श्रेयस अय्यर का मास्टरस्ट्रोक: लाल गेंद से 6 महीने का विराम, क्या है इसके पीछे की रणनीति?

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क्रिकेट की दुनिया में अक्सर खिलाड़ी मैदान पर अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरते हैं, लेकिन कभी-कभी मैदान से दूर लिया गया फैसला भी उतना ही महत्वपूर्ण और चर्चा का विषय बन जाता है। हाल ही में, भारतीय क्रिकेट के मध्यक्रम के भरोसेमंद बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने लाल गेंद (रेड-बॉल) क्रिकेट से छह महीने का विराम लेने का अनुरोध किया, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने स्वीकार कर लिया। यह सिर्फ एक ब्रेक नहीं, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य उनके शरीर को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।

क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?

श्रेयस अय्यर, जिन्हें हम अक्सर मैदान पर शानदार शॉट्स खेलते और मुश्किल परिस्थितियों में टीम को संभालते देखते हैं, पिछले कुछ समय से पीठ की पुरानी चोट से जूझ रहे हैं। दिसंबर 2022 में शुरू हुई यह समस्या मार्च 2023 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान फिर से उभर आई, जिसके बाद उन्हें अप्रैल में सर्जरी करानी पड़ी। एक खिलाड़ी के लिए चोट से वापसी करना हमेशा एक चुनौती भरा सफर होता है, और अय्यर ने इस चुनौती को बखूबी पार भी किया था। एशिया कप में धमाकेदार वापसी के बाद, उन्होंने 2023 वनडे विश्व कप में भारत की शानदार यात्रा में अहम भूमिका निभाई।

लेकिन, कहते हैं ना, `क्रिकेट में चोटें मेहमान की तरह आती हैं, कभी-कभी तो घर ही बना लेती हैं।` अय्यर के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। वापसी के बाद भी उन्हें पीठ की समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्हें मुंबई के लिए कुछ प्रथम श्रेणी मैच छोड़ने पड़े। इसका परिणाम यह हुआ कि फरवरी 2024 में उन्हें बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर कर दिया गया, हालांकि अगले ही साल उन्हें फिर से इसमें शामिल कर लिया गया। यह उतार-चढ़ाव किसी भी एथलीट के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से थका देने वाला हो सकता है।

छह महीने का “फिटनेस निवेश”: एक नई शुरुआत की ओर

बीसीसीआई सचिव देवाजीत सैकिया ने पुष्टि की है कि अय्यर ने `लाल गेंद क्रिकेट से छह महीने का ब्रेक लेने के अपने फैसले` के बारे में बोर्ड को सूचित किया है। उनका लक्ष्य इस अवधि का उपयोग `सहनशक्ति, शरीर की लचीलापन बनाने और अपनी फिटनेस पर काम करने` के लिए करना है। यह एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है। टेस्ट क्रिकेट या प्रथम श्रेणी क्रिकेट, जिसे लाल गेंद क्रिकेट भी कहा जाता है, शारीरिक रूप से सबसे अधिक मांग वाला प्रारूप है। इसमें घंटों मैदान पर रहना, बार-बार झुकना, फील्डिंग करना और लगातार बल्लेबाजी करना, पीठ जैसी संवेदनशील जगह पर भारी दबाव डालता है।

यह ब्रेक केवल आराम नहीं है, बल्कि एक गहन प्रशिक्षण और पुनर्वास कार्यक्रम का हिस्सा है। अय्यर इस समय का उपयोग अपनी कोर स्ट्रेंथ को मजबूत करने, अपनी गतिशीलता में सुधार करने और ऐसे व्यायाम करने के लिए करेंगे जो उनकी पीठ को भविष्य के झटकों से बचा सकें। यह एक ऐसा कदम है जो उनके करियर को लंबा कर सकता है और उन्हें तीनों प्रारूपों में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।

क्या खोया, क्या पाया?

इस ब्रेक का तात्कालिक परिणाम यह होगा कि अय्यर भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच चल रहे चार दिवसीय मैच से हट गए हैं और ईरानी कप में भी नहीं खेल पाएंगे, जहां उनका रेस्ट ऑफ इंडिया टीम में चुना जाना लगभग तय था। यह तात्कालिक नुकसान जरूर है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ कहीं अधिक हो सकते हैं। भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ता भी यह समझते हैं कि एक पूरी तरह से फिट और प्रदर्शन करने वाला श्रेयस अय्यर टीम के लिए कहीं अधिक मूल्यवान है, बजाय इसके कि वह लगातार चोटों से जूझता रहे।

आकाश चोपड़ा जैसे क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अय्यर कहते हैं कि उन्हें पीठ की समस्या है, तो आपको उन पर विश्वास करना होगा। यह एक खिलाड़ी के शरीर की कहानी है, जिसे केवल वही महसूस कर सकता है। हाल ही में, फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने (पांच पारियों में 243) और आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स को फाइनल तक पहुंचाने के बाद, अय्यर फॉर्म में थे। ऐसे समय में यह फैसला लेना उनकी प्रतिबद्धता और पेशेवरता को दर्शाता है।

भविष्य की राह और सीख

श्रेयस अय्यर का यह फैसला भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करता है। यह दिखाता है कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और दीर्घायु को प्राथमिकता देना कितना आवश्यक है। आधुनिक क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम में, जहां खिलाड़ी एक के बाद एक टूर्नामेंट खेलते रहते हैं, शारीरिक और मानसिक आराम अनिवार्य हो जाता है। अय्यर ने यह साबित किया है कि कभी-कभी पीछे हटना, आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका होता है।

छह महीने बाद जब श्रेयस अय्यर लाल गेंद क्रिकेट में वापसी करेंगे, तो उम्मीद है कि वे एक मजबूत, लचीले और पहले से कहीं बेहतर एथलीट के रूप में लौटेंगे। यह सिर्फ उनके व्यक्तिगत करियर के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक जीत होगी। आखिर, एक फिट और फॉर्म में बल्लेबाज ही टीम के लिए असली “मास्टरस्ट्रोक” साबित हो सकता है।

आदित्य चंद्रमोहन

मुंबई में निवास करने वाले आदित्य चंद्रमोहन खेल पत्रकारिता में बारह वर्षों से सक्रिय हैं। क्रिकेट और कबड्डी की दुनिया में उनकी गहरी समझ है। वे खेल के सूक्ष्म पहलुओं को समझने और उन्हें सरल भाषा में प्रस्तुत करने में माहिर हैं।

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