आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का आगाज़ हो चुका है, और पहले ही मुकाबले में इंग्लैंड की महिला टीम ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। गुवाहाटी के मैदान पर शुक्रवार को खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को 10 विकेट से हराकर एकतरफा जीत दर्ज की, जिसने टूर्नामेंट में उनके दमदार अभियान की नींव रख दी है। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि स्पिन गेंदबाजों के अप्रतिम प्रदर्शन की एक गाथा थी, जिसने साबित कर दिया कि क्रिकेट में कला और रणनीति का संगम कैसे मैच का रुख मोड़ सकता है।
गुवाहाटी में स्पिन का जलवा: दक्षिण अफ्रीका का शर्मनाक पतन
मैच का टॉस इंग्लैंड ने जीता और पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया, जो कि एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। गुवाहाटी की पिच पर शुरुआती ओवरों से ही गेंदबाजों को कुछ मदद मिल रही थी, लेकिन इंग्लैंड की स्पिन तिकड़ी ने इसका जिस कुशलता से फायदा उठाया, वह देखने लायक था। लिंसी स्मिथ, सोफी एक्लेस्टोन और चार्ली डीन की घूमती गेंदों ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को मानो हिप्नोटाइज कर दिया।
दक्षिण अफ्रीका की पारी की शुरुआत ही खराब रही। कप्तान लौरा वोलवार्ड्ट को लिंसी स्मिथ ने दूसरे ओवर की दूसरी गेंद पर ही पवेलियन भेज दिया। इसके बाद तज़मिन ब्रिट्स और अनुभवी मैरिज़ेन कैप भी स्मिथ की फिरकी का शिकार बनीं। स्मिथ ने अपने चार ओवर में मात्र 7 रन देकर 3 विकेट झटके, जो उनके करियर के बेहतरीन स्पेल में से एक था। उनकी गेंदों में कोण और गति का ऐसा मेल था कि दक्षिण अफ्रीका की टॉप ऑर्डर की धुरंधर बल्लेबाजें क्रीज़ पर टिक नहीं पाईं।
तेज़ गेंदबाज लॉरेन बेल ने सुने लूस को आउट कर दक्षिण अफ्रीका को और मुश्किल में डाला, और जल्द ही स्कोरबोर्ड 6 ओवर में 19 रन पर 4 विकेट दिखा रहा था। यहां से वापसी की उम्मीदें धूमिल होती चली गईं। इंग्लैंड की कप्तान नेट साइवर-ब्रंट ने भी गेंद थामी और दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका की रही-सही उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
यह कहना गलत नहीं होगा कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी इकाई पूरी तरह बिखर गई। उनके लिए सबसे अधिक रन (22) विकेटकीपर बल्लेबाज सिनालो जाफ़्टा ने बनाए, जिन्होंने सिर्फ अपनी टीम को महिला विश्व कप में अपने सबसे कम स्कोर (51) से बचने भर का प्रयास किया। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका अपना ही शर्मनाक रिकॉर्ड तोड़ देगी। अंततः पूरी टीम 69 रनों के मामूली स्कोर पर ढेर हो गई, जो आईसीसी महिला विश्व कप में उनका दूसरा सबसे कम स्कोर है। यह आंकड़ा ही इंग्लैंड की गेंदबाजों के दबदबे को बयां करने के लिए काफी है।
इंग्लैंड की सहज चेज़: बल्लेबाजों का आत्मविश्वास
महज 70 रनों का लक्ष्य, क्रिकेट के मैदान पर अक्सर `खतरनाक` माना जाता है, क्योंकि दबाव कई बार बल्लेबाजों को गलतियां करने पर मजबूर कर देता है। लेकिन इंग्लैंड की ओपनर एमी जोन्स और टैमी ब्यूमोंट ने किसी भी तरह की जल्दबाजी या दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
एमी जोन्स (40*) और टैमी ब्यूमोंट (21*) ने समझदारी और आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की। दक्षिण अफ्रीका की अनुभवी तेज़ गेंदबाज मैरिज़ेन कैप ने कुछ अच्छी गेंदें डालीं, लेकिन छोटे लक्ष्य को बचाना उनके अकेले के वश में नहीं था। इंग्लैंड ने बिना कोई विकेट खोए, 14.1 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया, और इस तरह 10 विकेट की एक शानदार जीत अपने नाम कर ली। यह जीत न केवल बड़ी थी, बल्कि बेहद प्रभावी भी थी, जिसने दिखाया कि इंग्लैंड की टीम कितनी संतुलित और तैयार है।
क्या यह सिर्फ एक जीत थी या एक चेतावनी?
यह जीत सिर्फ विश्व कप अभियान की एक शुरुआत नहीं है, बल्कि बाकी टीमों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। इंग्लैंड ने दिखाया है कि उनके पास एक ऐसा स्पिन आक्रमण है जो किसी भी पिच पर कहर बरपा सकता है। लिंसी स्मिथ, सोफी एक्लेस्टोन और चार्ली डीन की तिकड़ी ने अपनी कला से मैच का पासा पलटा। इस जीत ने इंग्लैंड को आत्मविश्वास की एक बड़ी खुराक दी है और वे आने वाले मैचों में इसी लय को बनाए रखने की उम्मीद करेंगे।
वहीं, दक्षिण अफ्रीका को इस हार से सबक सीखने की जरूरत है। उनकी बल्लेबाजी इकाई को एकजुटता दिखानी होगी और पिच की परिस्थितियों के अनुसार खेलने की रणनीति बनानी होगी। विश्व कप एक लंबा टूर्नामेंट है, और इस तरह की शुरुआती हार से उबरना आसान नहीं होता, लेकिन अनुभवी टीम के रूप में उन्हें जल्द ही अपनी गलतियों को सुधारना होगा।
संक्षेप में कहें तो, गुवाहाटी में इंग्लैंड ने अपनी स्पिन शक्ति का प्रदर्शन किया और दक्षिण अफ्रीका पर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। यह जीत आने वाले हफ्तों में टूर्नामेंट की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। क्रिकेट के दीवानों के लिए यह विश्व कप निश्चित रूप से रोमांचक होने वाला है!