कोलंबो के उमस भरे मौसम में, जहाँ आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का नौवां मैच खेला जा रहा था, एक ऐसा पल आया जिसने क्रिकेट प्रेमियों को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया, जो महिला क्रिकेट की एक पावरहाउस मानी जाती है, पाकिस्तान की स्पिन गेंदबाजी के सामने घुटने टेकती नजर आ रही थी। मात्र 76 रनों पर सात विकेट खोकर, टीम अपने सबसे बुरे स्कोर की ओर बढ़ रही थी। लेकिन क्रिकेट की कहानी इतनी सीधी नहीं होती, खासकर जब मैदान पर बेथ मूनी जैसी खिलाड़ी हों।
ऑस्ट्रेलिया 221/9 (मूनी 109, किंग 51*, संधू 3-37) बनाम पाकिस्तान
पाकिस्तान की स्पिन का कहर और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी का बिखराव
पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना का पहले गेंदबाजी करने का फैसला, जो पहले थोड़ा आश्चर्यजनक लगा था, जल्द ही सही साबित हुआ। उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी कि स्पिन गेंदबाजों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, और वह सही साबित हुईं। नशरा संधू, रमीन शमीम और सादिया इकबाल की तिकड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया। एलिसा हीली, एलिसे पेरी और एश गार्डनर जैसे बड़े नाम पवेलियन लौट चुके थे, और ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें धूमिल होती दिख रही थीं। 30 ओवरों के भीतर, पाकिस्तान की स्पिन चौकड़ी ने 98 रन देकर 6 विकेट झटक लिए थे, और ऑस्ट्रेलिया 76 रन पर 7 विकेट खोकर गहरे संकट में थी। यह ऐसा स्कोर था, जहाँ से वापसी की कल्पना करना भी मुश्किल लग रहा था।
बेथ मूनी: संकटमोचक शतक और अटूट दृढ़ संकल्प
ऐसे नाजुक मोड़ पर, बेथ मूनी ने एक चट्टान की तरह क्रीज पर पांव जमाए। विकेटों के पतन के बावजूद, मूनी ने धैर्य नहीं खोया। उनकी खूबी थी क्रीज पर घूमना, गेंद को देर से खेलना और पाकिस्तानी गेंदबाजों को अपनी रणनीति से परेशान न होने देना। उन्होंने एक छोर संभाले रखा, अपनी कलात्मकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए। 11 चौकों से सजे अपने शतक में, मूनी ने 44 सिंगल, 9 डबल और एक ट्रिपल रन भी लिए, जो उनकी फिटनेस और समझदारी को दर्शाता है। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी, बल्कि एक पूरी टीम को प्रेरित करने वाला प्रदर्शन था।
अलाना किंग का उदय और रिकॉर्ड तोड़ साझेदारी
और फिर आया वह पल, जिसने इतिहास रच दिया। 76 रन पर 7 विकेट गँवाने के बाद, जब लगा कि ऑस्ट्रेलिया की पारी जल्दी सिमट जाएगी, तब बेथ मूनी को अलाना किंग (51 रन नाबाद) का साथ मिला। किंग, जो नंबर 10 पर बल्लेबाजी करने आईं, ने अपने करियर का पहला अर्धशतक जड़कर सबको चौंका दिया। मूनी और किंग के बीच नौवें विकेट के लिए 106 रनों की रिकॉर्ड तोड़ साझेदारी हुई। महिला वनडे क्रिकेट में नौवें या उससे निचले विकेट के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी है, और नंबर 10 पर बल्लेबाजी करते हुए किंग का 51* रन भी एक नया रिकॉर्ड है। यह सिर्फ रनों की साझेदारी नहीं थी, यह विश्वास की साझेदारी थी, जिसने एक हारी हुई बाजी को जीतने लायक स्कोर में बदल दिया। मानो, किंग मूनी से कह रही हों – “मैदान पर मैं हूँ, आप बस अपना खेल खेलो!”
पाकिस्तान की विडंबना: हावी होकर भी चूक गए
जहाँ एक ओर पाकिस्तानी स्पिनरों ने कमाल दिखाया, वहीं दूसरी ओर वे इस साझेदारी को तोड़ने में नाकाम रहे। 30 ओवरों तक मैच पर हावी रहने के बाद, यह देखना किसी विडंबना से कम नहीं था कि वे ऑस्ट्रेलिया को 221 तक पहुँचने से नहीं रोक पाए। फातिमा सना की खराब फील्डिंग (गार्थ को रन आउट करने का मौका गंवाना) और डायना बेग का महंगा स्पेल (10 ओवर में 74 रन) पाकिस्तान को भारी पड़ा। उनके पास सिर्फ पांच विशेषज्ञ गेंदबाज थे, और जब मूनी और किंग ने आखिरी ओवरों में हमला बोला, तो पाकिस्तान के पास कोई जवाब नहीं था। यह क्रिकेट की वह सीख है कि मैच खत्म होने से पहले कभी जश्न नहीं मनाना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया का दमदार फिनिश
अंतिम दस ओवरों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 81 रन जोड़े, जिसमें आखिरी चार ओवरों में 53 रन आए। मूनी ने अपने शतक के बाद भी आक्रामक रुख बनाए रखा, जबकि किंग ने भी अपने हाथ खोले और कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाए। उन्होंने डायना बेग के आखिरी ओवर में 13 रन बटोरे और फिर सना के आखिरी ओवर में लगातार दो छक्के जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया। मूनी आखिरी गेंद पर आउट हुईं, लेकिन तब तक उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को एक प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचा दिया था। यह साझेदारी, जिसने ऑस्ट्रेलिया को शर्मनाक हार से बचाया, अब उन्हें मैच जीतने का एक मजबूत मौका दे रही थी।
निष्कर्ष: एक अविस्मरणीय वापसी
अंततः, बेथ मूनी ने 109 रनों की जुझारू पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को 221 रन तक पहुँचाया। यह सिर्फ एक स्कोर नहीं था, यह दृढ़ता, विश्वास और हार न मानने की भावना का प्रतीक था। महिला विश्व कप 2025 में यह मुकाबला न केवल ऑस्ट्रेलिया की वापसी के लिए याद किया जाएगा, बल्कि बेथ मूनी और अलाना किंग की उस ऐतिहासिक साझेदारी के लिए भी, जिसने क्रिकेट को फिर से `अनिश्चितताओं का खेल` साबित कर दिया। इस मैच ने दिखाया कि क्रिकेट में कब पासा पलट जाए, कोई नहीं कह सकता।