रणजी ट्रॉफी में बीसीसीआई की डिजिटल चूक: खान बंधुओं के नाम का घालमेल और क्रिकेट प्रेमियों की हैरानी

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क्रिकेट का घरेलू महासंग्राम रणजी ट्रॉफी शुरू हो चुका है, और पहले ही मैच में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के स्कोरबोर्ड ने एक ऐसी `गुगली` फेंकी जिसने मैदान से ज्यादा डिजिटल दुनिया में तहलका मचा दिया। मुंबई के प्रतिभाशाली खान बंधुओं – सरफराज और मुशीर – के नाम में हुई एक साधारण सी चूक ने न केवल प्रशंसकों को असमंजस में डाला, बल्कि खेल प्रशासन में सटीकता के महत्व पर भी एक दिलचस्प बहस छेड़ दी।

श्रीनगर में हुई अजीबोगरीब `ओपनिंग`

यह घटना बुधवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में मुंबई और जम्मू-कश्मीर के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के शुरुआती मुकाबले में घटी। बीसीसीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव स्कोरकार्ड ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया। पहली नजर में ऐसा लगा कि मुंबई के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान, जो अपनी विस्फोटक मध्यक्रम बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, पारी की शुरुआत करने आए हैं। इससे भी चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें तेज गेंदबाज औकिब नबी ने बिना कोई रन बनाए आउट कर दिया था, यानी एक `डक` पर पवेलियन लौट गए।

यह खबर तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सरफराज खान, जो इस समय भारतीय टेस्ट टीम में मध्यक्रम के स्थान के लिए प्रबल दावेदार हैं, उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में शून्य पर आउट होते देखना किसी बड़े क्रिकेट ड्रामे से कम नहीं था। प्रशंसकों के लिए यह एक पहेली थी कि आखिर सरफराज ने अपनी बल्लेबाजी क्रम क्यों बदला?

जब डिजिटल दुनिया ने सच उजागर किया

सोशल मीडिया पर सक्रिय क्रिकेट प्रशंसकों ने तुरंत इस विसंगति को पकड़ा। ट्विटर (अब X) और अन्य प्लेटफॉर्म पर सवालों और टिप्पणियों की बाढ़ आ गई, जिसमें बीसीसीआई के स्कोरकार्ड की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए। यह डिजिटल युग की खासियत है कि एक छोटी सी गलती भी पलक झपकते ही लाखों लोगों तक पहुंच जाती है और उस पर चर्चा शुरू हो जाती है।

कुछ ही समय में बीसीसीआई ने अपनी गलती को पहचाना और स्कोरकार्ड को ठीक किया। पता चला कि पारी की शुरुआत सरफराज ने नहीं, बल्कि उनके छोटे भाई मुशीर खान ने की थी, और वही तीन गेंदों पर बिना खाता खोले आउट हुए थे। यह सुधार होते ही प्रशंसकों ने राहत की सांस ली, लेकिन तब तक यह घटना क्रिकेट जगत में एक मजेदार किस्से के रूप में दर्ज हो चुकी थी।

मैदान पर असल सरफराज का जलवा

इस स्कोरबोर्ड की `डिजिटल गुगली` के बाद, जब असली सरफराज खान पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे, तो उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में कुछ शानदार बाउंड्री लगाकर जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों पर दबाव बनाया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि उनका काम रन बनाना है, न कि स्कोरबोर्ड की गलतियों को सुलझाना।

मैच में मुशीर के शुरुआती विकेट के बाद, आयुष म्हात्रे और कप्तान अजिंक्य रहाणे ने दूसरे विकेट के लिए 61 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। म्हात्रे ने 28 और रहाणे ने 27 रन बनाकर मुंबई की पारी को संभाला। यह दर्शाता है कि एक तकनीकी चूक के बावजूद, मैदान पर खेल अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा।

गलती से मिली सीख

यह घटना केवल एक मामूली स्कोरबोर्ड की गलती नहीं थी, बल्कि यह खेल प्रशासन में सटीकता और सावधानी के महत्व पर प्रकाश डालती है। जब लाखों आंखें और कान हर पल खेल से जुड़े होते हैं, तो एक छोटी सी चूक भी बड़े भ्रम का कारण बन सकती है। यह उन युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक मजेदार सबक है, जिनके बड़े भाई का नाम कभी-कभी उनके लिए `पहचान का बोझ` बन जाता है, जैसा कि इस मामले में मुशीर खान के साथ हुआ।

क्रिकेट का खेल अनिश्चितताओं से भरा है, लेकिन कभी-कभी मैदान के बाहर की `घटनाएं` भी उतनी ही यादगार बन जाती हैं। सरफराज और मुशीर खान के नाम का यह घालमेल शायद बीसीसीआई के इतिहास में एक मजेदार किस्से के रूप में दर्ज हो जाएगा, जो हमें याद दिलाएगा कि आखिर इंसान ही गलतियों का पुतला होता है, चाहे वह कितना भी बड़ा और तकनीकी रूप से उन्नत संस्थान क्यों न हो। यह घटना हमें मुस्कुराने का एक मौका देती है और साथ ही यह भी बताती है कि खेल में जुनून और इंसानी त्रुटियों का मेल कितना दिलचस्प हो सकता है।

निरव धनराज

दिल्ली के प्रतिभाशाली खेल पत्रकार निरव धनराज हॉकी और बैडमिंटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में खिलाड़ियों की मानसिकता की गहरी समझ झलकती है।

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