परिचय: शतरंज का बढ़ता क्रेज और एक नया कीर्तिमान
शतरंज, केवल एक खेल नहीं, बल्कि बुद्धि, रणनीति और धैर्य का एक महासंग्राम है। हर चाल, हर मोहरा एक नई कहानी गढ़ता है। इसी बुद्धिमत्ता के रोमांचक प्रदर्शन के साथ, श्रीलंका के एम्बलांगोड़ा स्थित सी ब्रीज़ होटल में 10 से 14 जुलाई 2025 तक आयोजित हुआ 12वां धमसो अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महोत्सव। इस वर्ष, महोत्सव ने अपनी भव्यता और लोकप्रियता के सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए, जिसमें कुल 536 खिलाड़ियों ने भाग लिया। यह संख्या अपने आप में श्रीलंका में शतरंज के बढ़ते हुए जुनून और वैश्विक मानचित्र पर इसकी बढ़ती पहचान का प्रमाण है।
दामसो की विरासत: एक टूर्नामेंट से कहीं बढ़कर
धमसो अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महोत्सव सिर्फ एक वार्षिक आयोजन नहीं है, बल्कि श्रीलंकाई शतरंज कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। वर्ष 2011 में अपनी स्थापना के बाद से, यह देश में एकमात्र ऐसा लंबे समय से चला आ रहा FIDE-रेटेड टूर्नामेंट है, जिसका प्रबंधन किसी स्कूल से संबंधित संस्था, यानी धर्मसोका कॉलेज के पुराने छात्रों के शतरंज संघ द्वारा किया जाता है। यह अपने आप में एक अनूठी उपलब्धि है, जो शिक्षा और खेल के बीच एक सशक्त संबंध को दर्शाता है। यह महोत्सव श्रीलंका शतरंज संघ, एशियाई शतरंज संघ और FIDE के तत्वावधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय मान्यता और महत्व को रेखांकित करता है।
इस वर्ष के संस्करण में मानक और ब्लिट्ज़ चैंपियनशिप दोनों शामिल थीं, जिसमें कुल 1.7 मिलियन श्रीलंकाई रुपये (LKR) का नकद पुरस्कार, ट्राफियां, पदक और प्रमाण पत्र दिए गए। सबसे प्रतिष्ठित `DICF प्लेयर ऑफ द ईयर` का खिताब 150,000 LKR के विशेष पुरस्कार के साथ आया। आयोजकों की समावेशिता और प्रतिभा को पहचानने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, प्रत्येक प्रतिभागी को भागीदारी का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। आखिरकार, हर प्यादे की अपनी अहमियत होती है, भले ही वह बादशाह तक न पहुँचे।
ओपन चैंपियनशिप: दिमागी लड़ाई का अखाड़ा
ओपन चैंपियनशिप में श्रीलंका के सीएम ए ए सी बी अमरसिंघे ने एक त्रुटिहीन प्रदर्शन किया, मानो वे हर चाल को पहले से ही अपने दिमाग में बुन चुके थे। उन्होंने 10 में से 9 अंक हासिल कर, केवल दो राउंड (आठ और दस) में ड्रॉ खेलकर, एक शानदार जीत दर्ज की और DICF प्लेयर ऑफ द ईयर का प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। उनकी जीत एक ऐसे कलाकार की तरह थी, जो कैनवास पर हर रंग को सोच-समझकर बिखेरता है।
उप-विजेता के लिए मुकाबला बेहद कड़ा था। ए ए एच एम बी सेनारत्ने ने 8.5 अंक के साथ पहले उप-विजेता का स्थान हासिल किया, जहाँ उन्होंने तीन अन्य दावेदारों को टाई-ब्रेक पर मात दी। के जी विमलारत्ने ने दूसरा उप-विजेता स्थान प्राप्त किया, जबकि सीएम कोसला संदीप चमकारा अमरथुंगे चौथे स्थान पर रहे। यह उन पलों में से एक था, जब हर आधा अंक मायने रखता है, और शतरंज की दुनिया में `टाई-ब्रेक` किसी छोटे-मोटे ड्रामा से कम नहीं होता!
महिला वर्ग: प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन
महिला चैंपियनशिप भी कम रोमांचक नहीं रही। यहाँ चार खिलाड़ियों के बीच 7.5/10 अंक के साथ टाई रहा, जो महिला खिलाड़ियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्रतिभा को दर्शाता है। आखिरकार, डब्ल्यूसीएम सेथुमली देवहारा पल्लियगे को टाई-ब्रेक पर चैंपियन घोषित किया गया। उनकी जीत इस बात का प्रमाण है कि शतरंज में लिंग मायने नहीं रखता, बल्कि दिमाग की धार मायने रखती है।
बी येनुथि सहानली परेरा और डब्ल्यूएफएम एम एसंडी न्यूवंशा ने क्रमशः पहले और दूसरे उप-विजेता का खिताब अपने नाम किया। वहीं, आर पी हंसाली एच त्रिनेथश्री पोडियम से मामूली अंतर से चूक गईं। यह उन क्षणों में से एक था जब हर चाल, हर निर्णय खेल का रुख बदल सकता है, और अंततः विजेता वही होता है जो दबाव में भी शांत रह सके।
निष्कर्ष: श्रीलंका में शतरंज का उज्ज्वल भविष्य
12वां धमसो अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महोत्सव 2025 न केवल एक सफल टूर्नामेंट था, बल्कि यह श्रीलंका में शतरंज के विकास और लोकप्रियता का एक सशक्त प्रतीक भी था। रिकॉर्ड-तोड़ भागीदारी और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के रोमांचक प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि शतरंज का भविष्य उज्ज्वल है। यह आयोजन युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा और श्रीलंका को वैश्विक शतरंज मानचित्र पर और भी महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा। आखिरकार, एक खेल जो दिमाग को तेज़ करता है और जीवन में रणनीति सिखाता है, उसका प्रसार क्यों न हो?