हाल ही में संपन्न हुए एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को धूल चटाकर शानदार जीत हासिल की। इस रोमांचक मुकाबले के हीरो रहे युवा बल्लेबाज टिल्लक वर्मा, जिनकी नाबाद 69 रनों की पारी ने भारत को मुश्किलों से निकालकर जीत दिलाई। मैच के बाद से ही सोशल मीडिया पर `ऑपरेशन तिलक` नाम का एक टैग तेजी से वायरल हो रहा था। लेकिन इस युवा सितारे ने अपनी जीत और इस टैग को लेकर क्या कहा? आइए जानते हैं, कैसे उन्होंने अपनी विनम्रता और परिपक्वता से एक बार फिर सबका दिल जीत लिया।
`ऑपरेशन तिलक` से `ऑपरेशन सिंदूर` तक: एक युवा खिलाड़ी की राष्ट्र के प्रति भावना
सोशल मीडिया पर जहां प्रशंसक टिल्लक वर्मा की बल्लेबाजी को `ऑपरेशन तिलक` का नाम दे रहे थे, वहीं खुद टिल्लक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पाकिस्तान पर इस जीत को `ऑपरेशन सिंदूर ऑन द गेम्स फील्ड` कहा था।
“सबसे पहले तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे `ऑपरेशन सिंदूर` कहा था, लेकिन इसे `ऑपरेशन तिलक` कहना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। खेल में, हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। सही समय पर और सही पल में मुझे अवसर मिला। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने अपने देश के लिए कुछ किया है।”
— टिल्लक वर्मा
उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि युवा टिल्लक अपने व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और सेवा को रखते हैं। सोमवार को जब वह हैदराबाद पहुंचे, तो हवाई अड्डे पर प्रशंसकों ने उनका जोरदार स्वागत किया, जो उनकी इस भावना और प्रदर्शन की गवाही देता है।
जब दबाव में भी कायम रही शान: 20/3 से 147 रनों का सफर
फाइनल मुकाबले में 147 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम एक समय 20 रन पर 3 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी। ऐसे में 22 वर्षीय बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने न केवल धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की, बल्कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों द्वारा की गई मौखिक चुनौतियों (वर्बल वॉली) का भी संयम से सामना किया। उनकी नाबाद 69 रनों की पारी ने भारत को पांच विकेट से जीत दिलाई।
टिल्लक ने यह भी स्वीकार किया कि शुरुआती दबाव और विरोधी टीम के आक्रामक रवैये के बावजूद, उन्होंने खुद को शांत रखा। उन्होंने जीत का श्रेय टीम की साझेदारियों को दिया, खासकर ऐसे पिच पर जहां बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। “सूर्य भाई के `नो राइवलरी` वाले बयान से मैं सहमत हूं, लेकिन यह खेल है और हम जानते थे कि वे फाइनल के लिए पूरी तैयारी के साथ आएंगे। जब उन्होंने गेंद की गति धीमी की और पिच भी बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी, तब हम तैयार थे। हमने कुछ अच्छी साझेदारियां कीं और मैच जीता, जिस पर हमें गर्व है।” उन्होंने कहा। यह दिखाता है कि सिर्फ व्यक्तिगत प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि टीमवर्क पर भी उनका पूरा भरोसा है।
विराट कोहली से तुलना? युवा टिल्लक की विनम्र प्रतिक्रिया
अपने मैच जिताऊ प्रदर्शन के बाद, कुछ प्रशंसकों और क्रिकेट विशेषज्ञों ने टिल्लक वर्मा की तुलना `चेज मास्टर` विराट कोहली से करना शुरू कर दिया। यह किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए एक बहुत बड़ी प्रशंसा है, लेकिन टिल्लक ने इस पर भी अपनी परिपक्वता का परिचय दिया।
“जब आपको विराट भाई जैसे दिग्गज के साथ एक ही सांस में बोला जाता है तो यह हमेशा गर्व की बात होती है। लेकिन मेरा ध्यान सिर्फ देश के लिए मैच जीतने पर है।”
— टिल्लक वर्मा
उनके इस बयान में स्पष्टता और लक्ष्य के प्रति समर्पण झलकता है। वह जानते हैं कि तुलनाएं एक खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती हैं, लेकिन उनका असली काम मैदान पर अपने देश के लिए प्रदर्शन करना है। यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट को एक ऐसा युवा सितारा मिल रहा है, जो न केवल प्रतिभा से भरपूर है, बल्कि मानसिक रूप से भी काफी मजबूत और जमीन से जुड़ा हुआ है।
टिल्लक वर्मा की एशिया कप 2025 में जीत और उसके बाद की प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि वह सिर्फ एक शानदार क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक विनम्र और राष्ट्रभक्त युवा भी हैं। `ऑपरेशन तिलक` जैसे टैग्स से ऊपर उठकर, उनका ध्यान सिर्फ देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है। उनकी यह सोच और मैदान पर उनका शांत स्वभाव भारतीय क्रिकेट के उज्जवल भविष्य का संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह युवा प्रतिभा आने वाले समय में कितनी ऊंचाइयों को छूती है, लेकिन एक बात तो तय है – टिल्लक वर्मा सिर्फ रन नहीं बनाते, वे उम्मीदें और विश्वास भी जगाते हैं।