गुवाहाटी के मैदान पर महिला विश्व कप 2025 के उद्घाटन मैच में दक्षिण अफ्रीका की महिला क्रिकेट टीम के लिए एक ऐसा दिन आया, जिसे वे जल्द से जल्द भुला देना चाहेंगी। इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए, दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम मात्र 69 रनों पर ढेर हो गई और उन्हें 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह हार जितनी निराशाजनक थी, उतनी ही चौंकाने वाली भी, क्योंकि टीम की कप्तान लौरा वोल्ल्वार्ड्ट मानती हैं कि उनकी टीम इस प्रदर्शन से “कहीं, कहीं बेहतर” है।
एक निराशाजनक शुरुआत, एक मजबूत इरादा
मैच के बाद वोल्ल्वार्ड्ट के शब्दों में एक स्पष्ट हताशा थी, लेकिन उससे भी ज़्यादा एक अटल विश्वास झलकता था। उन्होंने कहा, “हम 69 रनों पर ढेर होने से कहीं बेहतर टीम हैं। यह बस उन दिनों में से एक था जब शीर्ष क्रम और मध्य क्रम दोनों ही एक ही दिन असफल रहे।” क्रिकेट में ऐसे दिन आते हैं, जब सब कुछ गलत हो जाता है, लेकिन विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट की शुरुआत ऐसी हार से होना, किसी भी टीम के लिए मनोबल तोड़ने वाला हो सकता है।
तैयारी दमदार, फिर भी नतीजा निराश कर गया
दिलचस्प बात यह है कि दक्षिण अफ्रीका टीम ने इस मैच के लिए पूरी तैयारी की थी, खासकर बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ। कप्तान वोल्ल्वार्ड्ट ने खुद मैच से पहले बाएं हाथ की स्पिनरों के खिलाफ काफी समय अभ्यास किया था, अपने फुटवर्क और शॉट चयन पर ध्यान केंद्रित किया था। कोचिंग स्टाफ ने भी हर बारीकी पर काम किया था। लेकिन मैच के दिन, इंग्लैंड की बाएं हाथ की स्पिनर लिन्से स्मिथ ने मात्र दो गेंदों में वोल्ल्वार्ड्ट को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद तज़मिन ब्रिग्स और मारिजाने कप भी जल्दी आउट हो गईं। इस पर वोल्ल्वार्ड्ट ने कहा, “हमारी तैयारी में कोई कमी नहीं थी। व्यक्तिगत रूप से, मैंने अपनी ट्रेनिंग में बहुत विशिष्टता रखी थी। लेकिन उस तैयारी के बावजूद, इस तरह की आसान विफलता बहुत निराशाजनक है।” यह खेल की विडंबना ही है कि कभी-कभी सबसे अच्छी तैयारी भी मैदान पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाती।
मध्य क्रम की चुनौतियाँ और कप्तान का बचाव
आंकड़ों पर गौर करें, तो 2023 की शुरुआत से दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी मजबूत रही है, खासकर वोल्ल्वार्ड्ट और ब्रिग्स की सलामी जोड़ी के कारण। लेकिन नंबर 3 से 6 तक के बल्लेबाजों का औसत 28.08 रहा है, जो इस विश्व कप में शामिल सभी आठ टीमों में सबसे खराब है। हालांकि, वोल्ल्वार्ड्ट ने अपने मध्य क्रम का बचाव किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हमारा मध्य क्रम इस साल पहले से कहीं बेहतर रहा है। सूने लूज, मारिजाने, क्लो ट्रायन और एननेरी डर्कसेन जैसे खिलाड़ियों ने पिछली कुछ सीरीज़ में खूब रन बनाए हैं।” यह दर्शाता है कि एक कप्तान के रूप में, उनका काम सिर्फ हार की वजह बताना नहीं, बल्कि टीम का मनोबल बनाए रखना भी है।
आगे का रास्ता: वापसी की उम्मीद
इस हार को भुलाकर आगे बढ़ना दक्षिण अफ्रीका के लिए बेहद ज़रूरी है। वोल्ल्वार्ड्ट ने स्पष्ट किया, “हमें इसे जितनी जल्दी हो सके, पीछे छोड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा, क्योंकि अगर हम इसे अगले गेम में ले जाएंगे, तो यह हमारे लिए एक बहुत लंबा टूर्नामेंट होगा।” उनकी टीम को अपनी पिछली गलतियों से सीखने और अनुकूलन करने की आवश्यकता है, जैसा कि पाकिस्तान के खिलाफ पिछली हार के दौरान हुआ था, जहां वे टर्निंग विकेट पर अनुकूलन नहीं कर पाए थे।
दक्षिण अफ्रीका का अगला मुकाबला 6 अक्टूबर को इंदौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ है। यह सिर्फ एक मैच नहीं होगा, बल्कि दक्षिण अफ्रीका के लिए अपनी क्षमता साबित करने और विश्व कप में अपनी उम्मीदों को ज़िंदा रखने का एक बड़ा अवसर होगा। क्रिकेट के मैदान पर हार और जीत चलती रहती है, लेकिन असली चैंपियन वही होते हैं जो हार के बाद भी आत्मविश्वास नहीं खोते और नई ऊर्जा के साथ वापसी करते हैं। वोल्ल्वार्ड्ट के शब्दों और टीम के जज़्बे को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि दक्षिण अफ्रीका की शेरनियों में अभी भी बहुत दम है, और वे एक करारी वापसी के लिए तैयार हैं।