श्रेयस अय्यर का रेड-बॉल क्रिकेट से ‘अस्थायी विराम’: क्या है फिटनेस चुनौती और आगे की राह?

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भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम के भरोसेमंद बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने टेस्ट और फर्स्ट-क्लास क्रिकेट से कुछ समय के लिए ब्रेक लेने का अनुरोध किया है। यह खबर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए चिंता और कौतूहल का विषय बन गई है। बीसीसीआई (BCCI) से किया गया यह अनुरोध अय्यर के फिटनेस regimen को फिर से ठीक करने और खुद को अगले स्तर पर तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एक ब्रेक की आवश्यकता क्यों?

अय्यर का यह निर्णय रातों-रात नहीं लिया गया है, बल्कि यह पिछले कुछ समय से चल रही उनकी फिटनेस समस्याओं का परिणाम है। 2023 में पीठ की सर्जरी से उबरने के बाद, उन्हें हाल ही में दुलीप ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया `ए` के खिलाफ चार दिवसीय मैच के दौरान फिर से असुविधा महसूस हुई। यह असहजता ही इस बड़े फैसले का मुख्य कारण बनी।

  • 2023 की सर्जरी: अय्यर पीठ की चोट के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहे थे और सर्जरी से गुजरे थे।
  • हालिया असहजता: दुलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन का प्रतिनिधित्व करते हुए और फिर लखनऊ में ऑस्ट्रेलिया `ए` के खिलाफ खेलते हुए उन्हें फिर से शारीरिक परेशानी का अनुभव हुआ।
  • बीसीसीआई से संवाद: इन अनुभवों के बाद, उन्होंने बीसीसीआई के फिजियोथेरेपिस्टों और इंडिया `ए` के कोच ऋषिकेश कानिटकर से बात की, और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को भी अपनी स्थिति से अवगत कराया। उनका स्पष्ट उद्देश्य अपने शरीर को पूरी तरह से ठीक होने का समय देना है।

आधुनिक क्रिकेट की कसौटी और खिलाड़ी का स्वास्थ्य

आज के दौर में, क्रिकेट का व्यस्त कार्यक्रम खिलाड़ियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी दबाव डालता है। तीनों प्रारूपों में लगातार खेलना, यात्रा करना और शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने का दबाव, हर खिलाड़ी की क्षमता की कसौटी है। कई बार, अपनी प्रतिभा के बावजूद, खिलाड़ियों को अपने शरीर की बात सुननी पड़ती है। श्रेयस अय्यर का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि भले ही मैदान पर एक्शन और रिकॉर्ड्स की दौड़ हो, लेकिन खिलाड़ी का दीर्घकालिक स्वास्थ्य और करियर ही अंततः सर्वोपरि होता है। यह एक ऐसा “स्मार्ट ब्रेक” है जो उन्हें भविष्य में और अधिक मजबूत होकर लौटने का अवसर देगा।

क्या होगा असर: रणजी ट्रॉफी और सफेद गेंद का भविष्य?

इस ब्रेक का सीधा असर अय्यर के लाल गेंद के करियर पर पड़ने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि वह आगामी रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए नहीं खेल पाएंगे। यह रणजी जैसी प्रतिष्ठित घरेलू प्रतियोगिता में मुंबई के लिए एक बड़ा झटका होगा, जहां अय्यर का अनुभव और प्रदर्शन काफी मायने रखता है।

हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अय्यर का यह ब्रेक केवल लाल गेंद के क्रिकेट के लिए है। वह सफेद गेंद के प्रारूप (वनडे और टी20) में खेलना जारी रखना चाहते हैं। दरअसल, वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी वनडे श्रृंखला के लिए टीम में स्वचालित पसंद माने जा रहे हैं, और टी20 टीम में भी उनके चयन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकता फिलहाल सफेद गेंद क्रिकेट में अपनी स्थिति मजबूत करना है, जहां उन्होंने हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

आगे की राह: मजबूत वापसी की उम्मीद

श्रेयस अय्यर ने स्पष्ट किया है कि वह टेस्ट करियर को अलविदा नहीं कह रहे हैं; यह केवल एक अस्थायी विराम है। एक सूत्र के अनुसार, “वह सिर्फ एक ब्रेक चाहते हैं। अपनी फिटनेस पर काम करने के बाद, वह अपने रेड-बॉल करियर को फिर से स्थापित करेंगे और पहले से ज्यादा मजबूत होकर लौटेंगे।” यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है, और भारतीय क्रिकेट प्रशंसक निश्चित रूप से उन्हें पूर्ण फिटनेस के साथ जल्द ही मैदान पर देखने की उम्मीद करेंगे। यह ब्रेक उन्हें न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी तरोताजा होने का मौका देगा, ताकि वह भविष्य में भारतीय टीम के लिए हर प्रारूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।

निष्कर्ष: श्रेयस अय्यर का यह निर्णय एक अनुभवी खिलाड़ी द्वारा अपनी फिटनेस और दीर्घकालिक करियर को प्राथमिकता देने का एक बुद्धिमान कदम है। उम्मीद है कि यह अस्थायी विराम उन्हें अपनी पीठ की समस्याओं से पूरी तरह उबरने और मैदान पर एक नए जोश के साथ वापसी करने में मदद करेगा, खासकर जब भारत को विश्व क्रिकेट में उनकी सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होगी।

प्रमोद विश्वनाथ

बेंगलुरु के वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रमोद विश्वनाथ फुटबॉल और एथलेटिक्स के विशेषज्ञ हैं। आठ वर्षों के अनुभव ने उन्हें एक अनूठी शैली विकसित करने में मदद की है।

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