मुल्डर ने तोड़े कई रिकॉर्ड, टेस्ट इतिहास की पाँचवीं सबसे बड़ी पारी

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क्रिकेट की दुनिया में रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए हैं, लेकिन कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो जाते हैं। हाल ही में ज़िम्बाब्वे के बुलावायो में खेले गए टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया। अपनी अद्भुत 367* रन की पारी के साथ, उन्होंने न सिर्फ अपनी टीम को मजबूती दी, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के कई स्थापित कीर्तिमानों को चुनौती देते हुए नए मानक भी स्थापित किए। उनकी यह पारी आकड़ों के लिहाज से किसी चमत्कार से कम नहीं थी, और इसने उन्हें तत्काल प्रभाव से क्रिकेट इतिहास की चर्चाओं का हिस्सा बना दिया।

मुल्डर का 367* का स्कोर अब टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। यह उपलब्धि उन्हें ब्रायन लारा (400* और 375), मैथ्यू हेडन (380), और महेला जयवर्धने (374) जैसे दिग्गजों की सूची में ले आई है। 350 से अधिक रन बनाने वाले वे छठे और हाशिम अमला के बाद तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बने हैं।

लेकिन सिर्फ कुल स्कोर ही कहानी नहीं है। मुल्डर की पारी का एक पहलू इसे और भी खास बनाता है: यह विदेश में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत टेस्ट स्कोर है। उन्होंने 1958 में वेस्टइंडीज के खिलाफ Bridgetown में हनीफ मोहम्मद द्वारा बनाए गए 337 रनों के 60 साल से भी अधिक पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह दर्शाता है कि उन्होंने न सिर्फ घरेलू परिस्थितियों में, बल्कि चुनौतीपूर्ण विदेशी धरती पर भी असाधारण प्रदर्शन किया।

आक्रामकता की बात करें तो मुल्डर किसी से पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपना तिहरा शतक बनाने के लिए सिर्फ 297 गेंदें खेलीं, जो टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक है। इस मामले में वे केवल विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (278 गेंद) से पीछे हैं, जिन्होंने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही यह कारनामा किया था। तिहरे शतक तक पहुँचने के लिए 109.88 की स्ट्राइक रेट के साथ, मुल्डर और सहवाग (104.93) ही ऐसे दो बल्लेबाज हैं जिन्होंने इस उपलब्धि को 100 से अधिक की स्ट्राइक रेट से हासिल किया। यानी, तिहरा शतक भी `क्लास` के साथ `मास` का संगम!

इस पारी में मुल्डर ने एक और दुर्लभ रिकॉर्ड बनाया। वे एक ही टेस्ट पारी के दो अलग-अलग सत्रों में 100 से अधिक रन बनाने वाले सिर्फ तीसरे बल्लेबाज बने। उनसे पहले यह कमाल केवल सर डॉन ब्रैडमैन और मैथ्यू हेडन ही कर पाए थे। यह उनकी एकाग्रता और बल्लेबाजी की निरंतरता का बेजोड़ प्रमाण है। साथ ही, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए तिहरा शतक लगाने वाले वे टेस्ट इतिहास के सिर्फ तीसरे खिलाड़ी हैं।

अगर आप सिर्फ बाउंड्री के फैन हैं, तो मुल्डर ने आपको भी निराश नहीं किया। उनकी 367* रन की पारी में 53 बाउंड्री शामिल थीं (49 चौके और 4 छक्के), जो एक टेस्ट पारी में दूसरी सबसे ज्यादा बाउंड्री हैं। इस मामले में वे केवल जॉन एडरिच (57 बाउंड्री) से पीछे हैं। बाउंड्री से उन्होंने कुल 220 रन बटोरे, जो इस आंकड़े में भी दूसरा सबसे बड़ा आँकड़ा है। उनकी और पारी के दूसरे सबसे बड़े स्कोर (डेविड बेडिंगहम के 82 रन) के बीच 285 रनों का अंतर टेस्ट पारी में टॉप दो स्कोरों के बीच तीसरा सबसे बड़ा अंतर है। मतलब, मुल्डर ने या तो खुद रन बनाए, या बाकी बल्लेबाज बस दर्शक थे (मज़ाक है)।

यह सिर्फ एक पारी की बात नहीं है। इस द्विपक्षीय श्रृंखला में मुल्डर का कुल योग अब तक 531 रन है, जो दो मैचों की श्रृंखला में पाँचवाँ सबसे ज्यादा कुल स्कोर है। उनकी इस शानदार बल्लेबाजी के दम पर, दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी 626/5 रन बनाकर घोषित की। यह स्कोर 5.49 की प्रभावशाली रन रेट से बना, जो टेस्ट क्रिकेट में 600 से अधिक के स्कोर के लिए दूसरी सबसे तेज रन रेट है।

और हाँ, यह सब उनकी पहली टेस्ट कप्तानी पारी में हुआ। इस पारी में 250 रन का आंकड़ा पार करने वाले वे पहले खिलाड़ी बन गए थे, इससे पहले कि वे 300 और 350 का आंकड़ा पार करते हुए ऐतिहासिक 367* रन तक पहुँचे।

कुल मिलाकर, वियान मुल्डर की यह पारी सिर्फ एक बड़ा स्कोर नहीं है; यह आँकड़ों का एक ऐसा अंबार है जिसने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में उनका नाम कई बार दर्ज करवाया है। चाहे वह सर्वोच्च विदेशी स्कोर हो, सबसे तेज तिहरे शतकों में से एक हो, या एक ही पारी में एकाधिक सत्रों में शतक बनाने की बात हो, मुल्डर ने दिखाया है कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं और उनमें रिकॉर्ड बुक को फिर से लिखने की क्षमता है। क्रिकेट प्रेमी निश्चित रूप से उनकी अगली पारियों का बेसब्री से इंतजार करेंगे।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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