महिला क्रिकेट के मैदान से एक ऐसी खबर आई है, जिसने पूरे देश को खुशी से सराबोर कर दिया है। 2025 महिला एकदिवसीय विश्व कप में भारतीय महिला टीम ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को एकतरफा मुकाबले में 88 रनों से करारी शिकस्त दी है। श्रीलंका के आर प्रेमदासा स्टेडियम में हुए इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया, और यह जीत सिर्फ एक मैच की जीत नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीय प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाली जीत है। आखिर पाकिस्तान के खिलाफ जीत का स्वाद हमेशा ही कुछ खास होता है, है ना?
संघर्षपूर्ण पिच, शानदार प्रदर्शन: भारत की बल्लेबाजी और गेंदबाजी का जादू
पिच धीमी और मुश्किल थी, जहाँ रन बनाना आसान नहीं था। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 247 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर बेशक विशाल नहीं था, लेकिन ऐसी पिच पर यह किसी लक्ष्य से कम भी नहीं था। फिर मैदान पर उतरी हमारी भारतीय शेरनियाँ और उन्होंने दिखा दिया कि कैसे कम स्कोर को भी बचाव किया जा सकता है। पाकिस्तान की टीम 159 रनों पर ढेर हो गई और भारत ने 88 रनों से शानदार जीत दर्ज की। यह तो वही बात हुई, “हम तो तुम्हें 200 के अंदर समेटने आए थे, तुमने खुद ही अपने आप को समेट लिया!”
जीत के नायक: गेंदबाजों का कहर और बल्लेबाजों का संयम
इस जीत की असली सूत्रधार रहीं हमारी गेंदबाज। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी अपनी गेंदबाजों को ही जीत का श्रेय दिया। क्रांति गौड़ और दीप्ति शर्मा ने तीन-तीन विकेट लेकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। खासकर क्रांति गौड़ का प्रदर्शन अविश्वसनीय था, जिन्होंने मात्र 20 रन देकर 3 विकेट झटके। मैच के बाद क्रांति ने अपनी यह उपलब्धि अपने गाँव घुवारा, छतरपुर, मध्य प्रदेश के लोगों को समर्पित की। कल्पना कीजिए, गाँव में बड़ी एलईडी स्क्रीन पर मैच देखने वाले लोगों का उत्साह! यह सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरे गाँव की जीत थी।
बल्लेबाजी में जहाँ पिच पर संघर्ष दिखा, वहीं रिचा घोष ने मुश्किल समय में 25 रनों की तेज तर्रार पारी खेलकर टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। उनके ये 25 रन किसी अर्धशतक से कम नहीं थे, क्योंकि उन्होंने टीम को वह “महत्वपूर्ण 30 रन” दिलाए, जिसकी बात कप्तान हरमनप्रीत ने की। यह दिखाता है कि क्रिकेट सिर्फ बड़े स्कोर का खेल नहीं, बल्कि सही समय पर बनाए गए छोटे और प्रभावी योगदान का भी खेल है।
कप्तान हरमनप्रीत की रणनीति और भविष्य की चुनौतियाँ
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, “यह हम सभी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण खेल था और मुझे यकीन है कि घर पर भी सभी लोग इस जीत से बहुत खुश होंगे। हमारी गेंदबाजी शानदार थी।” उन्होंने आगे बताया कि टीम इस लय को आगे के मैचों में भी बरकरार रखना चाहती है। भारत अब 9 अक्टूबर को विशाखापट्टनम में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा, और उसके बाद 12 अक्टूबर को इसी मैदान पर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगा। भारतीय टीम की नजरें अब आगामी चुनौतियों पर टिकी हैं, जहाँ उन्हें घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाना होगा। हरमनप्रीत ने कहा, “बहुत से क्षेत्र हैं जिन पर हमें काम करना है, लेकिन हम जीत से खुश हैं, बस इस गति को बनाए रखना चाहते हैं।”
पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति: कहाँ हुई चूक?
दूसरी ओर, पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना ने अपनी टीम की हार स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने पावरप्ले और डेथ ओवरों में बहुत अधिक रन दे दिए। उन्होंने सिदरा अमीन की 81 रनों की जुझारू पारी की सराहना की, लेकिन यह स्वीकार किया कि टीम को 200 रनों के भीतर रोकना चाहिए था। उनकी यह स्वीकारोक्ति दिखाती है कि भारतीय गेंदबाजों ने कितना शानदार प्रदर्शन किया। जब सामने वाली टीम का कप्तान भी आपकी तारीफ करे, तो समझ लीजिए खेल कितना जबरदस्त रहा होगा!
निष्कर्ष: गर्व का पल और आगे की उम्मीदें
यह भारत की महिला एकदिवसीय क्रिकेट में पाकिस्तान पर 12वीं जीत है और इस जीत के साथ भारतीय टीम अंक तालिका में शीर्ष पर पहुँच गई है। यह जीत न केवल टीम का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि देश में महिला क्रिकेट के प्रति जुनून को और गहरा करेगी। जब हमारी बेटियाँ मैदान पर ऐसा प्रदर्शन करती हैं, तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। आगामी मैचों में भी हम उनसे इसी तरह के दमदार प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। भारतीय महिला टीम, आगे बढ़ो और विश्व कप लाओ! देश आपके साथ है!