महिला प्रीमियर लीग: 2026 की मेगा नीलामी से पहले टीमों को मिली बड़ी रणनीतिक छूट!

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महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2026 सीज़न की तैयारी में जुटी है, और इस बार की मेगा नीलामी कुछ बड़े बदलावों के साथ आ रही है। टीमों को अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को बनाए रखने और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए अब और भी अधिक अधिकार मिल गए हैं। यह सिर्फ एक नीलामी नहीं, बल्कि फ्रेंचाइजी मालिकों और टीम रणनीतिकारों के लिए एक शतरंज का खेल होगा!

रिटेंशन की नई परिभाषा: 5 खिलाड़ियों पर दांव

WPL गवर्निंग काउंसिल ने टीमों को आगामी मेगा नीलामी से पहले **अधिकतम पाँच खिलाड़ियों को रिटेन करने** की अनुमति दी है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो टीमों को अपनी कोर स्ट्रेंथ को बनाए रखने का मौका देगा। हालांकि, यह निर्णय जितना सीधा लगता है, उतना है नहीं, क्योंकि इसके साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं:

  • एक टीम **अधिकतम तीन भारतीय कैप्ड खिलाड़ियों** को रिटेन कर सकती है।
  • **अधिकतम दो विदेशी खिलाड़ियों** को टीम में बरकरार रखा जा सकता है।
  • और, सबसे दिलचस्प बात, **अधिकतम दो अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों** को भी रिटेन किया जा सकता है।

यदि कोई फ्रेंचाइजी पाँच खिलाड़ियों को रिटेन करने का फैसला करती है, तो उनमें से कम से कम **एक अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी** होना अनिवार्य है। यह नियम भारतीय टैलेंट को बढ़ावा देने और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अब देखना यह होगा कि कौन सी टीम अपने अंडरकैप्ड हीरे को पहचान कर उसे तराशती है।

राइट-टू-मैच (RTM) का रणनीतिक हथियार

इस बार की नीलामी में एक और नया और बेहद प्रभावी नियम जोड़ा गया है: **राइट-टू-मैच (RTM)** का विकल्प। यह विकल्प टीमों को उनके पुराने खिलाड़ियों को, जिन्हें उन्होंने रिटेन नहीं किया है, नीलामी में किसी और टीम द्वारा लगाई गई बोली पर वापस खरीदने का मौका देता है। यह किसी खोए हुए खजाने को वापस पाने जैसा है, बस कीमत थोड़ी चुकानी पड़ेगी।

RTM का उपयोग भी रणनीतिक रूप से सीमित किया गया है:

  • फ्रेंचाइजी **अधिकतम पाँच RTM कार्ड** का उपयोग कर सकती है।
  • हालांकि, आपके रिटेन किए गए खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर RTM विकल्प कम होते जाएंगे। उदाहरण के लिए:
    • यदि आपने पाँच खिलाड़ी रिटेन किए हैं, तो आपके पास **शून्य RTM** बचेंगे।
    • चार रिटेंशन पर **एक RTM**।
    • तीन रिटेंशन पर **दो RTM**।
    • दो रिटेंशन पर **तीन RTM**।
    • और एक रिटेंशन पर **चार RTM**।

यह नियम टीमों को एक कठिन गणितीय पहेली देगा: *क्या वे अपने प्रमुख खिलाड़ियों को रिटेन करें या नीलामी में उन्हें खोने का जोखिम उठाएं और RTM का उपयोग करें?* यह एक ऐसा दांव है जिसमें टीमों के दिमागी घोड़े दौड़ेंगे।

नीलामी पर्स और रिटेंशन का हिसाब-किताब

2026 की मेगा नीलामी के लिए प्रत्येक टीम के पास **INR 15 करोड़ का नीलामी पर्स** होगा। लेकिन यह पर्स रिटेंशन के साथ ही कम होता जाएगा। WPL ने रिटेंशन के लिए कुछ दिशानिर्देश मूल्य निर्धारित किए हैं:

  • पहला खिलाड़ी: INR 3.5 करोड़
  • दूसरा खिलाड़ी: INR 2.5 करोड़
  • तीसरा खिलाड़ी: INR 1.75 करोड़
  • चौथा खिलाड़ी: INR 1 करोड़
  • पाँचवाँ खिलाड़ी: INR 50 लाख

यदि कोई फ्रेंचाइजी पाँचों खिलाड़ियों को रिटेन करती है, तो उसके पर्स से कुल **INR 9.25 करोड़** कम हो जाएंगे। चार खिलाड़ियों के लिए INR 8.75 करोड़, तीन के लिए INR 7.75 करोड़, दो के लिए INR 6 करोड़ और एक के लिए INR 3.5 करोड़ की कटौती होगी।

महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों के साथ दिशानिर्देश मूल्य से अधिक राशि पर बातचीत कर सकती हैं। यदि सहमत राशि अधिक होती है, तो वही राशि नीलामी पर्स से काटी जाएगी। अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी के लिए न्यूनतम INR 50 लाख निर्धारित है, लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए, यह राशि भी काफी बढ़ सकती है। यह निश्चित रूप से नीलामी को और भी दिलचस्प बनाएगा!

आगे की राह: महत्वपूर्ण तिथियाँ

इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण समय-सीमाएँ भी निर्धारित की गई हैं:

  • **5 नवंबर:** खिलाड़ियों की रिटेंशन सूची जमा करने की अंतिम तिथि।
  • **7 नवंबर:** नीलामी के लिए खिलाड़ियों की फ्रेंचाइजी सूची जमा करने की अंतिम तिथि।
  • **18 नवंबर:** खिलाड़ी पंजीकरण की अंतिम तिथि।
  • **20 नवंबर:** BCCI द्वारा मेगा नीलामी के लिए खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

रणनीतिक बदलावों का खेल

इन नए नियमों का WPL टीमों की रणनीति पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। अब टीमें केवल अपने स्टार खिलाड़ियों को ही नहीं, बल्कि उन युवा प्रतिभाओं को भी सुरक्षित रख सकेंगी जो भविष्य में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। RTM का विकल्प टीमों को उन खिलाड़ियों को वापस लाने का मौका देगा, जिन्हें वे भावनात्मक रूप से छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन रणनीतिक रूप से रिटेन नहीं कर पाए। यह महिला प्रीमियर लीग के 2026 सीज़न को निश्चित रूप से अधिक रोमांचक और अप्रत्याशित बना देगा। हर फ्रेंचाइजी के पास अब एक नया “मैथ्स प्रॉब्लम” है, और इसका सही हल ही उन्हें WPL ट्रॉफी के करीब ले जाएगा!

क्रिकेट प्रशंसक बेसब्री से नवंबर का इंतजार कर रहे हैं, जब ये रणनीतिक फैसले मूर्त रूप लेंगे और 2026 सीज़न के लिए टीमों की नई तस्वीर सामने आएगी।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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