क्रिकेट की दुनिया में, एक तेज गेंदबाज का करियर अक्सर शारीरिक और मानसिक दृढ़ता की कसौटी पर खरा उतरता है। उनकी गति, शक्ति और मैदान पर जुनून ही उन्हें भीड़ से अलग पहचान दिलाते हैं, लेकिन यही गुण उन्हें चोटों के करीब भी लाते हैं। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्पेंसर जॉनसन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। हाल ही में पीठ में स्ट्रेस फ्रैक्चर का पता चलने के बाद, उनका आगामी बिग बैश लीग (BBL) और अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप में खेलने का सपना अधर में लटक गया है। एक ऐसी स्थिति, जहाँ शरीर कहता है `सब ठीक है`, लेकिन विशेषज्ञ रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयाँ करती है।

चोट का रहस्य और देर से पहचान
जॉनसन की अनुपस्थिति पिछले कुछ समय से ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम में एक रहस्य बनी हुई थी। विशेष रूप से मिशेल स्टार्क के प्रारूप से संन्यास लेने के बाद, कई लोगों को उम्मीद थी कि यह युवा बाएं हाथ का तेज गेंदबाज उनकी जगह भरेगा। पहले उन्हें पीठ की चोट के कारण कैरेबियन टी20 दौरे से बाहर किया गया, फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20आई और वनडे श्रृंखला के लिए भी उनका चयन नहीं हुआ। चोट की गंभीरता का खुलासा सितंबर तक नहीं हुआ, जब ऑस्ट्रेलियाई चयन समिति के अध्यक्ष जॉर्ज बेली ने बताया कि जॉनसन का नए साल तक खेलना मुश्किल होगा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जॉनसन को यह स्ट्रेस फ्रैक्चर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान ही हो गया था, लेकिन इसकी औपचारिक पहचान कैरेबियन दौरे से ठीक पहले हुई। जॉनसन खुद इस देरी से खासे निराश हैं। उनका मानना था कि यह पुरानी डिस्क की समस्या है, जिससे वह पहले भी जूझ चुके थे। एक `लेट ब्लूमर` के रूप में, जिसने पेशेवर क्रिकेट में देर से कदम रखा, जॉनसन के लिए यह समझना मुश्किल है कि 29 साल की उम्र में एक `ताजा` स्ट्रेस फ्रैक्चर कैसे हो गया, जबकि पहले कभी ऐसी चोट का अनुभव नहीं हुआ था। यह चोट की पहचान में हुई चूक ही उनकी सबसे बड़ी फ्रस्ट्रेशन का कारण बनी है।
“पीठ, सच कहूँ तो, ठीक महसूस कर रही है,” जॉनसन ने हाल ही में मेलबर्न में एक BBL किट लॉन्च इवेंट में कहा। “स्ट्रेस फ्रैक्चर ऐसी चीजें हैं जहाँ वे अच्छे लगते हैं, लेकिन यह सिर्फ इंतजार का खेल है। अगले कुछ दिनों में मेरा स्कैन होगा, और उस परिणाम के आधार पर, हम उम्मीद करते हैं कि वापसी की तारीख का पता चल पाएगा। मुझे लगता है कि यह बिग बैश के आसपास किसी न किसी क्षमता में होना चाहिए, चाहे वह शुरुआत में हो या उसके दौरान। यह निराशाजनक है, लेकिन जो है सो है।”
एक उभरते सितारे के लिए अग्निपरीक्षा
यह चोट जॉनसन के लिए सबसे बुरे समय में आई है। 2024 के इंग्लैंड के सीमित ओवरों के दौरे को चोट के कारण गंवाने के बाद, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू टी20आई श्रृंखला में शानदार वापसी की थी, जिसमें सिडनी में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय पांच विकेट हॉल भी शामिल था। ऑस्ट्रेलिया के बड़े तीन तेज गेंदबाजों की चोटों ने जॉनसन के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का रास्ता खोला, जहां उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ बारिश से प्रभावित मैच में अच्छा प्रदर्शन किया।
लेकिन लगातार चार सफेद गेंद वाली श्रृंखलाओं से बाहर रहना, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे और भारत के खिलाफ आगामी वनडे और टी20आई शामिल हैं, उनके लिए टी20 विश्व कप टीम में वापसी की राह को बेहद मुश्किल बना देता है। खासकर तब, जब साथी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बेन द्वारशुइस ने हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। क्रिकेट में अवसर सीमित होते हैं, और एक चूक गया अवसर अक्सर दूसरे खिलाड़ी के लिए द्वार खोल देता है। यह जॉनसन के लिए एक कठिन लेकिन महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा है।
रिकवरी का मार्ग और भविष्य की रणनीति
फिलहाल, जॉनसन एडिलेड में अपनी पीठ के पुनर्वास में लगे हुए हैं। वह अपनी कंधे की गतिशीलता बनाए रखने और अपने कोर को मजबूत करने के लिए परिश्रम से पिलाटेस और तैराकी कर रहे हैं। रिकवरी के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया और ब्रिस्बेन हीट के टीम साथी जेवियर बार्टलेट का सहारा मिला है, जो खुद कई स्ट्रेस फ्रैक्चर से उबर चुके हैं। ऐसे में अनुभवी खिलाड़ियों की सलाह किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए अमूल्य होती है, जो मानसिक और शारीरिक दोनों मोर्चों पर राहत प्रदान करती है।
वापसी के बाद उन्हें अपनी गेंदबाजी एक्शन पर भी कुछ सुधारात्मक कार्य करना होगा। इसके लिए वह राष्ट्रीय तेज गेंदबाजी कोच एडम ग्रिफिथ, हीट के गेंदबाजी कोच एंडी बिचेल और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के कोच रयान हैरिस से संपर्क करेंगे। तीनों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण ही जॉनसन की सुरक्षित और प्रभावी वापसी सुनिश्चित करेगा। यह एक टीम प्रयास है, जिसका लक्ष्य जॉनसन को न केवल मैदान पर वापस लाना है, बल्कि उन्हें पहले से भी बेहतर और मजबूत बनाना है।
आगे की राह: आशा और यथार्थ का मिश्रण
जॉनसन ने स्वीकार किया है कि इस कैलेंडर वर्ष में सफेद गेंद क्रिकेट के ढेरों अवसर थे, और वह सर्दियों में ऑस्ट्रेलिया में रहकर इस गर्मी को अपने लिए एक बड़ा अवसर बनाना चाहते थे। दुर्भाग्यवश, ऐसा नहीं हो पाया। लेकिन वह अभी भी क्रिसमस के बाद बहुत सारे क्रिकेट खेलने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें टी20 विश्व कप भी शामिल है – एक ऐसा टूर्नामेंट जिसका वह हिस्सा बनना बेहद पसंद करेंगे।
स्पेंसर जॉनसन की कहानी कई युवा खिलाड़ियों के लिए एक सबक है। चोटें खेल का एक अभिन्न अंग हैं, लेकिन उनसे उबरने की दृढ़ता और सही मार्गदर्शन ही एक खिलाड़ी को दोबारा मजबूत बनाता है। जॉनसन के लिए यह सिर्फ एक शारीरिक चोट नहीं, बल्कि मानसिक चुनौती भी है, जिससे उन्हें लड़ना होगा। उम्मीद है कि वह जल्द ही स्वस्थ होकर मैदान पर लौटेंगे और अपनी तेज गेंदबाजी से एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीतेंगे। उनकी वापसी न केवल उनके लिए, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजी इकाई के लिए भी महत्वपूर्ण होगी।
