महिला विश्व कप 2025: भारत की ‘कमबैक’ जीत, दीप्ति और अमनजोत की जोड़ी ने दिलाई धमाकेदार शुरुआत

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महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का आगाज़ गुवाहाटी में एक रोमांचक मुकाबले के साथ हुआ, जहां भारतीय महिला टीम ने अपने अभियान की शुरुआत श्रीलंका पर 59 रनों की शानदार जीत (DLS पद्धति से) के साथ की। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि एक ऐसी कहानी थी जिसमें मुश्किलों का सामना कर वापसी करने का जज़्बा, धैर्य और निचले क्रम के बल्लेबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन शामिल था। यह मैच भारतीय टीम की दृढ़ता और सामूहिक प्रयास का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।

शुरुआती झटके: जब संकट में दिखी टीम इंडिया

टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और उनका यह निर्णय शुरुआत में सही साबित होता दिखा। भारतीय टॉप ऑर्डर की अनुभवी बल्लेबाज स्मृति मंधाना जल्द ही पवेलियन लौट गईं। इसके बाद प्रतिका रावल और हरलीन देओल ने 67 रनों की साझेदारी तो की, लेकिन रन गति इतनी धीमी थी, जैसे कोई कछुआ अपनी धीमी चाल चल रहा हो और उसे विश्व कप जीतने की कोई जल्दी न हो। श्रीलंकाई स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजों को बांधे रखा, जिससे चौके-छक्के लगाना मुश्किल हो गया। दबाव बढ़ता गया और फिर विकेटों की झड़ी लग गई। इनोका रणवीरा ने अपने बेहतरीन स्पैल में भारतीय मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया। 20वें ओवर में रावल को आउट करने के बाद, उन्होंने 26वें ओवर में हरलीन, जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर को चलता किया। कुछ ही देर बाद ऋचा घोष भी चमारी अथापथु का शिकार हो गईं, और भारतीय टीम 124 रन पर 6 विकेट खोकर गहरे संकट में आ गई। ऐसा लगा मानो श्रीलंका ने मैच पर अपनी पकड़ बना ली है और जीत की सुगंध उन्हें मिलने लगी है।

संकटमोचक जोड़ी का उदय: दीप्ति और अमनजोत का कमाल

लेकिन कहते हैं न, क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और इस खेल में कभी-कभी सबसे अप्रत्याशित हीरो ही उभर कर सामने आते हैं। जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब अमनजोत कौर और दीप्ति शर्मा ने मोर्चा संभाला। इस जोड़ी ने मैदान पर कदम रखा और एक ऐसी साझेदारी बुनी जिसने मैच का नक्शा ही बदल दिया। उन्होंने शुरुआत में संयम और सूझबूझ से बल्लेबाजी की, एक-एक रन जोड़ते हुए पारी को संभाला। धीरे-धीरे उन्होंने गियर बदला और कैलकुलेटेड आक्रामकता दिखाते हुए रन गति को बढ़ाया। उनका शतकीय गठबंधन सिर्फ भारत को 200 के पार ही नहीं ले गया, बल्कि श्रीलंकाई गेंदबाजों के आत्मविश्वास को भी चकनाचूर कर दिया। ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका के गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ से भटक गए हैं, और फील्डर भी अमनजोत को कई जीवनदान देते रहे – शायद उन्हें लग रहा था कि भारतीय टीम पहले ही हार मान चुकी है, या शायद वे मैच में इतना पिछड़ चुके थे कि अब सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन कर रहे थे, अपनी फील्डिंग का प्रदर्शन करते हुए!

अमनजोत कौर ने विश्व कप का पहला अर्धशतक जड़ते हुए 57 रन बनाए, जिसमें पांच चौके और एक छक्का शामिल था। वहीं, दीप्ति शर्मा ने भी शानदार 53 रन बनाए, जिसमें तीन चौके शामिल थे, और उन्होंने रन गति को बनाए रखा। अंत में, स्नेह राणा ने कुछ धमाकेदार शॉट्स लगाए, जिससे अंतिम दो ओवरों में 34 रन आए और भारत का स्कोर 47 ओवरों में 8 विकेट पर 269 रनों के एक प्रतिस्पर्धी टोटल तक पहुंच गया। यह एक ऐसा स्कोर था जिसने भारतीय खेमे में नई ऊर्जा भर दी।

श्रीलंका की उम्मीदें और भारतीय गेंदबाजों का पलटवार

DLS पद्धति के तहत श्रीलंका को 271 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला, जो उनकी पहुंच में लग रहा था। चमारी अथापथु और हसिनी परेरा ने अच्छी शुरुआत की और नियमित अंतराल पर चौके लगाए। अथापथु ने तो क्रांति गौड़ की गेंद पर एक शानदार छक्का भी जड़ा। पहले पावरप्ले (9 ओवर) में श्रीलंका ने 45 रन बनाए, जिससे उनकी उम्मीदें बंधने लगीं। लेकिन दीप्ति शर्मा ने एक बार फिर अपनी स्पिन का जादू चलाया और खतरनाक दिख रही अथापथु (43 रन) को आउट कर भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। यह विकेट मैच का दूसरा बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

इस विकेट के बाद भारतीय गेंदबाजों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। स्नेह राणा के नेतृत्व में, उन्होंने सटीक गेंदबाजी की और श्रीलंकाई बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ा दिया। चौकों का सूखा पड़ा और उसके बाद विकेटों की झड़ी लग गई। हर्षिता माडवी, विश्मी गुणरत्ने और अन्य बल्लेबाज भारतीय स्पिन और तेज गेंदबाजों के सामने ज्यादा देर टिक नहीं पाए। दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा ने लगातार विकेट लेकर श्रीलंकाई पारी को ढहा दिया। हालांकि नीलाक्षी डी सिल्वा ने कुछ संघर्ष किया और 35 रन बनाए, लेकिन उन्हें भी स्नेह राणा ने पवेलियन भेज दिया। अंततः, श्रीलंका की पूरी टीम 45.4 ओवरों में 211 रन पर ऑलआउट हो गई, और भारतीय टीम ने एक आरामदायक जीत दर्ज की।

जीत का संदेश: जज्बा और गहराई

भारत की यह जीत महिला विश्व कप में उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली है। शुरुआती मुश्किलों के बावजूद, टीम ने हार नहीं मानी और निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जिस तरह से जिम्मेदारी संभाली, वह उनकी बल्लेबाजी की गहराई को दर्शाता है। दीप्ति शर्मा, अमनजोत कौर और स्नेह राणा – इस तिकड़ी ने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाते हुए साबित कर दिया कि भारतीय टीम किसी भी परिस्थिति से वापसी करने का माद्दा रखती है। यह केवल एक मैच की जीत नहीं, बल्कि आने वाले मुकाबलों के लिए एक मजबूत संदेश है कि भारतीय टीम इस विश्व कप में बड़े कारनामे करने के लिए तैयार है। यह जीत न सिर्फ टीम के हौसले को बुलंद करेगी, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारतीय टीम के पास किसी भी संकट से उबरने की क्षमता है।

संक्षिप्त स्कोर:

  • भारत: 47 ओवर में 269/8 (अमनजोत कौर 57, दीप्ति शर्मा 53; इनोका रणवीरा 4-46)
  • श्रीलंका: 45.4 ओवर में 211 ऑलआउट (चमारी अथापथु 43, नीलाक्षी डी सिल्वा 35; दीप्ति शर्मा 3-54, स्नेह राणा 2-32)
  • परिणाम: भारत 59 रनों से जीता (DLS पद्धति)
प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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