जेक लेहमन और हेनरी हंट ने शानदार शतक जड़कर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
एडेलेड ओवल में शेफ़ील्ड शील्ड 2025/26 के दूसरे मैच के पहले दिन क्रिकेट प्रशंसकों को एक ऐसी कहानी देखने को मिली, जो खेल के अनिश्चित स्वभाव को बखूबी बयां करती है। जहां एक ओर विक्टोरिया की शुरुआती सफलता ने मैच पर अपनी पकड़ बनाने की उम्मीद जगाई, वहीं दूसरी ओर साउथ ऑस्ट्रेलिया के दो बल्लेबाजों, हेनरी हंट और जेक लेहमन ने अपनी दृढ़ता और कौशल से बाज़ी पलट दी। यह सिर्फ रनों का खेल नहीं था, बल्कि दबाव में धैर्य और वापसी की एक अद्भुत गाथा थी।
साउथ ऑस्ट्रेलिया: 270/3 (हंट 121*, लेहमन 107*, पेरी 3-61)
विक्टोरिया: (अभी बल्लेबाजी नहीं की)
शुरुआती झटका: जब विक्टोरिया ने कस ली थी लगाम
जब विक्टोरिया के कप्तान पीटर हैंड्सकॉम्ब ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, तो उनके गेंदबाजों ने इस निर्णय को सही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुबह के सत्र में तेज गेंदबाज मिचेल पेरी ने अपनी शानदार स्विंग गेंदबाजी से साउथ ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम को झकझोर दिया। एक समय पर, गत चैंपियन साउथ ऑस्ट्रेलिया 58 रनों पर अपने 3 महत्वपूर्ण विकेट गंवा चुकी थी। पवेलियन लौटते बल्लेबाजों को देखकर ऐसा लग रहा था मानो विक्टोरिया ने मैच की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। क्रिकेट पंडित भी विक्टोरिया के इस प्रभावशाली प्रदर्शन की तारीफ कर रहे थे, और साउथ ऑस्ट्रेलिया के खेमे में चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थीं।
संकटमोचक साझेदारी: हंट और लेहमन का अभूतपूर्व प्रदर्शन
लेकिन यहीं से कहानी में एक नाटकीय मोड़ आया। क्रीज पर आए हेनरी हंट और जेक लेहमन ने न सिर्फ विक्टोरिया के आक्रमण को थामा, बल्कि धीरे-धीरे मैच की दिशा भी बदल दी। हंट, जो अपनी धीमी और संयमित बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, ने एक छोर संभाले रखा, वहीं लेहमन ने अपनी कलात्मक बल्लेबाजी से रनगति को बनाए रखा। दोनों ने मिलकर विक्टोरिया के गेंदबाजों की हर रणनीति को विफल कर दिया। उनकी 212 रनों की अटूट साझेदारी ने न केवल साउथ ऑस्ट्रेलिया को संकट से उबारा, बल्कि उन्हें एक मजबूत स्थिति में भी ला खड़ा किया। यह साझेदारी सिर्फ रनों का अंबार नहीं थी, बल्कि दबाव में आत्मविश्वास और रणनीतिक खेल का एक जीता-जागता प्रमाण थी।
व्यक्तिगत चमक: शतकों का सफर
दिन के अंत तक, हेनरी हंट 300 गेंदों में 10 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 121 रन बनाकर क्रीज पर डटे रहे। यह उनके 11 शील्ड शतकों में से सबसे धीमा शतक था, जो उनकी दृढ़ता और विकेट पर टिके रहने की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वहीं, जेक लेहमन ने 180 गेंदों में 7 चौकों के साथ 107 रनों की शानदार पारी खेली। यह पिछले सीज़न से उनके चार शील्ड मैचों में चौथा शतक था, जो उनकी लगातार बेहतरीन फॉर्म का सबूत है। लेहमन की पारी ने साउथ ऑस्ट्रेलिया को न केवल स्कोरबोर्ड पर गति दी, बल्कि विक्टोरियाई गेंदबाजों पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनाया।
वह गलती जिसने बदली बाज़ी: विक्टोरिया का महंगा ड्रॉप कैच
मैच का एक निर्णायक क्षण तब आया जब हेनरी हंट 33 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और टीम का स्कोर 114 था। तेज गेंदबाज डेविड मूडी की एक वाइड डिलीवरी पर हंट ने शॉट खेला और गेंद पहली स्लिप में खड़े ब्लेक मैकडॉनल्ड्स के हाथों में चली गई। लेकिन अफसोस, कैच छूट गया! कहते हैं, क्रिकेट में कैच छोड़ना मैच छोड़ना होता है, और यह विक्टोरिया के लिए एक महंगा सबक साबित हुआ। इस कैच के छूटने के बाद हंट ने न केवल अपना शतक पूरा किया, बल्कि लेहमन के साथ मिलकर टीम को एक अजेय स्थिति में पहुंचा दिया। विक्टोरिया के कप्तान और गेंदबाज निश्चित रूप से इस अवसर को हाथ से निकल जाने का मलाल कर रहे होंगे।
गेंदबाजों की निराशा और आगे की राह
दिन के अंत तक, मिचेल पेरी 20 ओवर में 61 रन देकर 3 विकेट के साथ विक्टोरिया के लिए एकमात्र सफल गेंदबाज रहे। टेस्ट तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड 18 ओवर में कोई विकेट नहीं ले पाए, और फर्गस ओ`नील भी 21 ओवर में खाली हाथ रहे। साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिए दिन “लगभग एकदम सही” रहा, जैसा कि हंट ने खुद कहा। अब विक्टोरिया के सामने अगले दिन बड़ी चुनौती होगी, जब उन्हें साउथ ऑस्ट्रेलिया की इस साझेदारी को तोड़कर मैच में वापसी करनी होगी। वहीं, साउथ ऑस्ट्रेलिया चाहेगी कि हंट और लेहमन इस मजबूत नींव पर एक विशाल स्कोर खड़ा करें और विक्टोरिया पर और दबाव बनाएं।
यह मैच दिखाता है कि क्रिकेट में धैर्य, साझेदारी और एक छोटी सी गलती कैसे पूरे खेल का रुख पलट सकती है। साउथ ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन अपने जुझारूपन से यह साबित कर दिया कि वे क्यों गत चैंपियन हैं।