत के विशाल 330 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने एक अविश्वसनीय, कलात्मक और जुझारू शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को तीन विकेट से यादगार जीत दिलाई।

क्रिकेट के मैदान पर अक्सर कहा जाता है कि रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं। लेकिन जब कोई रिकॉर्ड इस तरह से टूटता है, तो वह खेल की भव्यता को और बढ़ा देता है। 331 रनों का लक्ष्य, जो पहले श्रीलंका के 302 रनों के रिकॉर्ड को ध्वस्त करता था, अब ऑस्ट्रेलिया के नाम दर्ज हो गया है। यह जीत ऑस्ट्रेलियाई टीम को अंक तालिका में शीर्ष पर ले गई है, जबकि भारतीय टीम तीसरे स्थान पर बरकरार है।

भारत की शानदार बल्लेबाजी: एक मजबूत शुरुआत

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया। सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल ने एक मजबूत नींव रखी, मानो उन्होंने पहले के मैचों की गलतियों को सुधारने की कसम खाई हो। मंधाना (80 रन, 66 गेंदें) अपनी चिर-परिचित आक्रामक शैली में दिखीं, जबकि रावल (75 रन, 96 गेंदें) ने उनका बखूबी साथ दिया। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 155 रनों की शानदार साझेदारी की। मंधाना ने न केवल टूर्नामेंट का सबसे तेज अर्धशतक (46 गेंद) जड़ा, बल्कि WODI में 5000 रन पूरे करने वाली सबसे तेज और युवा खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। यह साझेदारी इतनी मजबूत थी कि ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को पसीना आ गया।

हालांकि, मंधाना के आउट होने के बाद, भारत ने कुछ जल्दी विकेट गंवाए। कप्तान हरमनप्रीत कौर और हरलीन देओल जैसे खिलाड़ी सस्ते में पवेलियन लौट गईं, जिससे एक समय लग रहा था कि भारत अपनी लय खो देगा। लेकिन ऋचा घोष और जेमिमा रोड्रिग्स ने मिलकर 54 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर टीम को 300 के पार पहुंचाया। अंत में, भारत ने 330 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो किसी भी टीम के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था।

एलिसा हीली का पराक्रम: कप्तान की ऐसी पारी

जब ऑस्ट्रेलिया 331 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरा, तो सभी की निगाहें उनकी मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप पर टिकी थीं। लेकिन यह एलिसा हीली का दिन था, जिन्होंने अपनी कप्तानी पारी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हीली (142 रन, 107 गेंदें, 21 चौके, 3 छक्के) ने भारतीय गेंदबाजों को एक खिलौने की तरह इस्तेमाल किया। उनके बल्ले से निकले हर शॉट में आत्मविश्वास और बेहतरीन टाइमिंग झलक रही थी।

शुरुआत में धीमी मानी जाने वाली क्रान्ति गौड़ के खिलाफ हीली ने ताबड़तोड़ चौके और छक्के जड़कर दबाव कम किया। स्नेह राणा की पूरी लेंथ गेंदों को उन्होंने स्वीप और स्लॉग स्वीप से बाउंड्री के पार पहुंचाया। उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जो इस विश्व कप संस्करण का सबसे तेज अर्धशतक था।

हालांकि, भारतीय स्पिनर श्री चरणी (10-1-41-3) ने कुछ उम्मीद जगाई, जब उन्होंने फोबे लिचफील्ड और एनाबेल सदरलैंड जैसे महत्वपूर्ण विकेट लिए। अनुभवी एलिसे पेरी के चोटिल होकर बाहर होने से ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बढ़ा, और आवश्यक रन रेट भी सात के पार चला गया। लेकिन हीली ने एशले गार्डनर (45 रन) के साथ मिलकर 95 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर ऑस्ट्रेलियाई पारी को संभाला।

हीली ने अपना छठा WODI शतक पूरा किया, जो कप्तान के तौर पर उनका पहला था। उनके आउट होने के बाद, कुछ देर के लिए ऑस्ट्रेलियाई खेमे में घबराहट दिखी, जब गार्डनर, तहलिया मैक्ग्रा और सोफी मोलिनक्स जल्दी-जल्दी आउट हो गईं। लेकिन एलिसे पेरी, जो चोटिल होने के बावजूद वापस लौटीं, उन्होंने 47 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। यह वाकई एक कप्तान की पारी थी, जिसने न केवल टीम को जीत दिलाई, बल्कि इतिहास के पन्नों में अपना नाम भी दर्ज करा लिया।

रिकॉर्ड तोड़ चेज़ का महत्व

यह मैच सिर्फ एक जीत-हार का आंकड़ा नहीं था, बल्कि महिला क्रिकेट के बढ़ते कद का एक प्रमाण था। जिस तरह भारत ने एक विशाल स्कोर खड़ा किया और फिर ऑस्ट्रेलिया ने उसे सफलतापूर्वक चेज़ किया, वह इस बात का सबूत है कि महिला क्रिकेट अब मनोरंजन और रोमांच के मामले में किसी से पीछे नहीं है। इस तरह के रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन, खेल को और अधिक दर्शकों तक पहुंचाते हैं और युवा लड़कियों को इस खेल में आने के लिए प्रेरित करते हैं।

विशाखापत्तनम में खेला गया यह मुकाबला हमेशा याद रखा जाएगा, जहां एलिसा हीली ने अपने बल्ले से जादू बिखेरा और ऑस्ट्रेलिया ने असंभव को संभव कर दिखाया। भारत के लिए यह हार निराशाजनक हो सकती है, लेकिन उन्होंने भी अपनी बल्लेबाजी से दिखा दिया कि वे किसी भी टीम को चुनौती देने में सक्षम हैं। अब देखना यह है कि महिला विश्व कप 2025 में आगे और कितने रिकॉर्ड टूटते हैं और कौन सी टीम अंततः यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम करती है।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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